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सबसे बड़े वैरागी हैं देश के प्रधानमंत्री … अंधश्रद्धा, पाखंड को शासक दे रहे हैं खाद-पानी …संजय राऊत का जोरदार तंज

सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र के नई मुंबई स्थित खारघर में महाराष्ट्र भूषण समारोह के दौरान हुई भगदड़ हो अथवा उत्तर प्रदेश में हाथरस में घटी घटना हो, ये सभी अंधश्रद्धा के परिणाम हैं। इस अंधश्रद्धा और पाखंड को शासक की ओर से खाद और पानी डालने का काम किया जा रहा है। वैरागी महाराजों को शासक और राजनीतिक लोग सम्मान देते हैं इसीलिए ही इस तरह के हादसे होते हैं। देश के प्रधानमंत्री ही सबसे बड़े वैरागी हैं और पाखंड वहीं से चल रहा है। इस तरह का तंज शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने कसा।
मुंबई में गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए सांसद संजय राऊत ने हाथरस हादसे को लेकर सरकार पर तीखा तंज कसते हुए कहा कि इस घटना में मामला दर्ज किया गया, लेकिन जिसकी वजह से हुआ उस भोलेबाबा पर अपराध पंजीकृत नहीं हुआ, क्योंकि उसे राजनीतिक सुरक्षा मिली हुई है। इस समारोह के लिए ८० हजार लोगों की अनुमति थी, फिर ढाई लाख लोग वैâसे इकट्ठा हुए? इस तरह का सवाल भी उन्होंने पूछा। पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए संजय राऊत ने कहा कि वे ही सबसे बड़े वैरागी हैं और पाखंड वहीं से ही शुरु है। मोदी को प्रधानमंत्री की तरह व्यवहार करना चाहिए, लेकिन वे गुफा में जाकर तपस्या करते हैं। खुद को बाबा, महराज और ईश्वर का अवतार कहलवाते हैं। वे कहते हैं कि मेरा जन्म बायोलॉजिकल पद्धति से नहीं हुआ है। हिंदू-मुसलमान करते रहते हैं। यह पाखंड और बुआबाजी है। प्रधानमंत्री ही पाखंड की राजनीति करेंगे तो देश का क्या होगा? इस तरह का तंज भी संजय राऊत ने कसा।
प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री पर भी होनी चाहिए
अंधश्रद्धा निर्मूलन कानून के तहत कार्रवाई
इस दौरान संजय राऊत ने कहा कि खारघर में महाराष्ट्र भूषण कार्यक्रम के दौरान भगदड़ मच गई थी। इस मामले में राज्य सरकार पर सदोष मनुष्य वध का मामला दर्ज होना चाहिए था। मुख्यमंत्री ने मध्य दोपहरी में यह कार्यक्रम आयोजित किया था। हजारों साधक वहां इकट्ठा हुए थे। उनके लिए कोई भी व्यवस्था नहीं थी। धूप से बचने के लिए सिर के ऊपर छप्पर नहीं था। देश के गृहमंत्री भी वहां मौजूद थे। इस दौरान भगदड़ में कई लोगों की जान चली गई। इस मामले में राज्य सरकार पर कार्रवाई होनी चाहिए थी। उन्होंने आगे कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ४० विधायकों को लेकर असम में जाते हैं और कामाख्या देवी के मंदिर में भेड़ काटते हैं। उन पर कार्रवाई कौन करेगा? उन्होंने कहा कि जहां अंधश्रद्धा, बुआबाजी है, वहां शासक और राजनेता जाते हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री हों अथवा मुख्यमंत्री उन पर भी अंधश्रद्धा निर्मूलन कानून के तहत कार्रवाई होनी चाहिए, इस तरह की मांग भी संजय राऊत ने की।
लाडला किसान योजना लाएं
अमरावती में जून महीने में २४ किसानों ने आत्महत्या की। महाराष्ट्र में कर्ज के कारण किसानों की आत्महत्या का सिलसिला चल रहा है। इससे व्यथित संजय राऊत ने लाडकी बहन योजना की तरह ही लाडला किसान योजना शुरू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में हर दिन १० किसान आत्महत्या कर रहे हैं। जनवरी में ३५० किसानों ने आत्महत्या की। विदर्भ के अमरावती में सबसे ज्यादा किसान आत्महत्या कर रहे हैं।

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