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सिर्फ चुनाव में आती है महाराष्ट्र की याद … उद्योग-धंधे क्यों ले गए गुजरात … नाना पटोले का तीखा सवाल

सामना संवाददाता / मुंबई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के सोलापुर, सातारा और पुणे की प्रचार सभाओं में कांग्रेस विरोधी रैली का ही राग अलापा। हालांकि, मोदी को लगातार प्रचार के लिए महाराष्ट्र आना पड़ रहा है। इससे यह साफ संकेत है कि भाजपा बुरी तरह हार रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तब महाराष्ट्र याद नहीं आया जब महाराष्ट्र के बड़े उद्योग, निवेश और रोजगार छीन लिए गए और उसे गुजरात भेजे गए। प्याज पर निर्यात प्रतिबंध हटाते समय उन्हें महाराष्ट्र की बजाय सिर्फ गुजरात याद आया। अब जबकि लोकसभा चुनाव चरम पर है तो मोदी को महाराष्ट्र की याद आ रही है। इस तरह के तीखे सवाल करते हुए महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले ने चेतावनी दी कि महाराष्ट्र की जनता मोदी के भ्रम का शिकार नहीं होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयानों की खबर लेते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि नरेंद्र मोदी झूठ बोल रहे हैं। झूठ बोलने के लिए कोई नरेंद्र मोदी का हाथ नहीं पकड़ सकता है। मोदी का यह आरोप कि कांग्रेस पार्टी आरक्षण खत्म कर रही है, बेहद गलत और हास्यास्पद है। देश को आजादी मिलने के बाद लोकतांत्रिक व्यवस्था और संविधान के जरिए कांग्रेस ने आम गरीबों, एससी, एसटी, पिछड़े वर्गों को भी हक और अधिकार के साथ आरक्षण दिया। डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के संविधान में दिए गए आरक्षण का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी शुरू से ही विरोध करती रही है। पिछले १० वर्षों में धनगर, आदिवासी, मराठा समाज को आरक्षण देकर धोखा देनेवाली भाजपा पर जनता अब भरोसा नहीं करेगी। ओबीसी के आरक्षण में घपला करके समाज को राजनीतिक प्रतिनिधित्व से वंचित रखने का पाप यही नरेंद्र मोदी, देवेंद्र फडणवीस और भाजपा ने किया है।
बदल देंगे संविधान
ये मोदी के सांसद और मंत्री हैं जो सार्वजनिक रूप से कहते हैं कि वे ४०० सीटें जीतते ही आरक्षण बदल देंगे, लेकिन जैसे ही मोदी को एहसास हुआ कि जनता भाजपा को घर बैठा देगी। उन्होंने अपनी भाषा बदल दी। आरक्षण के असली विरोधी भाजपा, आरएसएस और नरेंद्र मोदी हैं। अगर उन्हें मौका मिला तो वे डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान बदल देंगे।
नहीं भूले हैं लोग
नरेंद्र मोदी एक असत्य और झूठा बयान दे रहे हैं कि कांग्रेस पार्टी ने दलित नेताओं का अपमान किया है। नए संसद भवन के शिलान्यास समारोह में नरेंद्र मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को आमंत्रित नहीं किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को न तो अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन समारोह और न ही नए संसद भवन के उद्घाटन में बुलाया। पिछले १० वर्षों में मोदी भूल गए हैं कि देश में दलितों, पिछड़े, अल्पसंख्यक समाज के उत्पीड़न में भारी वृद्धि हुई है, लेकिन लोग नहीं भूले हैं।
लगातार महापुरुषों का किया है अपमान
भाजपा नेताओं ने छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा फुले, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर और अन्य महापुरुषों का लगातार अपमान किया है।

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