– झूठ बोलने पर नागरिकों ने जताई नाराजगी
धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
मुंबई मनपा लगातार कह रही थी कि केईएम अस्पताल में किशोरी और महिला की मौत कोविड से नहीं, बल्कि कई गंभीर बीमारियों से हुई है, लेकिन इन मौतों की सच्चाई को खुद ईडी २.० सरकार ने ही उजागर कर दी है। राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने साफ कर दिया है कि दोनों की मौतें कोविड से ही हुई हैं। इसी के साथ ही वे कई गंभीर बीमारियों से भी जूझ रही थीं। इस तरह मुंबई मनपा न केवल पूरी तरह से झूठी साबित हुई, बल्कि गूढ़ रहस्य को भी पैदा कर दिया है कि कोविड से मौत होने के बावजूद आखिरकार सच को क्यों छिपा रही थी। दूसरी तरफ मनपा के इस झूठ से मुंबईकरों में भी मनपा के प्रति आक्रोश की लहर दौड़ गई है।
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र विशेषकर मुंबई में इस महीने कोरोना मरीजों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। राज्य स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, मंगलवार तक मुंबई में ९५ नए मरीज पाए गए हैं। इनमें से १६ मरीज मुंबई के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं। जनवरी से अब तक राज्य में कुल मरीजों की संख्या १०६ तक पहुंच गई है। इस कारण स्वास्थ्य प्रणाली सतर्क हो गई है और अस्पतालों में विशेष सावधानी बरती जा रही है, लेकिन इस बीच कोविड से हुई मौत को छिपाने के मामले में मुंबई मनपा विवादों में घिरती हुई नजर आ रही है। मनपा के केईएम अस्पताल में पिछले दिनों दो मरीजों की मौत हुई थी, लेकिन अस्पताल प्रशासन के साथ ही मनपा की ओर से कहा गया कि दोनों की मौतें कोविड से नहीं हुई थीं। प्रशासन की ओर से दी गई गलत जानकारी के चलते कई अस्पताल में भर्ती और इलाज कराने पहुंच रहे मरीजों के साथ ही उनके परिजन भी सकते में आ गए हैं।
आनन-फानन में सेवन हिल्स में शिफ्ट किए गए मरीज
सूत्रों के मुताबिक केईएम में जिन वार्डों में कोविड मरीजों का इलाज चल रहा था, उन्हें आनन-फानन में सेवन हिल्स अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है। इससे यह साफ है कि अस्पताल प्रशासन को भनक थी कि कोविड से २ मौतें हुई हैं, लेकिन इस बात को क्यों, किसलिए और किसके इशारे पर छिपाया गया, यह अभी तक रहस्य बना हुआ है। फिलहाल, एहतियातन मनपा के स्वास्थ्य विभाग ने इन्फ्लूएंजा प्रकार के रोगों और गंभीर श्वसन संक्रमण की जांच को तेज कर दिया है। इसी के साथ ही सभी संदिग्ध मरीजों की कोविड-१९ जांच की जा रही है। इससे मरीजों की शीघ्र पहचान और उपचार संभव हो रहा है।
भगवान भरोसे चल रहा अस्पतालों में कामकाज
गोरेगांव निवासी शशिकांत मिश्रा ने कहा कि मुंबई मनपा द्वारा संचालित तकरीबन सभी अस्पतालों में कामकाज भगवान भरोसे ही चल रहा है। मनपा में चार से पांच सालों से नगरसेवकों के न होने से आज अस्पताल दुर्दशा की मार झेल रहे हैं। अधिकारियों और डॉक्टरों से लेकर सभी स्वास्थ्यकर्मी मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं। इससे मरीजों को विकट समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड मामलों और उससे जुड़ी मौतों को मनपा की ओर से हमेशा से छिपाया जाता रहा है।
अस्पताल की होनी चाहिए जांच
समाजसेवक रमाकांत गुप्ता ने कहा कि केईएम अस्पताल और मनपा प्रशासन ने कोविड मौतों को छिपाने का काम करके एक तरह से आम मुंबईकरों के स्वास्थ्य को खतरे में डाला है। इसे लेकर मुंबईकरों में खासा नाराजगी देखी जा रही है। हालांकि, यह किसलिए किया गया है यह जांच का विषय है। साथ ही सच्चाई छिपाने वाले संबंधितों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।