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लाशों के बीच अपनों की तलाश! …आंखों में आंसुओं के साथ अस्पताल में भटकते लोग

कल अमदाबाद के सिविल अस्पताल के बाहर जो हालात देखे गए, उसे देखकर किसी की भी आंखों में आंसू आ जएंगे। लाशों के बीच अपनों की तलाश में बेबस आंखों का दर्द साफ-साफ नजर आ रहा था। कुछ लोग तो अपनों को खो चुके थे लेकिन कुछ अभी भी अपने के जिंदा होने की उम्मीद लगाए हुए थे। अमदाबाद सिविल अस्पताल के बाहर जमा उस हर एक शख्स की आंखें बयां कर रही हैं, जो अपनों की तलाश में वहां पहुंचा था। अस्पताल में सभी इधर-उधर भटक रहे थे। देख रहे हैं कि शायद किसी बेड पर अपना दिख जाए।

वहीं सिविल अस्पताल पहुंचा एक व्यक्ति जोर-जोर से रोने लगा। वह अंदर जाना चाहता था, ताकि उसे अपने परिजनों के बारे में कुछ पता चल सके, लेकिन अधिकारियों ने उसे रोक लिया। वह अधिकारियों के सामने हाथ जोड़कर विनती करने लगा, तभी उसकी आंख से आंसू छलक पड़े। ऐसे बहुत से परिवार सिविल अस्पताल के बाहर नजर आए, जिनके परिजन इस हादसे का शिकार हुए हैं।
दिल से आवाज आई
आज मत जा…
सावजी भाई टिंबाडिया नामक शख्स ने बताया,`मैं विमान में जाने वाला था। बेटा लंदन में रहता है। मेरी सीट बुक थी। भगवान स्वामी नारायण ने मुझे बचा लिया। अंदर से आवाज आई आज नहीं जाना है।’
चारों ओर बस
लाशें ही लाशें थीं

चालक दल के सदस्यों सहित २४२ लोगों को लेकर गैटविक जाने वाले एयर इंडिया के विमान-बोइंग ७८७-८ ड्रीमलाइनर ने गुरुवार को दोपहर १.३९ बजे उड़ान भरी और कुछ ही मिनटों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया और आग की लपटों में घिर गया। एयर इंडिया ने कहा कि २३० यात्रियों में से १६९ भारतीय नागरिक थे, ५३ ब्रिटिश नागरिक, सात पुर्तगाली और एक कनाडाई यात्री हैं। रमेश विश्वास कुमार ने बताया कि जब मैं उठा, तो मेरे चारों ओर शव पड़े थे। मैं डर गया। मैं खड़ा हुआ और भागा। मेरे चारों ओर विमान के टुकड़े पड़े थे।

सीडीएस बिपिन रावत से लेकर होमी भाभा…
वो बड़े नाम जो प्लेन क्रैश में गवां चुके हैं जान!

गुजरात के अमदाबाद में एयर इंडिया का विमान व्रैâश हो गया। टेक-ऑफ के तुरंत बाद यह विमान नीचे गिर गया और देखते ही देखते आग का गोला बन गया। इस विमान में २४२ लोग सवार थे, जिसमें सभी की मौत की आशंका जताई जा रही है। हादसे की वजह अभी तक सामने नहीं आई है। इस विमान हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की भी मौत हो चुकी है। इससे पहले भी कई बड़े नेताओं का विमान हादसे में निधन हो चुका है।
सीडीएस विपिन रावत
देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत भी ऐसे ही एक हादसे का शिकार हुए थे। ८ दिसंबर, २०२१ को सीडीएस विपिन रावत हेलिकॉप्टर से सुलूर के वेलिंगटन जा रहे थे, इसी दौरान तमिलनाडु के कुन्नूर में उनका हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया।
होमी जहांगीर भाभा
देश के महान वैज्ञानिक होमी जहांगीर भाभा की मृत्यु भी एयर इंडिया के विमान हादसे में हुई थी। २४ जनवरी, १९६६ में एयर इंडिया की फ्लाइट १०१ हादसे का शिकार हो गई थी।
वाईएस राजशेखर रेड्डी
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी की मौत भी विमान हादसे में हुई थी। २ सितंबर, २००९ को उनका हेलीकॉप्टर खराब मौसम के कारण हादसे का शिकार हो गया था।
माधवराव सिंधिया
देश के पूर्व रेल मंत्री माधवराव सिंधिया की ३० सितंबर, २००१ को कानपुर में एक राजनीतिक रैली के लिए जाते समय विमान दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी।
दोरजी खांडू
३० अप्रैल, २०११ को अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री दोरजी खांडू की मृत्यु हेलिकॉप्टर हादसे में हुई थी। उनका पवन हंस हेलीकॉप्टर ग्राउंड कंट्रोल से संपर्क टूटने के कारण हादसे का शिकार हो गया था। पांच दिन बाद विमान का मलबा तवांग में मिला था।

