-म्हाडा ने जारी किया टेंडर
-८ हजार निवासियों में जगी उम्मीद
सामना संवाददाता / मुंबई
दक्षिण मुंबई के प्राचीन और ऐतिहासिक महत्व वाले कमाठीपुरा क्षेत्र का म्हाडा के मुंबई इमारत मरम्मत और पुनर्निर्माण बोर्ड के माध्यम से समूह पुनर्विकास किया जाएगा। इसके लिए निर्माण और विकास एजेंसी नियुक्त करने हेतु म्हाडा ने टेंडर जारी किया है। बता दें कि तत्कालीन महाविकास आघाड़ी सरकार की अत्यंत महत्वाकांक्षी कमाठीपुरा समूह पुनर्विकास परियोजना क्रियान्वित करने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री एवं उप मुख्यमंत्री ने हरी झंडी दे दी है।
दक्षिण मुंबई के कमाठीपुरा क्षेत्र के गली क्रमांक १ से १५ के क्षेत्र में स्थित पुरानी और जर्जर टैक्सप्राप्त और गैर-टैक्सप्राप्त इमारतों और भूखंडों का समूह पुनर्विकास विकास नियंत्रण एवं प्रोत्साहन विनियमावली २०३४, विनियमन ३३ (९) के अंतर्गत म्हाडा पुनर्विकास करने जा रही है। इस परियोजना को सफल बनाने में राज्य की तत्कालीन महाविकास आघाड़ी सरकार, स्थानीय सांसद अरविंद सावंत, विधायक अमीन पटेल एवं स्थानीय नागरिकों का बड़ा योगदान रहा है।
सलाहकार की हो गई नियुक्ति
कमाठीपुरा क्षेत्र की इमारतों का समूह पुनर्विकास म्हाडा द्वारा विकास नियंत्रण और प्रोत्साहन विनियमावली २०३४, विनियमन ३३ (९) के अंतर्गत १२/०१/२०२३ के शासन निर्णय अनुसार स्वीकृत किया गया। इसके अनुसार परियोजना की रूपरेखा हेतु निविदा मंगाकर मेसर्स माहिमतुरा कंसल्टेंट की नियुक्ति की गई है।
आधुनिक सुविधायुक्त होगी परियोजना
इस परियोजना की रूपरेखा ‘कमाठीपुरा पुनर्वसन परियोजना-अर्बन विलेज’ नाम से तैयार की गई है। इस माध्यम से निवासियों को बड़े और सुरक्षित फ्लैट, योजनाबद्ध आधारभूत सुविधाएं दी जाएंगी, इसमें वाणिज्यिक इमारतें, मनोरंजन के मैदान जैसी सुविधाएं भी शामिल होंगी। इस परियोजना के माध्यम से म्हाडा को निविदाधारकों द्वारा ४४,००० वर्गमीटर क्षेत्र उपलब्ध होगा, जिससे मुंबई के मध्यवर्ती क्षेत्र में म्हाडा को बड़े पैमाने पर आवास उपलब्ध होगा। साथ ही विकासकर्ता को ५,६७,००० वर्गमीटर क्षेत्र उपलब्ध होगा, जिससे लगभग ४,५०० फ्लैट्स मिलेंगे।
९४३ इमारतों का होगा पुनर्विकास
दक्षिण मुंबई के अति महत्वपूर्ण ३४ एकड़ क्षेत्र में बसे कमाठीपुरा क्षेत्र की गली नंबर १ से १५ में लगभग ९४३ टैक्सप्राप्त इमारतें हैं, जिनमें लगभग ६,६२५ आवासीय और १,३७६ अनिवासी इस प्रकार कुल ८,००१ टेनेंट रहते हैं और ८०० भूखंड मालिक हैं। इन इमारतों की उम्र लगभग १०० वर्ष है। साथ ही इस पूरे क्षेत्र के भूखंडों का कुल शुद्ध क्षेत्रफल लगभग ७३,१४४.८४ वर्गमीटर है। इन भूखंडों का आकार छोटा और संकरा होने से समूह पुनर्विकास एक स्थायी समाधान साबित हुआ है। ऐसे में वर्षों से प्रतीक्षारत ८,००१ टेनेंटों को अब आधिकारिक घर प्राप्त होगा।