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मोदी सरकार को नहीं है खबर … एलएसी पर ड्रैगन ने बसाया नया गांव!

तवांग और उत्तरी सिक्किम के नाथुला में चीनी गतिविधियों में आई तेजी
गलवान के पास बना डाली नई सड़क
नई सेटेलाइट तस्वीरों से हुआ खुलासा

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
मोदी सरकार कुछ भी तर्क देती रहे पर सच तो यह है कि चीन को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है और वह तेजी के साथ एलएसी पर निर्माण कार्य में जुटा हुआ है। अब खबर है कि ड्रैगन ने एलएसी पर एक नया गांव बसा दिया है। इस गांव का नाम शियाओकांग है। यहां लोगों के रहने के लिए घर बना दिए गए हैं और मोदी सरकार को इसकी खबर तक नहीं है।
बता दें कि पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ टकराव को चार साल हो गए हैं। इस बीच तवांग और सिक्किम के नाथुला में चीनी गतिविधियों में तेजी आई है। तनाव के बीच जो खबर सामने आ रही है उसके मुताबिक चीन बॉर्डर पर अपनी स्थिति और अधिक मजबूत करने में जुटा हुआ है। चीन बुनियादी ढांचे को अधिक मजबूत कर रहा है। सैन्य ठिकानों को मजबूती देने के लिए हिंदुस्थान की ओर स्थित अपने हवाई ठिकानों पर अतिरिक्त विमानों की तैनाती की गई है। सूत्रों के अनुसार, नए सैटेलाइट इमेज, खुफिया रिपोर्ट और अन्य इनपुट लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक फैले ३,४८८ किलोमीटर लंबे एलएसी के सभी तीन सेक्टरों में चल रही चीनी गतिविधि को दिखा रहे हैं। चीन ने हाल ही में सैमजंगलिंग के उत्तर से गलवान घाटी तक एक सड़क का निर्माण पूरा किया है, जिससे पीएलए को इस इलाके में तेजी से मूवमेंट करने में मदद मिलेगी। बफर जोन के पास भी वह अपनी स्थिति मजबूत करने में जुटा है। १५ जून, २०२० को हुई हिंसक झड़प के तीन सप्ताह बाद गलवान घाटी में पेट्रोलिंग पॉइंट-१४ के आसपास नो-पेट्रोल बफर जोन बनाया गया था। सूत्रों ने बताया कि पीएलए पैंगोंग त्सो के दोनों किनारों पर अन्य बफर जोन के पीछे सैन्य और परिवहन ढांचे को मजबूत कर रही है। जिसमें वैâलाश रेंज और गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स शामिल हैं, जिन्हें भारत अपना क्षेत्र मानता है। पीएलए की ओर से सड़कों, पुलों, सुरंगों और हेलीपैड के माध्यम से अपने अग्रिम ठिकानों तक अंतिम मील की कनेक्टिविटी पर भी फोकस किया जा रहा है।

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