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मात्र ३५० वर्गफुट का मिलेगा घर …धारावीकरों को झुनझुना …उद्धव ठाकरे ने ५०० वर्गफुट की रखी थी बात

सामना संवाददाता /  मुंबई
धारावी न केवल एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी है, बल्कि मुंबई में उद्योग और रोजगार का एक महत्वपूर्ण केंद्र भी है। करीब ५ हजार उद्योग, १५ हजार छोटी और बड़ी पैâक्ट्रियां, ढाई लाख लोगों को मिलनेवाले रोजगार और देश-विदेश में कई उद्योगों को कच्चे माल समेत तैयार वस्तुओं की आपूर्ति करता है। मुंबई के आर्थिक केंद्र वाली ‘सोने’ जैसे धारावी का विकास और यहां का व्यापार पुनर्विकास के बाद छिन्न-भिन्न हो जाएगा। विकासक अडानी के आने से पूरी तरह से बिखर जाएगा, ऐसे में लोग अपने व्यवसाय को धारावी से दूर ले जा रहे हैं। लेकिन अब धारावीवासियों के घर का सपना भी अधूरा ही रह जाएगा। विकासक अडानी ने धारावीवासियों को ३५० वर्गफुट का घर देने का पैâसला किया है। सोमवार को इसकी घोषणा की गई।
शिवसेना की मांग, धारावीकरों को ५०० वर्गफुट का मिले घर 
शिवसेना द्वारा हाल ही में हुए प्रदर्शन से पहले सरकार ने धारावीकरों को केवल ३०० फुट का वादा किया गया था, लेकिन अब वह बढ़ाकर ३५० वर्गफुट कर दिया गया है। यह अडानी द्वारा मात्र एक लालच दिया जा रहा हैं। उसी प्रदर्शन में शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने जोरदार सवाल करते हुए कहा कि पात्र और अपात्र तय करनेवाले ये कौन है? उद्धव ठाकरे ने अपनी रैली में मांग करते हुए कहा कि पहले म्हाडा ने यहां के एक कोने को विकसित किया था। हमारी सरकार ने बीडीडी चाल के विकास का पैâसला किया। वैसे ही धारावी का विकास सरकार को करनी चाहिए।
‘घाती’ सरकार और अडानी पर नहीं भरोसा
‘दोपहर का सामना’ से बात करते हुए एक एक जूता व्यापारी ने कहा कि ‘घाती’ सरकार और अडानी पर हमें बिल्कुल भरोसा नहीं है। अब यहां से लोगों धीरे-धीरे गोवंडी और अन्य जगहों पर अपने कारखाने को स्थापित कर रहे हैं। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने धारावीकरों, मिल मजदूरों, सरकारी कर्मचारियों, सफाईकर्मियों और पुलिसवालों को वहीं के वहीं ५०० फुट के घर की मांग की गई थी। पिछली रैली में उन्होंने ‘घाती’ सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि यह धारावीवासियों को उनके हक की जगह मिलना चाहिए।
सरकारी योजना का पता नहीं, रोजगार पर भी खतरा 
नाजिम शाह ने बताया कि हजारों उद्योगों और रोजगार पैदा करनेवाले केंद्र धारावी में बड़े पैमाने पर मिट्टी के बर्तन और कपड़ा उद्योग हैं। इसके अलावा कचरे पर प्रतिक्रिया करके पुन: प्रयोग में लगनेवाले उद्योग यहां ढाई लाख लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं। अमेरिका, यूरोप और मध्य-पूर्व के देशों के कई बाजार मुख्य रूप से धारावी के उत्पादन पर चलते हैं। धारावी से सालाना करीब ५,४०० से ८,३०० करोड़ का कारोबार होता है, इसलिए कई विदेशी बाजार भी धारावी पर निर्भर हैं, लेकिन हमें अब तक सरकार की योजना की कोई जानकारी नहीं है।

क्या है शिवसेना की प्रमुख मांगें
घर के बदले घर दिए बिना धारावीकरों के केस को भी धक्का नहीं लगना चाहिए
जहां हैं वहीं घर मिलना चाहिए। पात्र-अपात्र का बंटवारा नहीं होना चाहिए
व्यवसाय को जगह दी जानी चाहिए
कोलीवाड़ा, कुंभारवाड़ा का सीमांकन करो

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