सामना संवाददाता / सतना
मध्य प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत एक बार फिर उजागर हुई है। सतना जिला अस्पताल की एक तस्वीर ने न केवल सिस्टम पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी दिखा दिया है कि वैâसे राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था अब भी बुनियादी सुविधाओं के लिए जूझ रही है। जिला अस्पताल में एक गर्भवती महिला की डिलिवरी रात के समय मोबाइल के टॉर्च की रोशनी में कराई गई, इसका वीडियो भी सामने आया है।
दरअसल, सतना जिला अस्पताल में बिजली व्यवस्था की खामियों ने एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल दी है। एक गर्भवती महिला को अस्पताल में डिलिवरी के लिए लाया गया, लेकिन बिजली न होने के कारण स्टाफ को अस्पताल के मुख्य गेट पर मोबाइल फोन की टॉर्च की रोशनी में डिलिवरी करानी पड़ी।
जानकारी के अनुसार, रामस्थान भठिया गांव की रहने वाली सोनम कोल को रात जननी एक्सप्रेस से जिला अस्पताल लाया जा रहा था। करीब साढ़े सात बजे जब एंबुलेंस अस्पताल के मुख्य गेट पर पहुंची, तभी सोनम को तेज प्रसव पीड़ा हुई और उसने वहीं बच्चे को जन्म दे दिया। हालांकि अस्पताल प्रशासन का दावा है कि आपातकालीन स्थिति के लिए जनरेटर और सोलर पैनल की व्यवस्था है, लेकिन घटना के समय ये दोनों व्यवस्थाएं काम नहीं आईं। ऐसे में मोबाइल की टॉर्च की रोशनी में ही डिलिवरी करानी पड़ी।
सिविल सर्जन डॉ. मनोज शुक्ला ने बताया कि मौसम खराब होने के कारण बिजली नहीं थी और तेज हवा के कारण हमारे यहा की इंटरनल वायर भी टूट गई थी। इसके बावजूद भी जो जनरेटर लगे हुए हैं। जैसे ही बिजली गुल होती है तो स्टाफ जाकर उसको चालू करता है, लेकिन उस समय संयोग ऐसा बना कि मौसम खराब होना, मरीज का आना साथ ही प्रसव पीड़ा बढ़ जाना सब साथ-साथ हुआ।