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मोटापा और गठिया! …२०५० तक गठिया का शिकार हो जाएगी करीब एक अरब आबादी

एजेंसी / नई दिल्ली
गठिया की बीमारी तेजी से फैल रही है। पहले इस बीमारी को सिर्फ लोगों की उम्र और अनुवांशिक कारणों से जोड़कर देखा जाता था। अब इसके पीछे कई ऐसे कारण हैं, जो कि रोजमर्रा की जिंदगी से जु़़ड़े हुए हो सकते हैं। दरअसल, इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैलुएशन के शोध की मानें तो गठिया का एक बड़ा कारण मोटापा हो सकता है। इस लिहाज से आने वाले सालों में गठिया के मरीज तेजी से बढ़ सकते हैं। इस शोध में साफ शब्दों में बताया गया है कि साल २०५० तक दुनियाभर में गठिया के सौ करोड़ यानी एक अरब मरीज हो सकते हैं।
इस रिपोर्ट की मानें तो वर्तमान में दुनियाभर में ३० साल या इससे ऊपर की १५ प्रतिशत आबादी इस बीमारी की शिकार है, जबकि साल २०२० तक ५९.५ प्रतिशत लोग ही इसके शिकार थे। अब इस शोध के जरिए अनुमान लगाया जा रहा है कि साल २०५० तक दुनियाभर में लगभग १ अरब लोग यानी कि १०० करोड़ लोग इस बीमारी के शिकार हो सकते हैं।
दरअसल, मोटापा बढ़ने से शरीर के अतिरिक्त वजन के कारण जोड़ों पर अधिक भार पड़ता है, जिससे आर्टिकुलर कार्टिलेज को नुकसान होता है। इससे हड्डियों में सूजन के साथ दर्द की समस्या बढ़ती है और इंसान आसानी से गठिया की बीमारी का शिकार हो सकता है। इसके अलावा जब मोटापा बढ़ता है तो फैट की मात्रा शरीर और मांसपेशियों में भी बढ़ती है। इससे मूवमेंट्स मुश्किल हो जाते हैं, ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है और फिर जोड़ों में दर्द की समस्या शुरू होती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि गठिया की बीमारी से बचना है तो मोटापा कंट्रोल करें। इसके लिए शुगर कंट्रोल करें, एक्सरसाइज करें और डाइट का खास ख्याल रखें, ताकि शरीर का भार हड्डियों को न झेलना पड़े।

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