-प्राकृतिक आपदाओं ने दुनिया को बनाया निशाना
-आईडीएमसी की रिपोर्ट में सनसनीखेज खुलासा
सामना संवाददाता / मुंबई
क्लाइमेट चेंज यानी जलवायु परिवर्तन आज दुनिया के सामने सबसे बड़ी समस्या बनकर उभरा है। यह धरती को बर्बाद कर रहा है। आग, बाढ़, तूफान, भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं से हर देश परेशान है। दुनिया का लगभग हर देश इस समस्या का सामना कर रहा है। इसमें हो रहे बदलाव से बड़े स्तर पर जान-माल की हानि हो रही है। इसके साथ ही इसके प्रभाव के कारण लोगों को अपना घर छोड़कर दूसरी जगह ठिकाना बनाना पड़ रहा है। हाल ही में आई एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि २०१५ से २०२४ के बीच एक दशक में दुनिया में इसके कारण २६ करोड़ से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं। इसमें भारत में ३.२३ करोड़ लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हुए हैं।
२१० देश प्रभावित
इस मामले में कोई देश नहीं बचा है। जिनेवा स्थित आईडीएमसी (आंतरिक विस्थापन निगरानी केंद्र) की रिपोर्ट में बताया गया है कि २०१५ से २०२४ के दौरान करीब २१० देशों से लोग विस्थापित हुए हैं या फिर उन्हें मजबूरी में अपना घर छोड़ना पड़ा है।
५४ लाख लोग हटे
भारत इस मामले में तीसरे नंबर पर है। गत वर्ष २०२४ में ही ५४ लाख लोग अपनी मूल जगह से हटकर दूसरी जगह पर चले गए। यह पिछले १२ वर्षों का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
दक्षिण एशिया सबसे ज्यादा प्रभावित
इस मौसमी परिवर्तन का असर सबसे ज्यादा दक्षिण एशिया में देखने को मिला है। पिछले दशक में बांग्लादेश, चीन, भारत, फिलीपींस और अमेरिका में दर्ज विस्थापन के आंकड़े सबसे अधिक रहे हैं।
बाढ़ और तूफान से होते हैं ९० फीसदी विस्थापन!
प्राकृतिक आपदाओं से पूरी दुनिया परेशान है। आग, बाढ़ और तूफान के कारण बड़ी संख्या में लोग विस्थापित हो रहे हैं। आईडीएमसी की रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर ९० फीसदी आपदा और लोगों का विस्थापन बाढ़ और तूफानों के कारण हुआ है।
रिपोर्ट के अनुसार, इस दौरान चीन में ४.६९ करोड़ लोगों का आंतरिक विस्थापन हुआ, जबकि फिलीपींस में यह आंकड़ा ४.६१ करोड़ दर्ज किया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर ९० फीसदी आपदा के कारण होने वाला विस्थापन बाढ़ और तूफान की वजह से हुआ है। आईडीएमसी की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले ९ सालों में अकेले तूफान के कारण १२ करोड़ तो वहीं बाढ़ के कारण ११ करोड़ से ज्यादा लोगों को अपना घर छोड़कर दूसरी जगह रहना पड़ रहा है। इसमें २०१५ के बाद से ही लगातार बढ़ोतरी हो रही है। रिपोर्ट में बताया गया कि अकेले २०२४ में ही ४.५८ करोड़ लोगों का विस्थापन हुआ है। भारत में पिछले साल बाढ़, तूफान और अन्य आपदाओं के कारण ५४ लाख लोगों का विस्थापन दर्ज किया गया, जो १२ वर्षों में सबसे अधिक आंकड़ा है।
आईडीएमसी ने दी चेतावनी
आईडीएमसी ने चेतावनी दी है कि वर्तमान जलवायु परिस्थितियों में दुनियाभर में हर साल औसतन ३.२ करोड़ लोगों को नदी और तटीय बाढ़, सूखे और चक्रवाती तूफान के कारण आने वाले समय में विस्थापित होना पड़ेगा।