सामना संवाददाता / अमदाबाद
‘आप एक करोड़ देना चाहते हो, मैं आपको दो करोड़ दूंगी, बस मेरे पापा मुझे वापस कर दो…’ ये शब्द हैं फाल्गुनी के, उस बेटी के, जिसने अपने पिता को अमदाबाद विमान हादसे में खो दिया। फाल्गुनी सवाल पूछती हैं, कोई बता दे कि मेरे पापा की क्या गलती थी, जो इस फ्लाइट में बैठे। मैं बेटी हूं, मुझे मेरे पापा वापस ला कर दो। एयर इंडिया क्या मजाक बनाकर बैठी है, कोई जवाब नहीं, कोई संवेदना नहीं।
पैसा नहीं चाहिए, पापा चाहिए
फाल्गुनी ने सवाल किया कि क्या मिला मेरे पापा को देशप्रेम का इनाम? क्या ऐसे चलाना है देश का नाम? फाल्गुनी कहती हैं कि बंद कर दो एयर इंडिया अगर आप सुरक्षित उड़ान नहीं भरवा सकते। ये कोई मजाक नहीं है। किसी की जान से बड़ा कुछ नहीं होता। रोते हुए फाल्गुनी ने कहा कि वह एक करोड़ देने की बात कर रहे हैं, मैं दो करोड़ दूंगी, लेकिन बदले में मेरे पापा वापस ला दो। क्या पैसे से इंसान खरीदे जा सकते हैं? फाल्गुनी आगे कहती हैं, हम उन पैसों से पलंग खरीद लेंगे, लेकिन उस पर नींद वैâसे आएगी, जो सच्चा प्यार मेरे पापा मुझे देते थे, वो कहां मिलेगा। फाल्गुनी कहती है कि मेरे पिता एक देशभक्त थे। वो खुद को एयर इंडिया का गौरवशाली यात्री मानते थे। वे अक्सर कहते थे, एयर इंडिया हमारा गर्व है, ये देश की शान है।
१० मिनट की देर से बच गई जान
वहीं दूसरी ओर एक ऐसी महिला भूमि भी है जिसकी यह फ्लाइट छूट गई थी। जिस वजह से उनकी जान बच गई। भूमि ने बताया, मेरी फ्लाइट की टाइमिंग दोपहर १ बजकर १० मिनट की थी और १२:१० से पहले एयरपोर्ट पहुंचना था। रास्ते में ट्रैफिक बहुत था, इसलिए मुझे एयरपोर्ट पहुंचने में १२ बजकर २० मिनट हो गए थे। मैं चेक-इन नहीं कर पाई और सुरक्षा कर्मियों ने मुझे वापस जाने के लिए कह दिया। इसलिए मेरी फ्लाइट मिस हो गई। शुरुआत में मैं सोच रही थी कि थोड़ी जल्दी आ जाती तो नुकसान नहीं होता और फ्लाइट पकड़ पाती, लेकिन अब सोचती हूं कि जो हुआ अच्छा ही हुआ। भूमि ने हादसे के बारे में कहा कि मैं एयरपोर्ट से घर के लिए वापस लौट रही थी, तो रास्ते में मुझे पता लगा कि जिस फ्लाइट में मैं बैठने वाली थी वही क्रैश हो गई है। मेरा शरीर सचमुच कांप रहा था। मैं बात नहीं कर पा रही थी। जो कुछ भी हुआ है उसे सुनने के बाद मैं सन्न रह गई थी। मैंने सोचा कि मेरे कुछ अच्छे कर्म रहे होंगे जो मेरी फ्लाइट मिस हो गई और मेरी जान बच गई, लेकिन और लोगों के साथ जो हुआ है वह बहुत भयावह घटना है।