मुख्यपृष्ठस्तंभउत्तर की उलटन-पलटन : क्योंकि सास भी कभी बहू थी

उत्तर की उलटन-पलटन : क्योंकि सास भी कभी बहू थी

श्रीकिशोर शाही
सास-बहू का रिश्ता काफी खट्टा-मीठा होता है। हालांकि, इस रिश्ते में अक्सर सास-बहू के बीच कड़वाहट पाई जाती है। इस विषय पर कई फिल्में भी बन चुकी हैं। बहरहाल, इन दिनों एक सास-बहू की बड़ी ही आत्मीय तस्वीर सोशल मीडिया पर घूम रही है। यह सास-बहू हैं, राबड़ी देवी और राजश्री यादव की जोड़ी। इस तस्वीर में राबड़ी देवी चक्की में गेहूं पीसती नजर आ रही हैं और उनका साथ दे रही हैं बहू राजश्री यादव। राजश्री राजद नेता तेजस्वी यादव की पत्नी हैं। अब चुनाव के ठीक बीच में इस तरह की वीडियो क्लिप आने के कारण यह चर्चा का विषय बन गया है। अब लोग इस पर तर्क-वितर्क कर रहे हैं कि यह वाकई कोई रियल तस्वीर है या चुनावी प्रचार के लिए बनाया गया प्रचार क्लिप। हालांकि, इस चक्कर में नहीं उलझते हुए लोगों को इस क्लिप के उद्देश्य की बजाय इसके खूबसूरत संदेश पर जाना चाहिए कि सास भी कभी बहू थी यानी सास को अगर यह बात याद रहे तो उसकी अपनी बहू के साथ हमेशा मधुर रिश्ता कायम रहेगा। वैसे बिहार के ग्रामीण इलाकों में इस तस्वीर की खूब तारीफ हो रही है और ऐसे में इस चुनाव के दौरान अगर ग्रामीण क्षेत्र में राजद को फायदा हो जाए तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी।

भगवंत मान जाएंगे तिहाड़
शीर्षक पढ़कर आप यह मत समझ लीजिए कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का भी ठिकाना तिहाड़ जेल में बनने वाला है। असल में भगवंत मान वहां पर दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल से मिलने के लिए जाने वाले हैं। दोनों की आज मुलाकात होगी। इस मुलाकात की इजाजत जेल प्रशासन से पहले ही ले ली गई थी और अब चर्चा इस बात की हो रही है कि आखिर भगवंत मान को ऐसा कौन सा काम पड़ गया कि वह बार-बार केजरीवाल से मिलने तिहाड़ जेल जा रहे हैं? `आप’ के तीन प्रमुख नेता जेल में बंद हैं। चौथे संजय सिंह भी बंद थे, पर उन्हें अदालत ने जमानत दे दी है। पंजाब बहुत बड़ा प्रदेश है इसलिए टिकटों के बंटवारे के साथ ही चुनावी वैंâपेन का भार भी भगवंत मान के ऊपर है। ऐसे में पार्टी प्रमुख से सलाह-मशविरा तो बनता ही है। लोगों को उम्मीद है कि इस बार आप का प्रदर्शन दिल्ली, पंजाब, हरियाणा के साथ ही गुजरात में भी बेहतर होगा। चुनाव के ठीक पहले केजरीवाल को जेल में बंद कर दिया गया है, ताकि वे प्रचार ना कर पाए। मगर `आप’ ने केजरीवाल की सलाखों को ही अपने प्रचार का मुद्दा बना दिया है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि लोगों की सहानुभूति `आप’ के पक्ष में काम कर जाएगी। ऐसे में भाजपा को यह डर तो है कि यह मामला कहीं बैकफायर न कर जाए।
आखिर कल्पना ने भरी उड़ान
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जेल में बंद हैं और पार्टी की कमान अब धीरे-धीरे उनकी पत्नी कल्पना सोरेन के हाथ में आने लगी है। कल्पना सोरेन काफी सधे हुए कदमों से आगे बढ़ रही हैं। अब कल्पना चुनावी समर में उतरने जा रही हैं और गांडेय उपचुनाव से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत करने जा रही हैं। पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष गुरुजी यानी शिबू सोरेन ने कल्पना को पार्टी का चुनाव चिह्न सौंपा। इसके बाद कल्पना ने कल सोमवार को अपना नामांकन दाखिल कर दिया। झामुमो के विधायक सरफराज अहमद ने गत दिसंबर में ही कल्पना के लिए वह सीट खाली कर दी थी। बदले में झामुमो ने सरफराज अहमद को राज्यसभा भेज दिया। अब इस सीट से कल्पना सोरेन विधानसभा में पहुंचेंगी। आपको याद होगा कि हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद से ही कयास लग रहे थे कि कल्पना उनकी जगह लेंगी, मगर पार्टी ने कोई हड़बड़ाहट नहीं दिखाई और कल्पना को पहले धीरे-धीरे राजनीतिक माहौल से परिचित होने का मौका दिया। दिल्ली और फिर रांची की विशाल सभा में कल्पना ने बखूबी जनता को संबोधित करके अपनी क्षमता का परिचय दे दिया है। ऐसे में इस बात की पूरी उम्मीद है कि अगर हेमंत सोरेन को लंबे समय तक जेल में रहना पड़ा तो कल्पना आराम से पार्टी की कमान के साथ ही सत्ता की चाबी भी संभाल सकती हैं।

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