मुख्यपृष्ठनए समाचारनौजवानों की नहीं है दरकार... बुजुर्गों पर आश्रित हुई ‘ईडी’ सरकार!

नौजवानों की नहीं है दरकार… बुजुर्गों पर आश्रित हुई ‘ईडी’ सरकार!

-सेवानिवृत्ति के बाद भी १० साल तक कांट्रेक्ट पर काम कर सकेंगे कर्मचारी

सामना संवाददाता / मुंबई

महाराष्ट्र की ईडी सरकार को नौजवानों की दरकार नहीं है। ऐसा लगता है अब यह सरकार बुजुर्गों पर आश्रित होनवाली है। असल में इस सरकार ने सेवानिवृत्त अधिकारियों की सेवा आगे भी जारी रखने का मन बनाया है। इसीलिए सरकार ने सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारियों को १० साल तक एक्सटेंशन देने का निर्णय लिया है।
सरकार के अनुसार, वरिष्ठ अधिकारियों के अनुभव का लाभ उठाने के उद्देश्य से यह महत्वपूर्ण योजना बनाई गई है। हालांकि, इससे नौजवानों के रोजगार पर बुरा असर पड़ेगा। इस योजना के तहत सरकारी व अर्द्धसरकारी विभागों में ग्रुप ए और बी संवर्ग के सेवानिवृत्त अधिकारियों को संविदा (कॉन्ट्रैक्ट) के आधार पर नियुक्त किया जाएगा।
सरकार ने तय किया है कि प्रत्येक विभाग में कुल स्वीकृत पदों में से अधिकतम १० प्रतिशत पदों पर सेवानिवृत्त अधिकारियों की संविदा नियुक्ति की जा सकेगी। ये अधिकारी ६५ वर्ष की आयु तक और यदि शारीरिक व मानसिक रूप से सक्षम हों तो अधिकतम ७० वर्ष की उम्र तक सेवा में रह सकेंगे। सेवा देने के बदले इन्हें ८० हजार रुपए तक मासिक वेतन मिलेगा।
बता दें यह योजना केवल ग्रुप ए और बी संवर्ग के अधिकारियों के लिए लागू की गई है। ग्रुप सी और डी के कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद संविदा नियुक्ति नहीं दी जाएगी। नियुक्तियों के लिए सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा विज्ञापन जारी किया जाएगा। विज्ञापन में पदों की संख्या, कार्य की प्रकृति और वेतन का उल्लेख किया जाएगा। आवेदन के बाद योग्य उम्मीदवारों का प्रारंभिक अनुबंध एक वर्ष के लिए किया जाएगा, जिसे आवश्यकता अनुसार हर वर्ष बढ़ाया जा सकेगा। प्रशासनिक विभाग के अधिकारियों के अनुसार, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में लागू की गई इस योजना का उद्देश्य प्रशासनिक कार्यों में अनुभव का अधिकतम उपयोग करना और कुशल अधिकारियों को सेवा का अवसर प्रदान करना है।

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