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कार्रवाई के नाम पर कुर्ला एल वॉर्ड के दोहरे मापदंड से नागरिकों में आक्रोश…मनपा के राजस्व की खुलेआम लूट…खतरे में मजदूरों की सुरक्षा…आपराधिक मुकदमा दर्ज कराने में भेदभाव

सामना संवाददाता / मुंबई

कुर्ला एल वॉर्ड में झोपड़पट्टियों में बिना किसी परमिशन के बनाए गए गेस्ट हाउस में आगजनी की घटनाएं बारंबार प्रकाश में आ रही थीं। इस अग्निकांड में पिछले तीन वर्षों में करीब 15 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसके बाद मानवाधिकार आयोग ने स्वतः संज्ञान लिया था। आयोग के आदेश के बाद साकीनाका, चांदीवली, कुर्ला-पूर्व, पश्चिम और पवई परिसर के गेस्ट हाउस पर कार्रवाई की गई है और अब मनपा इनके मालिकों पर आपराधिक मुकदमा भी दर्ज कराया है। सहायक आयुक्त धनाजी हेर्लेकर ने बताया है कि पांच अवैध गेस्ट हाउस पर कार्रवाई की गई है, जबकि २२ अन्य की सूची कार्रवाई के लिए तैयार की गई है, लेकिन अब इसी तोड़क कार्रवाई पर सवालिया निशान उठ खड़ा हुआ है।
सामाजिक कार्यकर्ता और लॉ स्टूडेंट रूपेश रविढोने ने आरोप लगाया है कि पूरे कुर्ला में बिना किसी परमिशन के बहुमंजिली इमारतें बनाई जा रही हैं। इसमें मनपा के राजस्व के लाखों-करोड़ों रुपए की लूट हो रही है, जो अधिकारियों को जेब में चला जा रहा है। इसके अलावा मजदूरों की सुरक्षा भी राम भरोसे हो गई है, क्योंकि जल्दबाजी में मजदूरों को व्यापक सुरक्षा किट उपलब्ध नहीं कराई जाती है, जिसका ताजा उदाहरण वॉर्ड क्रमांक 168 में मनपा कार्यालय के ठीक पीछे मैच फैक्ट्री लेन में बनाई जा रही इमारत है, जिस पर कई बार तोड़क कार्रवाई की गई थी, जबकि मनपा ने ठेकेदार पप्पू जाफर पर आपराधिक मामला दर्ज नहीं कराया है। इसी तरह साकीनाका, तुंगा गांव, पवई में भी बहुमंजिला इमारतें बनाई जा रही है। आपराधिक मामला न दर्ज करने से ठेकेदारों के हौसले बुलंद रहते हैं और वह कुछ दिनों बाद फिर उस निर्माण को अंजाम दे देते हैं। सामाजिक कार्यकर्ता किरण राणे और लॉ स्टूडेंट रूपेश रविढोने ने मनपा और मुख्यमंत्री कार्यालय को ईमेल भेज कर शिकायत की है कि अदालत के आदेश पर मामला दर्ज कराना और अन्य पर न कराना मनपा का दोहरा मापदंड है। जिस पर रोक लगाया जाना चाहिए, क्योंकि न्याय व्यवस्था सबके लिए एक समान होनी चाहिए।

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