राजन पारकर / विधान भवन
मुंबई–महाराष्ट्र की राजधानी, मराठी अस्मिता का गहना, और हर मराठी माणूस का अभिमान! लेकिन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता भैय्याजी जोशी ने ऐसा बयान दिया कि राज्य की राजनीति में मानो भूकंप आ गया। उन्होंने कहा कि हर किसी को मराठी सीखने की जरूरत नहीं, क्योंकि घाटकोपर में तो गुजराती बोली जाती है। बस, फिर क्या था! शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे गरजे और ऐसा गरजे कि पूरा महाराष्ट्र हिल गया!
“जोशी जी, ये क्या बोल गए?”
शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने भैय्याजी जोशी पर सीधा वार करते हुए कहा कि ये लोग मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की साजिश कर रहे हैं! हम मराठी लोग मुंबई को कभी अलग नहीं होने देंगे। इतना ही नहीं, उन्होंने तो ये तक कह दिया कि भैय्याजी जोशी पर देशद्रोह का मामला दर्ज होना चाहिए। उद्धव ठाकरे ने मुंबई के हुतात्मा स्मारक पर जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी और एलान किया कि कोई कितना भी जहर घोले, लेकिन मराठी और मुंबई को अलग नहीं कर सकता!
भाजपा की बढ़ी मुश्किलें!
इस बयान के बाद भाजपा भी मुश्किल में फंसती दिख रही है। विपक्ष ने मौका देखकर हमला बोल दिया है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने भी भैय्याजी जोशी को आड़े हाथों लिया। महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर “मराठी बनाम अमराठी” का मुद्दा गर्मा गया है। अब देखना ये है कि भाजपा इस पर क्या सफाई देती है और यह विवाद आगे कहां तक जाता है?