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विधानसभा अध्यक्ष ने सत्य, न्याय डिसमिस किया; सभी पात्र, गद्दार भी पात्र … संविधान को पैरों तले रौंदा, बालासाहेब की शिवसेना चोरों के हाथ में दी!

सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र में सत्ता संघर्ष के मामले में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ द्वारा रेखांकित किए गए मुद्दों और फैसलों की अनदेखी करते हुए महाराष्ट्र विधानमंडल में रद्द कर लोकतंत्र का गला घोंटने का काम किया गया। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर, जिन पर संसदीय लोकतंत्र और संविधान की रक्षा की जिम्मेदारी है, उन्होंने देश के संविधान और विधायिका कानूनों को रौंद डाला और बालासाहेब की शिवसेना को उन चोरों के हाथों में सौंप दी, जो शिवसेना को धोखा देकर सत्ता में आए थे। अध्यक्ष नार्वेकर इतने पर भी नहीं रुके और मराठी लोगों के न्याय और हक के लिए जिस शिवसेना की स्थापना हिंदूहृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे ने की थी, उस शिवसेना के संविधान को अवैध करार देते हुए कमलाबाई के इशारों पर नाचनेवाले ‘घातियों’ की शिवसेना के रूप में मान्यता देते हुए सत्य और न्याय का फैसला सुनाया।

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