न सीट का डिस्प्ले काम कर रहा था
न एसी चल रहा था!
शख्स ने की थी तकनीकी गड़बड़ी की शिकायत
एयर इंडिया की फ्लाइट एआई १७१ अमदाबाद एयरपोर्ट से टेकऑफ के चंद मिनटों बाद ही मेघाणीनगर में व्रैâश हो गई। इस घटना में कई लोगों की जान जाने की आशंका है। फिलहाल दुर्घटना की वजह सामने नहीं आ पाई है। इसी बीच जो विमान अमदाबाद में रवाना होने के ठीक बाद व्रैâश हुआ है, उसमें दिल्ली से बैठकर अमदाबाद पहुंचे थे। शख्स ने अपना नाम आकाश वत्स बताया है। उसने दावा किया है कि फ्लाइट के दौरान ही उसने विमान में तकनीकी दिक्कतों को लेकर शिकायत की थी। `एक्स’ पर एक पोस्ट में आकाश वत्स नाम के इस शख्स ने दावा किया कि सफर के दौरान उसने कुछ अजीब चीजें महसूस कीं। उन्होंने कहा, `मैं अमदाबाद में उतरने से पहले उसी फ्लाइट में दो घंटे तक था। मैं दिल्ली से चढ़ा था।’ वत्स ने अपने सफर से जुड़े कुछ वीडियो भी पोस्ट किए हैं। इस शख्स ने कहा कि आसपास के यात्री सीट पॉकेट में रखी मैगजीन को हवा करने के लिए इस्तेमाल कर रहे थे, क्योंकि एसी काम नहीं कर रहे थे। उन्होंने कहा, `फ्लाइट में एसी के साथ टीवी स्क्रीन्स और केबिन क्रू को बुलाने के लिए लगे बटन भी काम नहीं कर रहे थे।’

जाको राखे साइयां
मार सके न कोय
विमान हादसे में अकेला जिंदा बचा

वो कहते हैं न ‘जाको राखे साइयां मार स्ाके न कोय’, कुछ ऐसा ही अमदाबाद प्लेन व्रैâश में हुआ है। गुरुवार को एयर इंडिया का विमान उड़ान भरने के साथ ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया। अब इस हादसे में एक व्यक्ति के जिंदा रहने की खबर मिली है। अमदाबाद के पुलिस कमिश्नर जीएस मलिक ने कहा, ‘पुलिस को सीट ११ए पर एक जीवित व्यक्ति मिला। उसका इलाज चल रहा है। बता दें कि हादसे में जीवित व्यक्ति का नाम रमेश विश्वास कुमार है। ४० वर्षीय इस यात्री का इलाज अमदाबाद के असरवा स्थित सिविल अस्पताल में चल रहा है। विश्वास, जिनके सीने, आंखों और पैरों पर चोटें आईं हैं। उन्होंने बताया कि उड़ान भरने के तीस सेकंड बाद, एक जोरदार आवाज हुई और फिर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। रमेश विश्वास कुमार ने कहा कि वह २० साल से लंदन में रह रहे हैं।

जान बचाने को
दूसरी मंजिल से कूदा
हॉस्टल में बेटे के घायल होने की सूचना मिलने पर रमीला अमदाबाद के सिविल अस्पताल पहुंचीं। यहां उन्होंने बताया कि उनका बेटा लंच ब्रेक के दौरान हॉस्टल गया था। विमान वहीं दुर्घटनाग्रस्त हो गया। बेटा सुरक्षित है और उन्होंने उससे बात की है। वो दूसरी मंजिल से कूद गया था, इसलिए उसे कुछ चोटें आईं।
‘भविष्य का हवाई जहाज’
कैसे भर रहा `मौत’ की उड़ान!
अमदाबाद, गुजरात में आज एक बड़ा विमान हादसा हुआ, जब बोइंग का ७८७ ड्रीमलाइनर अचानक तकनीकी खराबी के चलते दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान में कुल २४२ लोग सवार थे। एक समय था जब ँदाग्हु ७८७ ड्रीमलाइनर को ‘भविष्य का हवाई जहाज’ कहा जाता था। हल्का वजन, लंबी रेंज, और उन्नत तकनीक के कारण इसे एविएशन की दुनिया में गेम चेंजर माना गया। लेकिन बीते कुछ वर्षों में ये विमान लगातार तकनीकी खामियों, सॉफ्टवेयर बग्स, और बैटरी फेल जैसी गंभीर समस्याओं का शिकार बना है। भारत समेत पूरी दुनिया में भी कई बार इस ड्रीम लाइनर को मजबूरी में ग्राउंड करना पड़ा है।

कहीं आधी रोटी तो कहीं थोड़ी सब्जी!
-गले से निवाला उतरने से पहले ही पहुंच गई मौत
– बीजे हॉस्टल की भयावह तस्वीरों ने सभी को रुला दिया
प्लेन में सफर करने वालों में से कई ने अपने परिजनों से कहा होगा कि हम एयरपोर्ट पहुंच गए हैं। लंदन पहुंचकर फोन करेंगे। मगर, फ्लाइट के उड़ने के चंद मिनट बाद जो हुआ उसने लोगों का कलेजा चीर दिया है। शवों की हालत ऐसी है कि शिनाख्त डीएनए से होगी। प्लेन में सफर करने वालों के परिजनों के साथ ही उन मां-बाप भाई-बहनों का भी दर्द झकझोर देने वाला है, जिनके डॉक्टर बनने वाले बेटे हॉस्टल में खाना खा रहे थे और जान गंवा बैठे। बीजे हॉस्टल में टेबल पर खाने की प्लेटें, किसी में आधी रोटी तो किसी में थोड़ी सब्जी, जमीन पर पड़े गिलास और सामने मौत का तांडव। ये तस्वीर है अमदाबाद विमान हादसे के बाद उस हॉस्टल की, जहां देश के भावी डॉक्टर खाना खा रहे थे। एअर इंडिया की फ्लाइट एआअई-१७१ उड़ान भरने के बाद इसी मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग से टकराई थी, जिसने करीब २० मेडिकल स्टूडेंट्स की सांसें छीन लीं।

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