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जीवन दर्पण : करियर में स्थिरता पाने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करें

– डॉ. बालकृष्ण मिश्र

गुरुजी, क्या मेरी कुंडली मांगलिक है? विवाह में विलंब क्यों हो रहा है?
-आशुतोष दुबे
(जन्म-२१ अक्टूबर १९९९, दिन ११:२२ बजे, भदोही, उत्तर प्रदेश)
आशुतोष जी, आपका जन्म गुरुवार के दिन शतभिषा नक्षत्र के तृतीय चरण में हुआ है। राशि आपकी कुंभ है। लग्न के आधार पर धनु लग्न में आपका जन्म हुआ है और धनु लग्न में ही मंगल बैठ करके आपकी कुंडली को मांगलिक बनाया है। मांगलिक कुंडली होने के कारण जीवनसाथी के चयन करने में अड़चन आ रही है। शनि की महादशा में शनि का अंतर इस समय चल रहा है। आपकी शादी २०२५ और २०२६ तक निश्चित हो जाएगी, लेकिन आपको नौ गुरुवार किसी मंदिर में जाकर १ किलो चना की दाल एक दर्जन केला और दक्षिणा पुजारी जी को देना चाहिए।

गुरुजी, मेरा करियर कैसा है और स्वास्थ्य कैसा रहेगा?
-अखिलेश यादव
(जन्म २८ अप्रैल २००२, दोपहर १:५५ बजे, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश)
अखिलेश जी, आपका जन्म रविवार के दिन विशाखा नक्षत्र के चतुर्थ चरण में हुआ है। आपकी वृश्चिक राशि है। इस समय शनि की ढैया का भी प्रभाव चल रहा है। सिंह लग्न में आपका जन्म होने से सूर्य आपकी कुंडली में उच्च राशि का होक र भाग्य भाव पर बैठा है। सूर्य उच्च राशि का है इसलिए किसी गवर्नमेंट सेक्टर में प्रयास करिए, निश्चित आपकी कहीं नौकरी लग जाएगी। आप पुलिस नौकरी की तलाश करें। दशम भाव पर आपकी कुंडली में मंगल बैठ कर कुलदीपक नाम का योग भी बनाया है। शनि की ढैया २९ मार्च २०२५ में समाप्त हो जाएगी। शनि आपकी कुंडली में छठे भाव और सातवें भाव के स्वामी भी है इसलिए शनि का उपाय आपको करना चाहिए। प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें। आपका करियर जल्दी स्थिर हो जाएगा। विशेष जानकारी के लिए आपको संपूर्ण जीवन दर्पण गोल्ड बनवाना चाहिए।

गुरुजी, क्या मेरी कुंडली मांगलिक है? मेरी शादी कब तक होगी?
-शिखा यादव
(जन्म- ७ नवंबर २००४, दिन ०३:३९, विलेपार्ले, मुंबई
शिखा जी, आपका जन्म रविवार के दिन पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के प्रथम चरण में हुआ है। मीन लग्न में आपका जन्म हुआ है, जिसका स्वामी आपकी कुंडली में सप्तम भाव पर बैठा है। मंगल ग्रह आपकी कुंडली में अष्टम भाव पर बैठकर आपकी कुंडली को मांगलिक बनाया हुआ है। मांगलिक के कारण पार्टनर की कुंडली के साथ मिलान करके ही आपको आगे बढ़ना चाहिए। आपकी कुंडली में सूर्य की महादशा चल रही है, जो २३ नवंबर २०२६ तक चलेगा। सूर्य की महादशा में विवाह का संबंध अच्छा नहीं होता है। साथ ही इस समय सूर्य की महादशा में बुध का अंतर चल रहा है। शादी की बात तो हो सकती है, लेकिन शादी आपकी २०२५ और २०२६ में हो सकती है। शादी होने से पहले मंगल ग्रह की पूजा कर लेना जरूरी होगा, जिसे कुंभ विवाह कहते हैं। मंगलचंडिका स्त्रोत का पाठ भी होना आवश्यक है।

‘जीवन दर्पण’ कॉलम के तहत यदि आप अपने बारे में कुछ जानना चाहते हैं तो अपना नाम, जन्म तारीख, जन्म समय और जन्म स्थान के साथ अपना सवाल व्हाट्सऐप नंबर ९२२२०४१००१ पर लिख भेजें।

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