मुख्यपृष्ठसमाचारमनरेगा का पैसा कब मिलेगा?

मनरेगा का पैसा कब मिलेगा?

-१६,००० करोड़ रुपए हो गए गायब…गरीबों का निवाला छीन रहा है केंद्र

सामना संवाददाता / नई दिल्ली

लोकसभा चुनाव की घंटी कभी भी बज सकती है। हाल ही में केंद्र सरकार ने संसद में अंतरिम बजट पेश किया है और चुनाव के बाद पूरा बजट पेश किया जाएगा। सरकार गरीबों को लुभाने के लिए बहुत सी स्कीमों की घोषणा कर रही है, मगर गरीबों के लिए पहले से जो योजनाएं चल रही हैं, उसके ऊपर सरकार का ध्यान नहीं है। देश में कांग्रेस की सरकार ने गरीबों को रोजगार देने के लिए मनरेगा स्कीम शुरू की थी, जिसके तहत स्थानीय स्तर पर ग्रामीणों को रोजगार मुहैया कराया जाता है। हैरानी की बात है कि पिछले कई महीने से मनरेगा का खजाना खाली है। जब पैसा ही नहीं होगा तो गरीबों के घर का चूल्हा वैâसे जलेगा? उनके बच्चों का पेट वैâसे भरेगा?
यही वजह है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार पर मनरेगा को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि इसके लिए निधि में कटौती की जा रही है, जिससे ग्रामीण क्षेत्र में लोगों का रोजगार छिन रहा है। मजदूर का पसीना सूखने से पहले उसे मजदूरी मिल जानी चाहिए। ‘अमृतकाल’ में यह मुहावरा मजदूरों के लिए मजाक बनके रह गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक फरवरी तक राज्यों का १६,००० करोड़ रुपयों का मनरेगा भुगतान बकाया है। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने इस मुद्दे को पीएम मोदी के सामने भी जोरदार तरीके से उठाया पर कोई नतीजा नहीं निकला। प्रियंका ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने पहले मनरेगा को कांग्रेस की ‘असफलता का स्मारक’ बताया, उसे बंद करने की कोशिश की। लेकिन जब जमीनी सच्चाई से रू-बरू हुए तो इसे बंद नहीं कर पाए मगर लगातार बजट घटाया। इस बार भी मामूली बढ़ोतरी करके वाहवाही लूटने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि सच्चाई यह है कि बजट में आवंटित राशि २०२३-२४ के संशोधित बजट के बराबर ही है। जानकारों का कहना है कि बकाया व अन्य खर्चे चुकाने के बाद जो राशि बचेगी, उसमें महज २५ दिनों का रोजगार दिया जा सकेगा जबकि मनरेगा योजना १०० दिनों के रोजगार की गारंटी देती है।’

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