-मनपा ने हाई कोर्ट में किया प्रक्रिया तेज होने का दावा
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई मनपा ने ३१ जनवरी २०२४ को मुंबई हाई कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर दावा किया कि ऐतिहासिक बाणगंगा टैंक को संरक्षित करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है, लेकिन क्या यह सच है? रिपोर्ट्स के अनुसार, यह योजना केवल कागजों पर दिखती है।
सालों से उपेक्षित ऐतिहासिक स्थल
बाणगंगा टैंक, जिसे १९९५ में ग्रेड-१ हेरिटेज स्थल का दर्ज प्राप्त हुआ, वर्षों तक अतिक्रमण का शिकार रहा। लेकिन मनपा की नींद तब टूटी, जब गौड़ सारस्वत ब्राह्मण मंदिर ट्रस्ट ने २०२३ में इस मुद्दे पर सीधे हस्तक्षेप किया। इसके बाद २० अप्रैल २०२३ को पहली बार बैठक हुई, जिसमें ट्रस्ट ने मनपा से अतिक्रमण हटाने की अपील की। जुलाई २०२३ में मनपा ने ५० से ज्यादा अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी किया।
पुनर्वास का दावा, लेकिन कितने बेघर?
मनपा के अनुसार, १३ पात्र परिवारों को पुनर्वास का अधिकार मिला है, लेकिन क्या बाकी अतिक्रमणकारियों का भी कोई हिसाब है? एसआरए ने ८ अगस्त २०२३ को ११६ झोपड़ियों को पुनर्वास योजना में शामिल किया।