सामना संवाददाता / मुंबई
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस आए दिन अपने सहयोगी दल शिंदे गुट को झटका पर झटका दे रहे हैं। हाल ही में उन्होंने शिंदे गुट के मंत्रियों के तमाम निर्णय रद्द कर दिए तो कई मंत्रियों का अधिकार भी कम कर दिया है। अब नासिक में महाकुंभ २०२७ को लेकर सीएम ने गहरी चाल चली है, जिसके चलते शिंदे गुट अपने आप चारों खाने चित हो गया है। फडणवीस ने नासिक महाकुंभ के लिए प्राधिकरण का गठन किया है। इस प्राधिकरण की कमान भाजपा मंत्री के हाथ में देने का मन बनाया है। इससे शिंदे गुट के हाथ से महाकुंभ के आयोजन से जुड़े तमाम अधिकार अपने आप सीएम को चला गया है। ऐसे में शिंदे गुट के नेता नाराज तो हैं, लेकिन कुछ बोल नहीं पा रहे हैं।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने चोंढी में हुई मंत्रिमंडल बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया और सिंहस्थ कुंभ मेले के लिए एक स्वतंत्र प्राधिकरण नियुक्त करने को मंजूरी दी है। इस प्राधिकरण की मूलभूत योजना और कार्यपद्धति विभागीय राजस्व आयुक्त प्रवीण गेडाम द्वारा तय की गई है। बता दें कि नासिक में पालक मंत्री पद को लेकर भाजपा और शिंदे गुट में जमकर ठनी है। सीएम इस लड़ाई को देखते हुए नासिक के पालक मंत्री की घोषणा नहीं कर रहे हैं।
दरअसल, नासिक में जो भी पालक मंत्री बनेगा। आगामी कुंभ मेले के आयोजन का पूरा अधिकार उसके पास होगा। ऐसे में शिंदे गुट के हाथ में यह कुंभ मेले का आयोजन न जाए इसलिए भाजपा के गिरीश महाजन को नासिक का पालक मंत्री बनाया था। हालांकि, कड़े विरोध के बाद वह निर्णय स्थगित कर दिया गया। इसके बाद शिंदे गुट को दरकिनार करने के लिए देवेंद्र फडणवीस ने बड़ी चालाकी से इस मेले के लिए प्राधिकरण का गठन कर दिया। यह प्राधिकरण बनाने के बाद शिंदे गुट के हाथ ठेंगा लगा है।