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कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे की बढ़ी चिंता…सजा पर स्थगन की सुनवाई टली!

राजन पारकर / मुंबई

कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे को मिली दो साल की सजा पर स्थगन (स्टे) पाने के लिए उन्होंने सत्र न्यायालय में अपील की थी। वहीं उनकी सजा पर स्थगन न मिले, इस मांग के साथ हस्तक्षेप याचिका भी दायर की गई थी। आज इस मामले में फैसला आने की उम्मीद थी, लेकिन अब अगली सुनवाई 5 मार्च को होगी।
30 साल पुरानी गलती पड़ी भारी
नासिक शहर के उच्चभ्रू इलाके में माणिकराव कोकाटे ने 30 साल पहले अल्प आय वर्ग के लिए आरक्षित फ्लैट लिया था। सिर्फ वे ही नहीं, बल्कि उनके भाई विजय कोकाटे, पोपट सोनवणे और प्रशांत गोवर्धने-इन चारों ने कनाडा कॉर्नर क्षेत्र में “निर्माण व्यू अपार्टमेंट” में मुख्यमंत्री कोटे से गरीबों के लिए बने फ्लैट हासिल किए थे।
तत्कालीन दिवंगत राज्य मंत्री तुकाराम दिघोले ने इस गड़बड़ी की शिकायत की थी, जिसके बाद जिला प्रशासन ने इस आवंटन की जांच की। इसी मामले में गुरुवार (20 तारीख) को नासिक न्यायालय ने माणिकराव कोकाटे और उनके भाई को दो साल की सजा और 50,000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।
सजा पर रोक के लिए अपील, लेकिन इंतजार लंबा
इस दो साल की सजा के खिलाफ माणिकराव कोकाटे ने जिला सत्र न्यायालय में अपील दायर की थी। इसके बाद सजा पर रोक लगाने के लिए उनके वकीलों ने दलीलें दीं, वहीं सरकार पक्ष ने सख्त विरोध किया।
5 मार्च को अगली सुनवाई
इस मामले में अंजली दिघोले और शरद शिंदे ने भी हस्तक्षेप याचिका दायर कर सजा पर स्थगन न देने की मांग की। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय का फैसला अब 5 मार्च तक टल गया है। इस बीच हस्तक्षेप याचिका दाखिल करने वालों को उच्च न्यायालय जाने के लिए समय दिया गया है। अब देखना यह होगा कि 5 मार्च को न्यायालय क्या निर्णय सुनाता है।

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