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मौसमी बीमारियों की चपेट में महाराष्ट्र …मलेरिया ले रहा खतरनाक रूप! 

– राज्य में मिले ९,०२५ मरीज, छह की हुई मौतें
– बीते साल की तुलना में छह फीसदी की वृद्धि
धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
महाराष्ट्र में मानसून अपनी रफ्तार पकड़े हुए है। कई जिलों में हो रही मूसलाधार बारिश से आम जनता समेत किसानों ने राहत की सांस ली है, लेकिन यह मौसम अब मौसमी बीमारियों को भी न्योता दे चुका है। महाराष्ट्र मौसमी बीमारियों में सबसे ज्यादा मलेरिया मारक बनते जा रहा है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग की ओर से मुहैया कराए गए आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में इस साल जुलाई महीने तक मलेरिया के कुल ९,०२५ केस मिले हैं। इसके साथ ही छह मरीजों की मौत भी हुई है, ऐसे में यदि पिछले साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो इस वर्ष मलेरिया के मामलों में तीन फीसदी का इजाफा हुआ है। दूसरी तरफ आरोप लग रहे हैं कि शिंदे सरकार की अनदेखियों का खामियाजा गरीब जनता भुगत रही है।
डेंगू भी हुआ दोगुना
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष जुलाई तक डेंगू के मामलों में दोगुना वृद्धि दर्ज की गई है। आंकड़ों में बताया गया है कि पिछले साल अब तक ३,१६४ मरीज मिले थे और चार मरीजों की मौत हुई थी, जबकि इस साल यह आंकड़ा बढ़कर ५,७७९ पर पहुंच गया है। साथ ही मरने वाले मरीजों की संख्या चार पर ही बनी है। बताया गया है कि कोल्हापुर में ६२१, पालघर में २९४, मुंबई में ९६६, नासिक में ५८४, रायगढ़ में २१८, रत्नागिरी में २०३, कल्याण में १७० रोगी मिले हैं। इसी तरह चिकनगुनिया के कोल्हापुर में २२६, पुणे में ११३ और नागपुर में ९२ मरीज मिले।
प्रदेश में १२५ सेंटिनल सेंटर्स
स्वास्थ्य विभाग की तरफ से बताया गया है कि महाराष्ट्र में मलेरिया की पहचान के लिए ७५, जबकि डेंगू के लिए ५० समेत कुल १२५ सेंटिनल सेंटर्स को कार्यान्वित किया गया है। इसमें आने वाले मरीजों की पहचान करते हुए तत्काल इलाज मुहैया कराए जाने का दावा स्वास्थ्य विभाग की तरफ से किया गया है।

 

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