– लाभार्थी मैक्रोटेक डेवलपर्स को सरकार द्वारा प्रोत्साहन
सामना संवाददाता / मुंबई
घोटालेबाजों को क्लीनचिट देकर सरकार में शामिल करने वाले बीजेपी मंत्री के बेटे ने जुहू स्थित सेंटॉर होटल के ३,२०० करोड़ रुपए गटके जाने का मामला सामने आया है। यह बात भी सामने आई है कि दक्षिण मुंबई के एक अमीर बीजेपी नेता ने आईसीबी का दुरुपयोग कर मैक्रोटेक कंपनी की झोली में ८८८ करोड़ रुपए डाल दिया। यह कंपनी बीजेपी मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा की मानी जाती है। कंपनी ऊंचा टावर खड़ा कर करीब १३ हजार ५०० करोड़ रुपए की कमाई करने वाली है। खास बात यह है कि सरकार ने इस कंपनी पर रियायतों की भी बरसात कर दी है। इस घोटाले से भाजपा का कपटपूर्ण चेहरा एक बार फिर सामने आया है।
जुहू का ये होटल है वी. होटल्स लिमिटेड और जिन बैंकों ने इसका अधिग्रहण किया, उनमें बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक, केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, विजया बैंक और इंडियन बैंक शामिल थे। ३७ प्रतिशत ऋण केनरा बैंक और इंडियन बैंक के साथ पेगासस नामक कंपनी के पास था और शेष ६३ प्रतिशत एक सेट भारतीय पुनर्निर्माण कंपनी (एआरसीआईएल) को सौंपा गया था। बैंकों ने २०१० में इन कंपनियों को अपना अधिग्रहण बेच दिया। इसके बाद २०११ में सोची-समझी योजना के मुताबिक, कंपनी १५० करोड़ रुपए लौटाने में नाकाम रही। नतीजा यह हुआ कि आर्सिल ने हर महीने २२ फीसदी ब्याज और किश्तें देने की योजना लागू की थी। वर्ष २०१३ में यह योजना अचानक रद्द कर दी गई। इसके बाद २०१५ से २०१९ तक अलग-अलग कर्ज वसूली केंद्रों में कानूनी लड़ाई चली। आखिरकार मुंबई हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने पैâसला सुनाया कि आर्सिल इस तरह से योजना में बदलाव नहीं कर सकता और कर्जदार इसके बारे में शिकायत भी नहीं कर सकता। इसके बाद, मई २०१९ में, आर्सिल ने कंपनीr के खिलाफ दिवालियापन की कार्रवाई शुरू करने के लिए एक आवेदन दायर किया।