अनिल मिश्रा / उल्हासनगर
उल्हासनगर शहर में सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जगह-जगह बनाए गए वाहन गतिरोधक (स्पीड ब्रेकर) अब लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं। खासकर बरसात के मौसम में ये गतिरोधक जलजमाव की वजह बनते जा रहे हैं, जिससे स्थानीय नागरिकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
शहर के प्रमुख इलाकों जैसे स्कूल, अस्पताल, मंदिर, चौक और रिहायशी बस्तियों के पास बनाए गए इन स्पीड ब्रेकरों के कारण सड़क पर बरसाती पानी रुक जाता है। जलनिकासी की उचित व्यवस्था न होने से यह पानी गड्ढों में भर जाता है और आने-जाने वाले वाहनों के कारण कीचड़ युक्त गंदा पानी राहगीरों पर उड़ता है। इससे न केवल कपड़े गंदे होते हैं बल्कि पैदल चलने वालों को चलने में भी भारी कठिनाई होती है।
स्थानीय नागरिकों ने बताया कि उल्हासनगर मनपा के सार्वजनिक निर्माण विभाग की लापरवाही और अज्ञानता के चलते यह समस्या वर्षों से बनी हुई है, लेकिन अब तक इसका कोई ठोस समाधान नहीं निकाला गया है।
इस विषय को लेकर शिवसेना (उद्धव बाळासाहेब ठाकरे ) के उपशहर प्रमुख सुरेश पाटील ने नगर प्रशासन की कड़ी आलोचना करते हुए कहा, “उल्हासनगर मनपा की निर्माण कार्य की खामियां और लचर योजना दर्शाती हैं कि मानो यहां का अभियंता अनुभवहीन और गैरजिम्मेदार है। यह सार्वजनिक निर्माण विभाग का घटिया कार्य पूरे शहर के लिए अभिशाप बन गया है।”
उन्होंने आगे चेतावनी दी कि यदि जल्द ही जलनिकासी की समस्या का समाधान नहीं किया गया तो शिवसेना को जनहित में उग्र आंदोलन करना पड़ेगा।
विशेष रूप से कल्याण-मुरबाड रोड, जो एक नेशनल हाईवे है, वहां शहाड रेलवे उडान पुल से लेकर सेंचुरी स्कूल तक कई स्पीड ब्रेकर बने हुए हैं। बारिश में यहां भारी जलजमाव और कीचड़ की स्थिति बन जाती है, जबकि शेष मौसम में धूल और मिट्टी लोगों की परेशानी बढ़ाती है।
जब इस गंभीर विषय पर उल्हासनगर मनपा के शहर अभियंता हनुमंता खरात से संपर्क किया गया, तो उन्होंने प्रतिक्रिया देने से परहेज किया। एक ज़िम्मेदार पद पर आसीन अधिकारी का इस प्रकार प्रतिक्रिया न देना नगर प्रशासन की असंवेदनशीलता को दर्शाता है।