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जान पर बन आए उल्हासनगर के गड्ढे! …गड्ढे में गिरकर फिर एक व्यक्ति घायल

– मनपा प्रशासन लापरवाह
सामना संवाददाता / मुंबई
उल्हासनगर की सड़कों के गड्ढे और खुदाई काम अब नागरिकों के जीवन के लिए खतरा बन गई है। गड्ढों में गिरकर नागरिकों के मरने या घायल होने का सिलसिला जारी है। उल्हासनगर के वैंâप चार में इसी तरह गड्ढे की चपेट में आने से एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसका कलवा सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा है। पिछले कुछ महीनों में उल्हासनगर की सड़कों पर गड्ढों और खुदाई स्थलों पर सुरक्षा उपकरणों की कमी के कारण दो लोगों की जान चली गई और अब तक कई लोग घायल हो चुके हैं।
उल्हासनगर वैंâप चार क्षेत्र में मनपा के वार्ड कार्यालय के पास सड़क पर बने गड्ढे में गिरकर वीरेंद्र कुमार नामक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। मंगलवार को उल्हासनगर में भारी बारिश हुई, जिससे इस सड़क के गड्ढों पर पानी भर गया। ऐसे में वीरेंद्र को गड्ढे का अंदाजा नहीं हुआ और काम से घर लौटते समय वे उसमें गिर पड़े, जिससे उनके पैर में गंभीर चोट आ गई। फिलहाल उनका कलवा में इलाज चल रहा है। इस घटना के बाद उल्हासनगर में उमपा की गैरजिम्मेदारी पर गुस्सा जाहिर किया जा रहा है।

उल्हासनगरवासियों की प्रशासन से मांग
ऐसे में अब यह मांग जोर पकड़ने लगी है कि उल्हासनगर में अधूरे विकास कार्यों, उनकी केवल कागजी निगरानी और ठेकेदारों की लापरवाही के कारण यहां के नागरिकों की और जानें न जाएं इसलिए स्थानीय लोगों की पुरजोर मांग है कि नागरिकों की सुरक्षा को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन ऐसे गड्ढों को तुरंत संरक्षित करे, ताकि भविष्य में यहां के नागरिकों के साथ ऐसी दुर्घटनाएं न हो।

एक डॉक्टर की भी हो चुकी है मौत
बता दें कि कुछ महीने पहले उल्हासनगर सेंट्रल अस्पताल में कार्यरत एक युवा डॉक्टर की सड़क पर बने गड्ढे के कारण हुई दुर्घटना में मौत हो गई थी। इसी प्रकार वैंâप पांच में एक युवक की गड्ढे में गिरने से मौत हो गई। हाल ही में एक वरिष्ठ नागरिक कल सुबह खुदाई के दौरान गड्ढे में गिरकर जख्मी हो गया। इससे पहले एक बाइक सवार भूमिगत सीवर परियोजना के कार्यस्थल पर खोदे गए गड्ढे में गिरकर घायल हो गया था। दुर्घटनाओं का यह सिलसिला अभी भी जारी है।

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