सामना संवाददाता / मुंबई
भाजपा के कुछ कथित नेताओं ने हजारों मैंग्रोव काटकर और जैव विविधता को नष्ट करके केगांव खाड़ी में फाइव स्टार होटल बनाने की योजना बनाई थी। हालांकि, ग्रीन ट्रिब्यूनल की सख्ती के बाद यह योजना नाकाम हो गई है। मैंग्रोव विभाग के अधिकारियों ने बड़ी संख्या में बल तैनात कर इस खाड़ी में १०० मीटर तक समुद्र में मौजूद पत्थर और मिट्टी की रुकावट को हटा दिया है। इस कार्रवाई के बाद पर्यावरणविदों ने संतोष जताया है।
उरण-पनवेल के कुछ भाजपा नेताओं ने केगांव ग्राम पंचायत की सीमा में समुद्र तट पर सर्वे क्रमांक २३८, क्रमांक १२ में फाइव स्टार होटल बनाने की योजना बनाई थी। मुंबई से पर्यटकों को समुद्र के रास्ते लाने के लिए स्पीड बोट के लिए जेटी बनाने की भी योजना थी। इसके लिए सत्ता का दुरुपयोग कर समुद्र में ही १०० मीटर गहरा, २.५ मीटर चौड़ा और एक मीटर ऊंचा पत्थर व मिट्टी का भराव कर दिया गया। सीआरजेड का उल्लंघन कर इस अवैध भराव के लिए बड़ी संख्या में मैंग्रोव का वध किया गया। इस मामले में स्थानीय लोगों व मछुआरों की शिकायत के बाद लघु उद्योग पारंपरिक मत्स्य श्रमिक संघ के अध्यक्ष नंदकुमार पवार ने मैंग्रोव वन सुरक्षा व संरक्षण समिति में शिकायत दर्ज कराई थी। वन विभाग व मैंग्रोव वन सुरक्षा व संरक्षण समिति ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला भी दर्ज कराया था, लेकिन कार्रवाई करने से जानबूझकर परहेज किया गया। इसके चलते नंदकुमार पवार ने पुणे स्थित नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल कोर्ट में अपील की थी। मछली प्रजनन स्थल साफ किए गए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के बाद मैंग्रोव वन विभाग ने लगातार तीन दिनों तक कार्रवाई करते हुए पत्थर व मिट्टी के भराव को हटाने व स्थल को बहाल करने के लिए पोकलेन, जेसीबी व डंपर का इस्तेमाल किया है। वन विभाग मैंग्रोव सेल के अधिकारी किशोर सोनावणे ने यह जानकारी दी। इससे मछली प्रजनन स्थल भी खाली हो गए हैं। नंदकुमार पवार ने कहा कि इससे पर्यावरणीय क्षरण को कम करने में भी मदद मिलेगी और स्थानीय मछुआरों को लाभ होगा।