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गरीबों के ‘आनंद’ के निवाले पर ग्रहण …. रवा में मिला चूहों का मल, भूसी और पत्थर पाम तेल से आ रही बदबू

सामना संवाददाता / मुंबई
शिंदे-फडणवीस सरकार ने धूम-धड़ाके के साथ त्योहारी सीजन में गरीबों के लिए जिस ‘आनंदाचा शिधा (आनंद का राशन) योजना’ को शुरुआत की थी, अब उसकी कलई खुलने लगी है। जानकारी सामने आई है कि आनंद का शिधा घटिया स्तर का पाया गया है। इसमें पामतेल से बदबू आ रही थी, जबकि सूजी में मल, भूसी और बारीक पत्थर मिले। इस योजना पर ७२७ करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किया जाता है, लेकिन यह राशन खाने लायक नहीं है। हद तो यह हो गई है कि बिना टेंडर के ही सरकार ने अपने चहेते ठेकेदारों को ठेका दे दिया है। महाराष्ट्र ग्राहक कृति समिति ने कल मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मांग की है कि सरकार ने ठेकेदार के खिलाफ फौजदारी और कानूनी कार्रवाई करें।
उल्लेखनीय है कि दिवाली, राम नवमी, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जयंती के मौके पर १०० रुपए में आनंद का शिधा देने की योजना की घोषणा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने की थी। प्रदेश के १.६५ करोड़ राशन कार्ड धारकों को सौ रुपए में एक किलो सूजी, चना दाल, चीनी, पाम तेल दिया गया, लेकिन पाम तेल से तेज बदबू आ रही थी। यह तेल खाने लायक नहीं था। सूजी बहुत मोटा था। उसमें चूहों का मल, भूसी और बारीक पत्थर मिले थे। अब फिर से त्योहारों के दिन शुरू हो रहे हैं। विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही ‘आनंद का शिधा’ शुरू हो जाएगा।
शिकायतों की हो रही अनदेखी
‘आनंद का शिधा’ की गुणवत्ता को लेकर महाराष्ट्र ग्राहक सुरक्षा कृति समिति ने सितंबर २०२३ में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र भेजकर शिकायत की थी, वहीं इसी तरह की शिकायत राज्य खाद्य नागरिक आपूर्ति व उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव से भी की गई थी, लेकिन फिर भी राज्य सरकार ने इस शिकायत की अनदेखी की और ध्यान नहीं दिया। साथ ही राज्य सरकार ने इन वस्तुओं की आपूर्ति जारी रखी।
ठेकेदारों पर मेहरबानी
महाराष्ट्र ग्राहक सुरक्षा कृति समिति के अध्यक्ष अनिल पंडित ने फिर से मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर ‘आनंद का शिधा’ के खाद्यान्न की निम्न गुणवत्ता की शिकायत की है। ये वस्तुएं खाने लायक नहीं थीं। ठेकेदारों को ठेका देते समय उनकी वित्तीय और खाद्यान्न सप्लाई करने की क्षमता की जांच नहीं की गई। असल में ठेकेदारों को ठेका देते समय टेंडर प्रक्रिया लागू नहीं की गई। शर्तों और नियमों को ताक पर रखकर पसंदीदा ठेकेदारों को ठेका दे दिया गया, इसलिए समिति के अध्यक्ष अनिल पंडित ने चेतावनी दी है कि गरीब राशन कार्ड धारकों के साथ धोखाधड़ी करनेवाले ठेकेदारों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जाए, अन्यथा वे इस मामले में अदालत जाएंगे।

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