मुख्यपृष्ठनए समाचारअभी नहीं मिले रियासी में यात्री बस पर हमला करने वाले आतंकी

अभी नहीं मिले रियासी में यात्री बस पर हमला करने वाले आतंकी

-हमलावर सभी विदेशी नागरिक थे, जिनके पास अमेरीकी हथियार थे

सुरेश एस डुग्गर / जम्मू

तीन दिनों से हजारों सैनिक, खोजी कुत्तों और ड्रोनों के साथ रियासी में यात्री बस पर हमले के दोषी जिन चार आतंकियों की तलाश कर रहे हैं, वे अभी तक हाथ नहीं आए हैं और न ही कोई सुराग मिला है। सिवाय इसके कि वे सभी विदेशी आतंकी हैं और उनके पास अमेरीकी एम-4 हथियार हैंं। इतना जरूर था कि इस तलाशी अभियान में हिरास्त में लिए गए 30 के करीब लोगों से मिली यह जानकरी भी चौंकाने वाली है कि ये हमलावर हाल ही में उस पार से आए थे।
अधिकारियों के बकौल, आतंकियों की तलाश में चप्पा-चप्पा छाना जा रहा है, पर सच्चाई यह है कि सैकड़ों किमी में तीन जिलों में फैले गहरे जंगल, खाईयों और नदी-नालों में उनकी तलाश का कार्य आसान नहीं है। वैसे भी अभी तक डुडू बसंतगढ़ में पिछले महीने में एक वीडीजी सदस्य की हत्या में लिप्त पांच विदेशी आतंकी हाथ नहीं आए थे और न ही राजौरी तथा पुंछ में सैनिकों पर हमला करने वाले।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक आरआर स्वैन भी इसे स्वीकार कर चुके हैं कि प्रदेश में विदेशी आतंकियों की संख्या बढ़ गई है। एक अंदाजे के अनुसार, जम्मू संभाग के सिर्फ तीन जिलों में ही इनकी संख्या 70 से अधिक हो सकती है, जिन्हें स्थानीय वर्करों का समर्थन प्राप्त है। कश्मीर में आतंकवाद को दबा देने के उपरांत आतंकियों का रुख अब जम्मू संभाग के जिलों की ओर हो चुका है। राजौरी, पुंछ, उधमपुर तथा रियासी में ये आतंकी तेजी के साथ सिर उठाने लगे हैं और डोडा, किश्तवाड़, कठुआ तथा भद्रवाह में भी वे अच्छी-खासी संख्या में मौजूद हैं।
अगर अधिकारियों पर विश्वास करें तो कश्मीर में स्थानीय युवकों का आतंकवाद से मोहभंग होने के साथ ही पाकिस्तान के लिए आतंकवाद को बरकरार रखने में पेश आने वाली दिक्कतों के लिए उसने एक बार फिर अब भाड़े के सैनिकों को इस ओर भिजवाना आरंभ कर दिया है। अधिकारी कहते हैं कि इनमें अब पाकिस्तानी सेना के रिटायर और कार्यरत सैनिक भी शामिल हैं, जो जम्मू संभाग में आतंकवाद को जीवित करने में जुटे हैं।

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