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सरकार की जल योजनाएं फेल… राज्य में सूखे का संकट!.. टैंकरों से भी पानी सप्लाई मुश्किल

सामना संवाददाता / मुंबई

राज्य में फडणवीस सरकार जल संरक्षण के ऊपर बड़ा काम करने का दावा करती है, लेकिन इस साल अभी से ही राज्य में जल का संकट गहराता जा रहा है। सरकार की सभी जल संरक्षण योजनाएं फेल नजर आ रही हैं। लोग पानी के लिए पांच-पांच किलोमीटर दूर जाकर निराश लौट रहे हैं। ठाणे, पालघर, अहिल्यानगर, पुणे, सातारा, सांगली, सोलापुर और छत्रपति संभाजीनगर जिले में जलसंकट विकराल रूप धारण कर चुका है।
वर्तमान में राज्य के बांधों में केवल ३१.९७ प्रतिशत जलसंचय बचा है। हालांकि, इस बार पिछले वर्ष की तुलना में जलस्थिति संतोषजनक है, फिर भी लगभग ९०० गांवों और २,३०० से अधिक बस्तियों में १,१४० टैंकरों के माध्यम से पीने के पानी की आपूर्ति की जा रही है। टैंकरों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में गर्मी का प्रकोप बढ़ने से कुएं सूखने लगे हैं। ८० प्रतिशत कुएं पूरी तरह सूख चुके हैं। बोरवेलों का जलस्तर भी बहुत नीचे चला गया है। अब पीने के पानी के लिए केवल बांध ही एकमात्र विकल्प बचे हैं, लेकिन बांधों का जलस्तर भी लगातार घट रहा है।
जून में भयंकर संकट
बता दें कि गर्मी का प्रकोप दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है, और इसके साथ ही पानी की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। राज्य के दो हजार गांवों और बस्तियों को जलसंकट का सामना करना पड़ रहा है। इन स्थानों पर पीने के पानी की आपूर्ति टैंकरों के माध्यम से की जा रही है और इन टैंकरों की मांग में भारी इजाफा हुआ है। मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार, यदि जून के पहले सप्ताह में बारिश की शुरुआत नहीं हुई तो जून महीने में जल संकट और गंभीर होने की आशंका है।

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