वसीम अंसारी / मुंबई
महाराष्ट्र में एक चौंकानेवाला मामला सामने आया है, जिसमें बलात्कार की बढ़ती घटनाओं ने सभी को हैरान कर दिया है। राज्य में बढ़ते यौन अपराधों और छेड़छाड़ की घटनाओं के कारण यह सवाल उठने लगा है कि महाराष्ट्र में महिलाएं सुरक्षित हैं या नहीं?
महाराष्ट्र सरकार ‘लाडली बहन’ योजना के जरिए महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की बात कर रही है, लेकिन उनकी सुरक्षा का सवाल अब गंभीर होता जा रहा है। महिलाओं के खिलाफ अत्याचार की बढ़ती घटनाएं सरकार की कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा कर रही हैं। जो आंकड़े सामने आ रहे हैं, वे चौंकानेवाले हैं। पिछले दो वर्षों में १,५०० से अधिक महिलाओं के बलात्कार के मामले दर्ज किए गए हैं।
इससे यह स्पष्ट होता है कि महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है और अपराधियों के हौसले बुलंद हो गए हैं।
शक्ति कानून क्यों नहीं लागू कर रही है सरकार?
शक्ति कानून, जिसे महिलाओं की सुरक्षा के लिए पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के कार्यकाल में लाया गया था, आज भी केंद्र सरकार की मंजूरी का इंतजार कर रहा है। इस मुद्दे को उठाते हुए महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने भाजपा सरकार से मांग की कि शक्ति कानून को जल्द से जल्द महाराष्ट्र में लागू किया जाए, ताकि महिलाओं को न्याय मिल सके और दोषियों को फांसी की सजा हो।
शक्ति कानून क्या है?
महाराष्ट्र में शक्ति कानून को महाविकास आघाड़ी सरकार के दौरान लाया गया था। यह कानून महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बढ़ते अपराधों को रोकने और कठोर सजा सुनिश्चित करने के लिए लाया गया था। इसे दिसंबर २०२० में तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सरकार ने प्रस्तावित किया था और २०२१ में महाराष्ट्र विधानसभा और विधान परिषद में पारित किया गया। इस कानून के तहत बलात्कार, एसिड अटैक और महिलाओं के खिलाफ अन्य गंभीर अपराधों के लिए सख्त सजा (यहां तक कि मौत की सजा) और तेजी से न्याय दिलाने के प्रावधान किए गए हैं। अब देखना यह है कि भाजपा सरकार इस कानून को कब लागू करती है और महाराष्ट्र की महिलाओं को सुरक्षा देने के अपने वादे को कब पूरा करती है।
‘स्वारगेट’ बलात्कारी की गिरफ्तारी!
स्वारगेट एसटी डिपो में हुए ‘निर्भया’ कांड के मुख्य आरोपी दत्तात्रय गाडे को पुणे पुलिस ने तीन दिन की मशक्कत के बाद गिरफ्तार कर लिया। गुणाट गांव के ग्रामीणों की मदद से ५०० पुलिसकर्मियों की टीम, डॉग स्क्वॉड और ड्रोन की सहायता से उसे ढूंढने का ऑपरेशन चलाया गया। गुरुवार देर रात करीब डेढ़ बजे गन्ने के खेत में छिपे गाडे को पकड़ लिया गया। पुलिस जांच में सामने आया है कि फरार रहने के दौरान गाडे ने तीन बार आत्महत्या करने की कोशिश की थी। इस बीच पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने प्रेस काॅन्फ्रेंस में घोषणा की कि इस मामले की सुनवाई फास्ट-ट्रैक कोर्ट में करवाई जाएगी।
सरकार जनता पर इस तरह के घटिया दर्जे का मंत्री लाद रही है तो ईश्वर ही जनता की मदद करे। बलात्कार बलात्कार ही होता है। मूर्खतापूर्ण बयान देने की बजाय बलात्कारी में दहशत पैâलाने जैसा व्यवहार करना चाहिए इसलिए उन्हें मंत्री पद से हटा देना चाहिए।
-आदित्य ठाकरे, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता, युवासेनाप्रमुख व विधायक
कल अपने मंत्रियों को धैर्य और संवेदनशीलता के साथ बोलने की सलाह दी। मेरी राय में मंत्री योगेश कदम ने जो कहा, उसे अलग तरीके से लिया गया। वे केवल यह बताने की कोशिश कर रहे थे कि जहां घटना हुई वह स्थान भीड़भाड़ वाला था। मेरी उन्हें सलाह है कि ऐसे मामलों में बोलते समय संवेदनशीलता बरतनी चाहिए।
-देवेंद्र फडणवीस,
मुख्यमंत्री
योगेश कदम और संजय सावकारे को मुख्यमंत्री को समझाना चाहिए। सरकार को दोनों का समर्थन नहीं करना चाहिए। दोनों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। क्या योगेश कदम युवती को झूठा साबित कर रहे हैं? यह रुख योगेश कदम का है या सरकार का, यह सरकार को स्पष्ट करना चाहिए।
-विजय वडेट्टीवार,
कांग्रेस नेता
यदि भाजपा के लोगों को युवती पर अत्याचार सामान्य बात लगती है तो जनता को ऐसे लोगों को जवाब देना चाहिए। ऐसे लोगों को सड़क पर पीटना चाहिए। अगर भाजपा के लोगों को ऐसे अपराध सामान्य लगते हैं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह को इसे आधिकारिक रूप से मान्यता दे देनी चाहिए।
– संजय राऊत, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद