सामना संवाददाता / मुंबई
चंदा मामा के रूप में बचपन से ही हमारा लगाव चंद्रमा से होता है। चंद्रमा सदियों से पृथ्वी के ऊपर अंतरिक्ष में मौजूद है। चांद न सिर्फ हमारी धरती का प्राकृतिक उपग्रह है, बल्कि इसका हमारे साथ भावनात्मक रिश्ता भी है। चांद की गतिविधियों का हमारी पृथ्वी पर काफी प्रभाव पड़ता है। मसलन समुद्र में आनेवाले ज्वार-भाटा! एक रिसर्च के मुताबिक, चांद हमारी धरती से लगातार दूर जा रहा है। यह आने वाले समय को बदल कर रख देगा। वैज्ञानिकों ने यह भी बताया कि चांद हर साल धरती से ३.८ सेमी दूर जा रहा है। ऐसे में कुछ वर्षों बाद हमारे पृथ्वी पर एक दिन २४ की जगह पर २५ घंटे का हो जाएगा।
चांद के दूर जाने से धीमी हो रही है पृथ्वी की गति! -स्टडी से हुआ खुलासा
चांद हमारी धरती से दूर जा रहा है। इससे हमारी धरती प्रभावित होगी। विस्कॉन्सिन-मैडिसन विश्वविद्यालय की एक टीम ने ९० मिलियन वर्ष पुराने चांद को लेकर बड़ी चेतावनी जारी की है। रिसर्च में बताया गया है कि चंद्रमा पृथ्वी से लगभग ३.८ सेंटीमीटर प्रति वर्ष की दर से दूर जा रहा है। इसका परिणाम यह होगा कि २०० मिलियन वर्षों में पृथ्वी पर दिन २५ घंटे का हो जाएगा। अध्ययन से पता चलता है कि १.४ बिलियन वर्ष पहले पृथ्वी पर एक दिन १८ घंटे का होता था, लेकिन चंद्रमा के लगातार पृथ्वी से दूर जाने की वजह से दिन का समय लगातार बढ़ रहा है। इस घटना का मुख्य कारण पृथ्वी और चंद्रमा के बीच गुरुत्वाकर्षण और दोनों पिंडों के ज्वारीय बल से संबंधित है। विश्वविद्यालय में भूविज्ञान के प्रोफेसर स्टीफन मेयर्स ने कहा, ‘जैसे-जैसे चंद्रमा दूर होता जा रहा है, पृथ्वी की गति धीमी हो रही है।’