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भारी भरकम टोल लगने से एमटीएचएल पर कम होंगी वाहन संख्या, शिंदे सरकार की टोल वसूली से बढ़ेगा प्रदूषण … यात्री चुनेंगे पुराना मार्ग

सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई से नई मुंबई की यात्रा में काफी समय लगता है। इसके अलावा इस दौरान काफी मात्रा में गाड़ियों की लंबी दूरी तय करने से प्रदूषण भी ज्यादा होता है। प्रदूषण और दूरी की समस्या को दूर करने के लिए एमटीएचएल की प्लानिंग हुई थी। मगर जब टोल बचाने के लिए यात्रियों द्वारा पुराने मार्ग को ही इस्तेमाल किया जाएगा तब इस एमटीएचएल बनने का क्या फायदा है।
एमटीएचएल के उद्घाटन के साथ शिंदे सरकार द्वारा लंबे समय से ट्रैफिक और यात्रा में लेटलतीफी की मार झेल रहे मुंबईकरों की जेब में सेंध लगाने की योजना शुरू है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि कार की सिंगल ट्रिप का टोल २५० है तो यदि इस रास्ते से ७०,००० में से ४०,००० कारें भी गुजरती हैं तो प्रतिदिन १ करोड़ रुपए वसूल किए जाएंगे। इस हिसाब से ३० दिन में ३० करोड़ रुपए वसूल किए जाएंगे। राज्य सरकार ने एमटीएचएल पर कारों की सिंगल ट्रिप के लिए २५० रुपए का टोल निश्चित किया है। यह टोल वसूली २०२४ से २०५३ तक यानी ३० वर्षों के लिए प्रस्तावित है। ऐसे में रोजाना टोल भरने से बचने के लिए लोगों द्वारा पहले वाले ही मार्गों को प्राथमिकता दी जाएगी। ऐसे में यह शिंदे सरकार की सबसे बड़ी नाकामी साबित होगी।
१८ हजार करोड़ रुपए है लागत
२१.८ किमी लंबे एमटीएचएल को १८,२०० करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है। टोल वसूली के लिए नई मुंबई के चिरले में टोल बूथ बनाए गए हैं। देश के सबसे लंबे इस क्रीक रोड-ब्रिज पर काम २०१८ में शुरू हुआ था, कोविड-१९ महामारी के अलावा अन्य कारणों से यह समय से पूरा नहीं हो सका अब यह ब्रिज उद्घाटन के लिए से तैयार है।
अनुमानित टोल वसूली
यदि इस रास्ते से ७०,००० वाहनों में से ४०,००० कारें रोज गुजरती हैं तो प्रतिदिन १ करोड़ रुपए वसूल किया जाएगा। इस हिसाब से ३० दिन में ३० करोड़ रुपए टोल वसूल किया जाएगा। भारी वाहनों की बात करें तो उन पर लगाया जानेवाला टोल कार टोल का ३ गुना होगा। सिंगल ट्रिप के लिए भारी वाहनों की टोल दर करीब ७५० रुपए हो सकती है। यदि प्रतिदिन २०,००० भारी वाहन भी इस पुल का इस्तेमाल करते हैं तो १५ करोड़ रुपए टोल रोजाना वसूला जा सकता है।

एमटीएचएल का टोल सबसे महंगा
कार के लिए टोल दरें सरकार द्वारा जारी कर दी गई हैं, लेकिन अभी तक भारी वाहनों की टोल दरें जारी नहीं की गई हैं। इसके अलावा राज्य सरकार एक साल बाद टोल दरों की समीक्षा करेगी। एमएमआरडीए के अनुमान के अनुसार, एमटीएचएल पर प्रतिदिन लगभग ७०,००० वाहन दौड़ेंगे, इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि रोजाना टोल से कितनी आमदनी होगी। विशेषज्ञों का कहना है कि ५.६ किमी लंबे बांद्रा-वर्ली सी-लिंक का टोल भी महज ८५ रुपए है और राउंड ट्रिप का १२७ रुपए है। इस हिसाब से एमटीएचएल पर लिया जाने वाला टोल सबसे महंगा होगा। निर्धारित टोल दरों की बात करें तो वापसी टोल पास की दर सिंगल ट्रिप टोल की आधी दर पर उपलब्ध होंगे।

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