मुख्यपृष्ठनए समाचारएमएमआरडीए का फैसला मनमाना ...सिस्त्रा का पलटवार

एमएमआरडीए का फैसला मनमाना …सिस्त्रा का पलटवार

 

– कंपनी ने निलंबन को मुंबई हाई कोर्ट में दी चुनौती
सामना संवाददाता / मुंबई
फ्रांस की इंजीनियरिंग और कंसल्टिंग कंपनी सिस्त्रा इंडिया ने मुंबई मेट्रो परियोजनाओं में किसी भी तरह की कमी के आरोपों को खारिज किया है। मुंबई मेट्रो के लिए मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमएमआरडीए) द्वारा ठेका समाप्त किए जाने के बाद कंपनी ने मुंबई हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर अपने निलंबन को मनमाना बताया है।
राजनयिक विवाद में बदल गया मामला
सिस्त्रा इंडिया ने इस विवाद को हल करने के लिए फ्रांस के दूतावास से मदद मांगी थी। कंपनी ने एमएमआरडीए अधिकारियों पर अनुचित लाभ और कठोर उत्पीड़न का आरोप लगाया, जिससे महाराष्ट्र सरकार को भी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा और अब इस मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं।
सिस्त्रा ने कहा– हम काम जारी रखने को तैयार
रिपोर्ट के अनुसार, सिस्त्रा इंडिया के सीईओ ने कहा है कि हम उच्च गुणवत्ता वाले प्रोजेक्ट देने और नैतिक व्यावसायिक सिद्धांतों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कंपनी एमएमआरडीए सहित सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है और गलतफहमियों को दूर करना चाहती है।
एमएमआरडीए ने जनवरी २०२४ में सिस्त्रा को भुगतान निलंबन का नोटिस जारी किया था और फिर जनवरी २०२५ में कंपनी के कॉन्ट्रैक्ट को रद्द कर दिया। सिस्त्रा ने इसे मुंबई हाई कोर्ट में चुनौती दी, जहां २५ फरवरी को कोर्ट ने एमएमआरडीए के फैसले को मनमाना, अनुचित और अन्यायपूर्ण बताया। हालांकि, कोर्ट ने एमएमआरडीए को इस विवाद पर दोबारा सुनवाई करने की अनुमति दी है। सिस्त्रा ने इस मामले को राजनीतिक मुद्दा बनाए जाने की निंदा करते हुए कहा कि उनका मकसद केवल एमएमआरडीए के साथ रिश्तों को सुधारना है। एमएमआरडीए ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।

अन्य समाचार