मुख्यपृष्ठनए समाचारशिंदे-नाईक के बीच शुरू हुई वर्चस्व की लड़ाई!

शिंदे-नाईक के बीच शुरू हुई वर्चस्व की लड़ाई!

-विवाद का केंद्र बना नगर विकास विभाग

-वाशी में खाली और निर्जन इमारतों पर राजनीतिक बयानबाजी

सामना संवाददाता / मुंबई

नई मुंबई शहर के वाशी खंड में ‘अलबेला’ और ‘नैवेद्य’ इमारतों को महापालिका ने नोटिस जारी किया है। इन दोनों इमारतों को लेकर बड़ा राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है। विवाद इतना बढ़ गया है कि अब शिंदे-नाईक के बीच वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो गई है। बताया जाता है कि शिंदे गुट के नई मुंबई जिला अध्यक्ष किशोर पाटकर के हिस्से वाली इमारत अलबेला और हाल ही में कांग्रेस से शिंदे गुट में शामिल हुए अविनाश लाड के हिस्से वाली इमारत नैवेद्य को लेकर राजनीतिक खींचतान चल रही है।
वन मंत्री गणेश नाईक ने हाल ही में मंत्रालय में मनपा अधिकारियों के साथ बैठक में ऐरोली डिवीजन में मैंग्रोव वन भूमि पर अतिक्रमण और वाशी में दो भवनों में एनओसी का मुद्दा उठाया था। ऐरोली प्रभाग में मैंग्रोव वन की भूमि पर अनधिकृत निर्माण के खिलाफ भी कार्रवाई की गई। मनपा ने वाशी में अलबेला और नैवेद्य इमारतों के एनओसी पर नोटिस जारी किए हैं। इसलिए इन इमारतों के मुद्दे पर नाईक और शिंदे की प्रतिद्वंद्विता की राजनीति का एक और नाटकीय प्रकरण शहर में देखने को मिल रहा है।
ठाणे में नाईक द्वारा आयोजित जनता दरबार को लेकर भी गरमागरम चर्चा हुई। इसलिए, उप मुख्यमंत्री और शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा वाशी में दो शिलेदारों को जारी किए गए नोटिस से और अधिक राजनीतिक नाटक शुरू होने की संभावना है।
आगामी नई मुंबई मनपा चुनावों से पहले, नई मुंबई में राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो गई है। मनपा ने वाशी में अलबेला और नैवेद्य इमारतों को सीसी या निर्माण की अनुमति दे दी है, लेकिन मनपा ने नोटिस जारी कर दिया है। क्योंकि इन इमारतों को एनओसी नहीं दिया गया है। इस बारे में पूछे जाने पर शिदे गुट के अविनाश लाड ने कहा कि नगर विकास विभाग मनपा द्वारा जारी नोटिस के निलंबन के संबंध में अधिक जानकारी मांग रहा है। हालांकि, मनपा ने नोटिस के निलंबन के संबंध में अत्यधिक गोपनीयता बनाए रखी है।

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