सामना संवाददाता / मुंबई
पालघर जिले में बन रही जिला जेल राज्य की सबसे बड़ी जेल होने की संभावना है। लेकिन इस जेल का काम निधि की कमी के कारण कछुआ की गति से चल रहा है। यही कारण है कि अब तक इस जेल का काम मात्र दस प्रतिशत पूरा हुआ है। जिस तरह से काम चल रहा है, उसको देखते २०२७ तक काम पूरा होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
राज्य की जेलों में जेल की क्षमता से अधिक वैâदी रह रहे हैं, जिसको लेकर तरह-तरह की आलोचना सरकार की होती है। इतना ही नहीं, क्षमता से अधिक वैâदी जेल में होने को लेकर कोर्ट ने भी समय-समय पर सरकार को फटकार लगाई है, इसलिए जेलों की संख्या बढ़ाई जा रही है। लेकिन महायुति सरकार की आर्थिक हालत खस्ता होने के कारण आवश्यक निधि समय पर उपलब्ध नहीं हो पा रही है। इसके कारण जेल के निर्माण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
गत दिनों गृह राज्य मंत्री ग्रामीण डॉ. पंकज भोयर ने पालघर जिले में उमरोली में चल रहे जिला जेल निर्माण स्थल का दौरा किया था। इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने स्वीकार किया था कि पालघर जिला जेल का काम २०२७ तक पूरा होने की उम्मीद है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी पत्रकारों को बताया कि राज्य में जेलों की कमी है और जिले में बन रही जेल में जरूरत पड़ने पर राज्य अन्य जेलों से वैâदियों को यहां स्थानांतरित किया जाएगा।