सामना संवाददाता / मुंबई
११वीं में एडमिशन के लिए छात्रों की कल से पंजीयन प्रक्रिया शुरू हो गई। इस बीच चौंकाने वाली बात सामने आई है कि राज्य में करीब दो हजार जूनियर कॉलेजों ने हिस्सा ही नहीं लिया। इतना ही नहीं इन कॉलेजों ने पंजीकरण तक नहीं कराया है। ऐसे में ईडी २.० सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती इन कॉलेजों की खोजबीन करना है। इसी के साथ ही अब शिक्षा विभाग पर एक और जिम्मेदारी बढ़ने की संभावना है, जिसके तहत इन कॉलेजों का पता लगाकर उनके खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ सकती है।
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष शिक्षा विभाग ने राज्यभर की ११वीं की प्रवेश प्रक्रिया ऑ नलाइन और केंद्रीकृत पद्धति से करने का निर्णय लिया है। इसके लिए राज्य के सभी जूनियर कॉलेजों को पोर्टल पर पंजीकरण करने के निर्देश दिए गए थे। इस पंजीकरण में कॉलेज की सुविधाएं, कर्मचारी संख्या और अन्य जानकारी देना अनिवार्य था। ऐसे पंजीकृत कॉलेजों में से किसी एक में छात्रों को ऑनलाइन प्रवेश दिया जाना है।
इस पंजीकरण प्रक्रिया में सीबीएसई, आईसीएसई, आईबी बोर्ड के स्कूल और राज्य बोर्ड की आश्रमशालाएं शामिल नहीं हैं। बाकी सभी स्कूलों को शामिल किया गया है। यदि अब भी कोई स्कूल पंजीकरण से छूट गया है, तो उसे खोजने का कार्य किया जा रहा है।
– डॉ. महेश पालकर,
शिक्षा निदेशक व अध्यक्ष, राज्यस्तरीय प्रवेश नियंत्रण समिति
शिक्षा विभाग की हेल्पलाइन
११वीं की ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया में कॉलेजों को कुछ समस्याएं आ सकती हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग ने कॉलेजों के लिए ८५३०९५५५६४ हेल्पलाइन शुरू की है। इस नंबर पर कॉलेज अपनी समस्याओं का समाधान करवा सकते हैं और आवश्यक उपाय योजना ले सकते हैं। इस तरह की अपील शिक्षा निदेशक डॉ. महेश पालकर ने की है।