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सो रहा है ठाणे मनपा प्रशासन?… महानगरपालिका की सीमा में ६७ कुओं पर किया अतिक्रमण

सामना संवाददाता / ठाणे

पानी की भारी कमी के कारण हर महीने टैंकरों पर लाखों रुपए खर्च करने वाले घोड़बंदर के लोगों ने इसके आस-पास के ६७ कुओं पर अतिक्रमण कर घर, चाइनीज होटल और दुकानें बना ली हैं। कुछ कुएं वर्षों से कचरे से पटे पड़े हैं, जबकि अन्य में मल-जल जमा होता है। यदि इन सभी कुओं का संरक्षण घोड़बंदर क्षेत्र के बिल्डरों और निवासियों द्वारा किया गया होता तो परिसर में पानी की किल्लत नहीं होती। वहीं आम जनता इन कुओं पर काला कब्जा होने की बात कर रही है।
बता दें कि जल अभाव की समस्या झेलने के बाद ठाणे मनपा प्रशासन ने घोड़बंदर इलाके में ६७ कुओं की वैज्ञानिक तरीके से सफाई का काम शुरू किया है। मनपा के मुताबिक, ठाणे के घोड़बंदर इलाके में कुछ कुएं १०० साल पुराने हैं, लेकिन आज उन कुओं को पाटकर उन पर पेड़ों की टहनियां रख दी गई हैं। टावरों के निर्माण के लिए डेवलपर्स द्वारा कुछ कुएं खोदे गए थे। कुछ स्थानों पर निवासियों ने कुएं का उपयोग कूड़ेदान के रूप में किया। कुछ क्षेत्रों में गणेश प्रतिमा के विसर्जन के लिए इन कुओं का उपयोग किया जाता है।
राज्य सरकार से ५० करोड़ की धनराशि मिली
मानसून का मौसम आने को है। यह काम युद्धस्तर पर शुरू हो गया है। अब सवाल उठ रहा है कि मनपा कुओं पर हुए इन कब्जों को हटाने के लिए कब नोटिस देगी, कब वास्तविक कार्रवाई होगी और कब लोगों को पानी मिलेगा। कुआं संरक्षण परियोजना में सभी कुओं की खुदाई और सफाई की जा रही है। कुआं एक प्राकृतिक जलस्रोत है इसलिए इन जलस्रोतों को पुनर्जीवित किया जाएगा।
इन परिसरों में हैं ६७ कुएं
लोकमान्यनगर, उपवन, येऊर, माजीवाडा, कासरवडवली, मोघरपाड़ा, घोड़बंदर रोड के कुछ आदिवासी इलाकों में ६७ कुएं हैं, जिनमें से अधिकांश का काम पूरा हो चुका है।
कुछ कुएं हो गए प्रदूषित
कुछ कुओं में सीवेज का पानी छोड़े जाने से वे प्रदूषित हो गए हैं। कुओं पर भू-माफियाओं ने चायनीज होटल, मकान, दुकान बनाकर कब्जा कर लिया है। एक स्थान पर भूमि मालिक मनपा अधिकारियों को पुराने कुएं को साफ करने की अनुमति नहीं देता है।

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