सामना संवाददाता / मुंबई
सरकार के गैर-जिम्मेदाराना कामकाज को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे ‘प्रहार जनशक्ति पार्टी’ के संस्थापक अध्यक्ष और पूर्व मंत्री बच्चू कडू की हालत बिगड़ने लगी है, जिसके बाद प्रहार के कार्यकर्ता पूरे महाराष्ट्र में आक्रामक हो गए हैं और अमरावती में आंदोलन ने जोर पकड़ लिया है। अमरावती में कार्यकर्ताओं ने तहसीलदार को कार्यालय में बंद कर दिया और प्रशासन पर दबाव बनाते हुए सरकार को चेतावनी दी है कि अगर समाधान नहीं मिला तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा।
उधर, बच्चू कडू ने भी चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो उनकी अर्थी उठेगी। संभाजी राजे ने भी इसी मामले में सरकार को हड़काया है। उन्होंने कहा कि यदि बच्चू कडू को कुछ हुआ तो पूरा महाराष्ट्र जल उठेगा।
किसानों की पूर्ण कर्जमाफी और दिव्यांगों को छह हजार रुपए मासिक मानधन देने की मांग को लेकर बच्चू कडू ने मोझरी में ६ दिनों से आमरण अनशन शुरू किया है, लेकिन सरकार की ओर से अब तक कोई हल न निकलने के कारण प्रहार के कार्यकर्ता अब और अधिक आक्रामक हो गए हैं।
अमरावती के तहसील कार्यालय में प्रहार के कार्यकर्ताओं ने आंदोलन किया। तहसीलदार विजय लोखंडे को उनके केबिन में बंद कर दिया गया। प्रहार के करीब १५ से २० कार्यकर्ता दोपहर को अचानक तहसीलदार के कार्यालय में घुस गए और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। कार्यकर्ता इतने उग्र हुए कि न कोई अंदर जा पा रहा था और न ही कोई बाहर आ पा रहा था। बाद में पुलिस सुरक्षा के बीच तहसीलदार को बाहर सुरक्षित निकाला गया।
प्रहार के कार्यकर्ताओं ने बच्चू कडू के समर्थन में राज्यभर में आंदोलन शुरू किया है। कहीं रास्ता रोको आंदोलन किया गया तो कहीं पानी की टंकी पर चढ़कर प्रदर्शन किया गया। कुछ कार्यकर्ताओं ने जल समाधि का आंदोलन किया। एक कार्यकर्ता ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या का प्रयास भी किया।