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सीएम और डीसीएम में बढ़ी अनबन : दादा को दबाने का दांव! … अजीत पवार गुट की कई फाइलें अटकी

सामना संवाददाता / मुंबई
उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री अजीत पवार गुट की कई फाइलें मुख्यमंत्री कार्यालय में अटकने की जानकारी सामने आ रही है। कई मंत्रियों के विभाग के लिए गए कुछ पैâसले और विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों में विकास कामों की कई फाइलें रोकी गई हैं। इससे उनमें नाराजगी पैâल गई है। सूत्रों के मुताबिक, इसके चलते सीएम और दादा के बीच अनबन होती हुई दिखाई दे रही है। इतना ही नहीं, असंवैधानिक मुख्यमंत्री के इस रुख से महायुति में विवादों की चिंगारी भड़कती हुई भी दिख रही है।
आगामी विधानसभा चुनाव मुहाने पर पहुंच गया है इसलिए सभी लोग अपने निर्वाचन क्षेत्रों में अधिकतम निधि प्राप्त करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। सत्ता में एक बार फिर तीन दल है इसलिए एक बार फिर से निधि आवंटन और विभाग की फाइलों को लेकर विवाद होने की संभावना प्रबल होती नजर आ रही है। इसी बीच यह जानकारी सामने आ रही है कि पवार गुट के विधायकों और मंत्रियों की कई फाइलें मुख्यमंत्री कार्यालय में शिव भोजन थाली की दर वृद्धि के प्रस्ताव जैसी १८ से २० अहम फाइलें अटकी हुई हैं, लेकिन दादा गुट के विधायक और मंत्री इस पर खुलकर बोलने की बजाय छिपे तौर पर बात करते नजर आ रहे हैं।

पुरानी योजनाओं के खिलाफ साजिश
अजीत पवार गुट निजी तौर पर आरोप लगा रहा है कि जिन फाइलों के लिए मुख्यमंत्री के स्तर पर अनुमति की जरूरत है, वे अटकी हुई हैं। वर्तमान में मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना, अन्नपूर्णा योजना, युवा प्रशिक्षण जैसी कई योजनाओं की घोषणा की गई है, इसलिए पुरानी योजनाओं के खिलाफ साजिश रचने की जानकारी सामने आ रही है। हालांकि, इन योजनाओं की घोषणा से पहले कई विधायकों और मंत्रियों की फाइलें मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी गर्इं, जिस पर निर्णय नहीं लिया गया है। ऐसे में दादा गुट नाराज दिखाई दे रहा है।

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