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संपादकीय : हिंदुओं का जीना दुश्वार हो गया!

हिंदुत्व के मामले में हमारे जैसे सिर्फ हम ही हैं। भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि अगर हम नहीं होंगे तो हिंदुत्व खतरे में आ जाएगा। शेखी बघारते हुए इनका कहना है कि नरेंद्र मोदी हैं इसीलिए दुनिया में हिंदू ‘सेफ’ यानी सुरक्षित हैं। लेकिन भाजपा, मोदी और उनकी सरकार पड़ोसी बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को रोकने में नाकाम साबित हुई है। बांग्लादेश में हिंदू समाज की स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल के बाद से वहां के हिंदू मंदिर, हिंदू बस्तियां, हिंदू व्यवसाय और उद्योग जलाकर राख किए जा रहे हैं। हिंदुओं पर हमले किए जा रहे हैं और उन्हें मारा जा रहा है। बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिरों के प्रमुख चिन्मय कृष्ण दास को शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया और अब चिन्मय स्वामी के शिष्य, मंदिर के पुजारी आदिनाथ को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। आदिनाथ को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया, लेकिन सरकार का कहना है, आदिनाथ कौन हैं हम नहीं जानते। हमें उनकी गिरफ्तारी के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इसका मतलब है कि पुजारी आदिनाथ गायब कर दिए गए हैं। बांग्लादेश में भारत के राष्ट्रीय ध्वज को पैरों तले रौंद दिया गया है। हिंदुओं को अवैध रूप से गिरफ्तार किया जा रहा है और अदालत में उनके लिए पेश होनेवाले वकीलों को मार दिया गया है। जब यह सब हो रहा है तो भारत की हिंदुत्ववादी मोदी सरकार कहां छुपी हुई है? प्रधानमंत्री मोदी, विदेश मंत्री जयशंकर बांग्लादेश में हिंदू अत्याचारों पर एक शब्द नहीं बोले। हिंदुत्व के इस ‘दमन चक्र’ को मोदी सरकार उदासीन भाव से देख रही है। उनके लिए बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को रोकने से ज्यादा जरूरी महाराष्ट्र में सरकार बनाने का खेल जारी रखना लगता है। बांग्लादेश में हिंदू बच्चों और महिलाओं के खिलाफ हिंसा चिंताजनक है। भारत में खुलेआम ‘वोट जिहाद’, ‘बंटेंगे तो कटेंगे’, ‘एक हैं तो सेफ हैं’ और ‘लव जिहाद’ का नारा लगाने वालों को पड़ोसी बांग्लादेश में हिंदुओं की पीड़ा नजर नहीं आती। महाराष्ट्र में नतीजे घोषित होते ही भाजपा के कई जीते हुए ऐरे-गैरे नत्थू खैरे मस्जिदों और दरगाहों जैसी जगहों पर दुआ कबूल होने के एवज में जाते दिख रहे हैं। इसमें ऐसे लोग भी हैं जो हिंदुओं का गब्बर कहलवाते हैं, तो ये लोग अपने हथियार लेकर बांग्लादेश जाकर हिंदुओं की रक्षा क्यों नहीं करते? हिंदू खतरे में है तो वह बांग्लादेश, नेपाल, अफगानिस्तान में है। चूंकि भारत में हिंदुओं से ज्यादा संकट में भाजपा है इसलिए वे तवे पर मक्के के दानों की तरह तड़ातड़ उछल रही है। बांग्लादेश में आज की तस्वीर परेशान करनेवाली है, लेकिन नरेंद्र मोदी, फडणवीस, शिंदे आदि लोग इससे परेशान नहीं हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कागजी बम फोड़ते हुए कहा, ‘बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार बंद करो और हिरासत में लिए गए चिन्मय दास को रिहा करो।’ लेकिन क्या इस अपील से बांग्लादेश में हिंदू विरोधी हिंसा रुक जाएगी? मूलत:, बांग्लादेश में जो हिंदू-विरोधी नफरत भड़की है, उसकी जड़ भारत में मोदी और भाजपा की कार्यप्रणाली में छिपी है। चुनाव जीतने के लिए मोदी ने हिंदू-मुसलमानों के बीच दरार पैदा की, मुसलमानों पर हमले किए। उन्होंने कई ‘प्रयोग’ किए जिससे दुनियाभर के मुसलमानों में मोदी के हिंदुत्व के प्रति नफरत पैदा हुई। उत्तर प्रदेश में संभल, अजमेर दरगाह, ज्ञानवापी मस्जिद की खुदाई भारत में आग लगा रही है, लेकिन क्या भाजपा के खोखले हिंदुत्ववादियों को इस बात की खबर है कि इस आग की आंच से भारत के बाहर के हिंदुओं को झुलसना पड़ रहा है? १९७१ में, जब पूर्वी पाकिस्तान में हिंदुओं पर हमला हुआ और शरणार्थी भारत आने लगे तो मर्दाना प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सीधे पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध की घोषणा की और इसे दो हिस्सों में बांट दिया। उनमें से एक हिस्सा बांग्लादेश है। मोदी सरकार की विदेश नीति साफतौर पर खराब हो गई है। पड़ोसी देशों के साथ उनके रिश्ते तनावपूर्ण हैं। जब से मोदी आए हैं, भारत के पास-पड़ोसी के रूप में कोई मित्र नहीं रहा। मोदी की नीतियां न सिर्फ कच्ची हैं, बल्कि दुनियाभर के हिंदुओं का सिर शर्म से झुका देती हैं। मोदी के कारण विश्व का हिंदू असुरक्षित और कमजोर हो गया है। अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहनराव भागवत ने देश में घटती जनसंख्या दर पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा, ‘जब किसी समाज की प्रजनन दर २.१ प्रतिशत से नीचे चली जाती है तो वह समाज धरती से गायब हो जाता है इसलिए जनसंख्या प्रजनन दर २.१ फीसद से नीचे नहीं जानी चाहिए। दो या तीन बच्चे पैदा करने चाहिए।’ हालांकि, भागवत ने सीधे तौर पर किसी समुदाय का नाम नहीं लिया है, लेकिन उनका अप्रत्यक्ष रुख हिंदुस्थान के हिंदू समुदाय की ओर ही है। भागवत सुझाव देना चाहते हैं कि देश के हिंदुओं को दो या तीन लड़कों को जन्म देना चाहिए और यहां के हिंदू समाज को सुरक्षित करने के लिए जनसंख्या बढ़ानी चाहिए। मौजूदा वक्त में हिंदुस्थान में स्वघोषित हिंदुत्ववादी ही सत्ता में हैं। ‘एक हैं तो सेफ हैं’ जैसे हिंदुओं को डरानेवाले नारे इस बात को ‘साबित’ कर देते हैं कि उन्हीं के शासनकाल में देश के हिंदू ‘अनसेफ’ हैं तो हिंदुओं की प्रजनन दर बढ़ जाने से हिंदुस्थान और दुनियाभर के हिंदू वैâसे सुरक्षित रहेंगे? यह प्रश्न है। सच तो यह है कि मोदी और उनकी भाजपा की वजह से दुनियाभर में हिंदुओं का जीना दुश्वार हो गया है, लेकिन बोलेगा कौन?

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