अनिल मिश्र / रांची
जनजातीय सभ्यता दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यता है। आदि काल से ही आदिवासियों की सभ्यता, संस्कृति और परंपरा काफी समृद्ध रही है। दुनिया में अलग-अलग हिस्सों में आदिवासी समुदाय वास करते हैं, लेकिन उनके सभ्यता और संस्कृति में कहीं न कहीं एकरूपता देखने को मिलती है। जनजातीय कला, संस्कृति और परंपरा को सुरक्षित करने के साथ समृद्ध करने की जरूरत है, ताकि आने वाली पीढ़ी के लिए प्ररेणा स्त्रोत बना रहे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड सदियों से वीरों और शहिदों की धरती रही है। चाहे आजादी के पहले की बात हो या आजादी के बाद अथवा झारखंड के अलग राज्य के लिए लंबी लड़ाई चली। भगवान बिरसा मुंडा, सिदो-कान्हू, भैरव-चांद, फूलों -झानो, निलाम्बर-पीताम्बर, तिलका मांझी, शेख भिखारी, बुधु भगत, टाना भगत, निर्मल महतो या विनोद महतो जैसे अनेक वीर हुए हैं, जिन्होंने अन्याय -शोषण, आदिवासी-मूलवासी के लिए हक-अधिकार और जल, जंगल, जमीन की रक्षा के लिए अपनी कुर्बानी दी है। कला और संस्कृति परंपरा को सुरक्षित रखने के लिए समृद्ध होने की जरूरत है, ताकि आने वाली पीढ़ी हमें एक प्रेरणा स्रोत बने। ये उक्त बातें झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर रांची स्थित बिरसा मुंडा स्मृति पार्क में रांची में आयोजित तीसरी बार आदिवासी दिवस को सम्बोधित करते हुए कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी मूल निवासियों के हक अधिकार और जल जमीन की रक्षा के लिए आदिवासियों को बहुत संघर्ष के बाद मुकाम हासिल होते हैं। इसलिए उन्हें एक लंबी लड़ाई लड़नी होगी, ऐसे में आदिवासी समाज आगे कैसे बढ़े इसके लिए सरकार को प्रयास कर रही है। इसमें आपकी भूमिका भी निभानी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार से जनता को काफी उम्मीदें हैं। हम जन आकांक्षाओं को पूरी ताकत के साथ पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं। इस सिलसिले में सरकार की ओर से नेक-कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। इस अवसर पर झारखंड के राजपाल संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि आदिवासी समुदाय की संस्कृति पर हम सभी को गर्व होना चाहिए। उसे संरक्षित रखने का संकल्प लेना चाहिए। जनजातीय समुदाय के पारंपरिक शासन व्यवस्था को झारखंड में लागू करना चाहिए। देश में झारखंड एक ऐसा मातृ राज्य है, जहां अनुसूचित क्षेत्र तक पंचायत विस्तार पेसा कानून लागू नहीं है। उनको मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पेसा कानून को जल्द लागू करने का राजपाल ने आग्रह किया। विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर राजपाल संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि भारतीय भगवान बिरसा मुंडा केवल झारखंड के नहीं, बल्कि पूरे देश के प्रेरणा स्रोत हैं। वो अपनी अल्पायु में में ही इतिहास रख दिया है और मातृ भूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व बलिदान दिया। उनको झारखंड ही नहीं पूरे देश कभी नहीं भूला सकता। इस अवसर पर राज्य सभा सांसद शिबू सोरेन और कल्पना सोरेन के अलावा कई लोगों ने सभा को संबोधित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री को उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने हवा मिठाई भी खरीद कर खिलाया।