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श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के रेड जोन में एक राजनीतिक पार्टी के लोगों द्वारा वीडियो बनाये जाने के मामले में मंदिर प्रशासन ने दिए जांच के आदेश

उमेश गुप्ता/वाराणसी

श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के रेड जोन में एक राजनीतिक पार्टी के व्यक्ति द्वारा वीडियो बनाये जाने के मामले में मंदिर प्रशासन ने जांच का आदेश दिया है। लेकिन प्रशासन ने जांच से संबंधित आदेश में यह नहीं बताया कि वह किस वीडियो की जांच करवा रहे हैं या कौन सा वह राजनीतिक दल का व्यक्ति है जिसकी जांच के आदेश दिये गये हैं। वैसे जाननेवालों ने कयास लगा लिया है। बताया जा रहा है कि एक दिन पहले बिहार के राजद नेता लालू प्रसाद यादव के पुत्र तेज प्रताप यादव श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर दर्शन करने पहुंचे थे। इस दौरान उनके लोगों ने बाकायदा वीडियो बनाया जो समाचार पत्रों में प्रकाशित हुआ और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। सम्भवतः इस वीडियो की जांच के आदेश दिये गये हैं लेकिन प्रशासन ने यह स्पष्ट नही किया है। इस आदेश के मीडिया में पहुंचने के बाद यह भी चर्चा होने लगी कि जिस व्यक्ति की जांच की जानी है, उसका नाम बताने में क्या हर्ज है?

मंदिर प्रशासन के आदेश में बताया गया है कि हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और विभिन्न समाचार पत्रों के माध्यम से एक राजनीतिक व्यक्ति द्वारा श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के रेड जोन में बनाया गया वीडियो मंदिर प्रशासन के संज्ञान में आया है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा, पवित्रता और व्यवस्था बनाए रखना मंदिर प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सुरक्षा सम्बंधी उत्तरदायित्व का निर्वहन मंदिर प्रशासन सीआरपीएफ एवं पुलिस विभाग के सहयोग से करता है। अतः इस संदर्भ में मंदिर प्रशासन ने मुख्य कार्यपालक अधिकारी के निर्देश पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और स्थानीय पुलिस प्रशासन को उक्त प्रकरण की गहन जांच कर संबंधित एजेंसी के उत्तरदायी कार्मिकों पर कार्रवाई हेतु सूचना प्रेषित की गई है। दोनों एजेंसियों से यह अनुरोध किया गया है कि यह सुनिश्चित किया जाय कि मंदिर परिसर में निर्धारित नियमों एवं दिशा निर्देशों का पूर्ण पालन हो। दोनों सुरक्षा एजेंसी की जांच में सोशल मीडिया पर प्रसारित सामग्री की सत्यता की पुष्टि भी की जाएगी। यदि कोई कार्मिक दोषी है तो उसका चिन्हांकन किया जाएगा। यदि किसी भी स्तर पर नियमों का उल्लंघन पाया जाता है, तो संबंधित व्यक्तियों या कार्मिकों के विरुद्ध उचित वैधानिक कार्यवाही की सक्षम स्तर पर अनुशंसा प्रेषित की जाएगी।प्रशासन की इस विज्ञप्ति में किस राजनीतिक व्यक्ति का वीडियो वायरल हुआ और समाचार पत्रों में प्रकाशन हुआ, उसका जिक्र नही है। ऐसे में इस आदेश के पीछे के तरह-तरह के निहितार्थ निकाले जा रहे हैं।

आपको बता दें कि तेज प्रताप यादव पिछले कुछ दिनों से चर्चा में हैं। एक दिन पहले मंदिर परिसर में समर्थकों संग पहुंचे तेज प्रताप का वीडियो भी वायरल हुआ है। इसमें वह सीआरपीएफ अधिकारी और जवान के साथ बाकायदा वीडियो बनवाते भी दिख रहे हैं। इसके अलावा पिछले महीने उनके सोशल मीडिया अकाउंट से एक फोटो पोस्ट हुई थी। इस फोटो में वे अनुष्का यादव नाम की एक लड़की के साथ दिखाई दिए। उन्होंने दावा किया कि वे दोनों 12 सालों से रिश्ते में हैं। हालांकि, यह पोस्ट तुरंत ही डिलीट कर दी गई। तेज प्रताप ने कहा कि उनका अकाउंट हैक हो गया था। लेकिन, इसके बाद अनुष्का और तेज प्रताप की कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। इस घटना के बाद आरजेडी के मुखिया लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप को पार्टी से 6 साल के लिए निकाल दिया। उन्होंने तेज प्रताप को परिवार से भी बेदखल करने का ऐलान किया। आरजेडी और परिवार से निकाले जाने के बाद तेज प्रताप यादव लगातार आरोप लगा रहे हैं कि आरजेडी में कुछ धोखेबाज लोग हैं। उनका कहना है कि इन लोगों की वजह से उनके साथ गलत व्यवहार किया गया।

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