अनिल मिश्रा / अंबरनाथ
अंबरनाथ-पश्चिम स्थित कांग्रेस ब्लॉक कमेटी कार्यालय “इंदिरा भवन” को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। इस कार्यालय पर वर्षों से बकाया करीब 10 लाख रुपये का टैक्स था, जिसे वर्तमान कांग्रेस अध्यक्ष एडवोकेट कृष्णा रसाल पाटील ने 12 फरवरी 2024 को दो चेकों के माध्यम से पूर्ण रूप से चुका दिया। बावजूद इसके, अंबरनाथ नगर परिषद (नपा) प्रशासन टैक्स रिकॉर्ड में नाम परिवर्तन करने से इनकार कर रहा है।
अध्यक्ष कृष्णा रसाल पाटील का आरोप है कि नगर परिषद बार-बार नए दस्तावेजों की मांग कर रही है, जबकि सभी आवश्यक कानूनी कागजात पहले ही जमा कराए जा चुके हैं। उनका कहना है कि नपा प्रशासन किसी दबाव में आकर जानबूझकर प्रक्रिया को अटका रहा है। इसी रवैये से आक्रोशित होकर पाटील ने 19 मई को कल्याण-बदलापुर महामार्ग स्थित नपा मुख्यालय के सामने कल्पना होटल के पास आमरण अनशन पर बैठने का निर्णय लिया है। इस संबंध में उन्होंने नगर परिषद के मुख्याधिकारी अभिषेक पराडकर को लिखित सूचना भी दी है। अनशन की जानकारी अंबरनाथ पुलिस को भी दे दी गई है।
कांग्रेस पदाधिकारियों का आरोप है कि यह केवल प्रशासनिक लापरवाही नहीं बल्कि संभवतः कार्यालय को कब्जाने की साजिश भी हो सकती है। राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि मामला अब न्यायालय तक पहुंच सकता है।
इसी बीच, पाटील ने यह भी सवाल उठाया है कि अगर नपा को नाम परिवर्तन करना ही नहीं था, तो टैक्स का भुगतान किस आधार पर स्वीकार किया गया? अब जब टैक्स पूरी तरह चुकाया जा चुका है, तो नपा की यह टालमटोल की नीति न केवल कांग्रेस कार्यकर्ताओं में आक्रोश पैदा कर रही है, बल्कि प्रशासन की निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े कर रही है।