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सीजफायर के बाद दिखा असली चेहरा…पाकिस्तानी सेना का लक्ष्य है ‘जिहाद’!

-शीर्ष सैन्य अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी का कबूलनामा

सामना संवाददाता / नई दिल्ली

तीन दिन के युद्ध में भारतीय वायुसेना ने जब पाकिस्तान के कई एयरबेस तबाह कर दिए तो आर्मी चीफ जनरल मुनीर घुटनों पर आ गया था। मगर युद्धविराम के बाद पाकिस्तानी सेना ने फिर अपना असली चेहरा दिखा दिया है। पाकिस्तान के डीजी आईएसपीआर का कहना है कि पाकिस्तानी सेना का एक ही लक्ष्य है ‘जिहाद’। अब चूंकि पाकिस्तान में जिहाद का मतलब है हिंदुस्थान के खिलाफ युद्ध इसलिए वह अपनी हरकतों से बाज आएगा, इसमें संदेह है।
गत २२ अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था। हमले का बदला लेने के लिए भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत जवाबी कार्रवाई की गई थी। युद्धविराम के बाद पाकिस्तानी सेना के एक शीर्ष अधिकारी द्वारा की गई टिप्पणी ने लोगों को अविश्वसनीय रूप से चौंका दिया है। प्रेस कॉन्प्रâेंस का एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर सामने आया है, जिसमें डीजी-आईएसपीआर लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी मीडिया को संबोधित कर रहे थे।
लादेन के साथ था डीजी-आईएसपीआर का अब्बा!
पाकिस्तान के डीजी-आईएसपीआर अहमद शरीफ चौधरी का अब्बा महमूद चौधरी ओसामा बिन लादेन का साथी था। महमूद ने लादेन को परमाणु बम की तकनीक देने का प्रयास भी किया था। इसी महमूद का बेटा अब ‘जिहाद’ की बात कर रहा है।
युद्धविराम के बाद डीजी-आईएसपीआर का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह जिहाद की बात कर रहा है। वीडियो में वह कहते हुए दिखाई दे रहा है कि इस्लाम पाकिस्तानी सेना का अभिन्न अंग है और ‘जिहाद’ ही उसका लक्ष्य है। भारत के खिलाफ हमले करने के पाकिस्तान के नाकाम प्रयासों के दौरान इस्तेमाल की गई इस्लामी शब्दावली के बारे में पूछे जाने पर चौधरी ने जवाब दिया, ‘इस्लाम पाकिस्तानी सेना की आस्था प्रणाली का अभिन्न अंग है। यह हमारी व्यक्तिगत मान्यताओं का हिस्सा नहीं है, बल्कि हमारे प्रशिक्षण का हिस्सा है। यह हमारे विश्वास का हिस्सा है। ईमान, तकवा, जिहाद फिसबीलिल्लाह (ईश्वर के नाम पर आस्था, धर्मपरायणता, संघर्ष) यही हमें प्रेरित करता है। यही हमारा आदर्श वाक्य है। हमारे पास एक ऐसा सेना प्रमुख है, जिसका दृढ़ विश्वास और प्रतिबद्धता है, जो विभिन्न तरीकों से ऑपरेशनों में परिलक्षित होती है।’ बता दें कि पाकिस्तान ने अपनी हरकतों के चलते बार-बार आतंकवाद के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह के रूप में अपनी पहचान बनाई है।
बाप था आतंकी
डीजी-आईएसपीआर का बाप सुल्तान बशीरुद्दीन महमूद एक परमाणु वैज्ञानिक और आतंकवादी ओसामा बिन लादेन का सहयोगी था। महमूद ने बिन लादेन से मुलाकात की और आतंकवादियों को परमाणु हथियार तकनीक सौंपने की कोशिश की। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अल-कायदा प्रतिबंध समिति ने उसे आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध किया है।
आतंकी का बचाव
पाकिस्तानी सेना के डीजी-आईएसपीआर ने भी लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष आतंकवादी हाफिज अब्दुल रऊफ का बचाव किया था। उसने आतंकी को ‘निर्दोष धार्मिक नेता’ कहा था। अहमद शरीफ चौधरी ने दावा किया कि रऊफ, जिसे पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों के साथ आतंक के ठिकानों को निशाना बनाकर भारतीय ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में मारे गए एक आतंकवादी के अंतिम संस्कार में देखा गया था, वह केवल एक परिवार का सदस्य, राजनीतिक कार्यकर्ता और धार्मिक नेता था।

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