मुख्यपृष्ठनए समाचारचक्कर तो लगाने ही पड़ेंगे... पंडाल की अनुमति में मनपा का गोलमाल

चक्कर तो लगाने ही पड़ेंगे… पंडाल की अनुमति में मनपा का गोलमाल

-यथा स्थिति में जटिल शर्तें
-तत्काल करो सुधार, समन्वय समिति की मांग

सामना संवाददाता / मुंबई
पिछले दस सालों से सरकार के नियम-शर्तों और कानून का पालन करते हुए गणेशोत्सव मनानेवाले गणेशोत्सव मंडलों को मनपा ने इस साल एक साथ पांच वर्षों के लिए अनुमति देने की घोषणा की है। इस बीच सहूलियत के नाम पर उत्सव के लिए पंडाल की अनुमति के नियम और शर्तें यथा स्थिति में बरकरार होने की सच्चाई सामने आई है। मनपा ने भले ही सहूलियतों की घोषणा कर दी है, लेकिन फिर भी मंडलों को पुलिस और मनपा से एनओसी लेने के लिए चक्कर लगाने ही पड़ेंगी। यह सच्चाई सामने आने के बाद सार्वजनिक गणेशोत्सव समन्वय समिति ने मांग की है कि इस मामले में मनपा हस्तक्षेप करे और सरकार के पिछले साल के पैâसलों के अधीन रहते हुए बिना किसी नियमों और शर्तों के सभी मंडलों को लगातार तीन वर्षों के लिए यह अनुमति दे।
मुंबई मनपा ने इस वर्ष पर्यावरण-अनुकूल गणेशोत्सव मनाने के लिए उपाय करने शुरू कर दिए हैं। यह भी घोषणा की गई है कि मंडप के निर्माण के लिए केवल १०० रुपए का मामूली शुल्क लिया जाएगा। दिलचस्प बात यह है कि मनपा की ओर से दी गई सहूलियत में इस बात का जिक्र किया गया है कि पिछले दस वर्षों में कानून के तहत त्योहार मनानेवाले मंडलों को लगातार पांच वर्षों तक केवल एक बार मंडप के लिए अनुमति लेनी होगी। इसके लिए मंडलों को इस संबंध में स्वघोषित शपथ पत्र देना होगा, लेकिन मार्च २०२० में कोरोना काल में त्योहार मनाने पर कई तरह की पाबंदियां लग गर्इं। बृहन्मुंबई सार्वजनिक गणेशोत्सव समन्वय समिति के अध्यक्ष नरेश दहिबावकर ने कहा है कि इससे मंडल प्रभावित होंगे। इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया है कि अन्य शर्तों के कारण लगातार अनुमति लाभकारी नहीं होगी। इस संबंध में उन्होंने मनपा आयुक्त प्रशासक भूषण गगरानी को ज्ञापन भी दिया है।

 

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