सामना संवाददाता / मुंबई
राजनीति में कुर्सी और पद को लेकर विवाद कोई नई बात नहीं है, लेकिन जब अधिकारियों को लेकर यह स्थिति बनती है तो चर्चा और रंगीन हो जाती है। रायगड जिला परिषद के स्वास्थ्य विभाग में इस समय यही देखने को मिल रहा है। दो अधिकारियों के जिला स्वास्थ्य अधिकारी पद पर दावा जताने से असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है।
डॉ. मनीषा विखे रायगड जिला परिषद में जिला स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर कार्यरत थीं। प्रशासनिक कारणों से स्वास्थ्य विभाग ने उनका तबादला कर दिया। उन्हें ठाणे जिला क्षय रोग अधिकारी के पद पर नियुक्त किया गया। वहीं विखे के तबादले से रिक्त हुए जिला स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर स्वास्थ्य विभाग ने डॉ. दयानंद सूर्यवंशी को नियुक्त किया था। इसके अनुसार, उन्होंने मंगलवार को अपने पद का कार्यभार संभाल लिया। बुधवार को उन्होंने प्रशासनिक कामकाज की समीक्षा करने के बाद काम भी शुरू कर दिया।
गुरुवार की सुबह डॉ. मनीषा विखे जिला परिषद के स्वास्थ्य विभाग में वापस लौट आर्इं और स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर पुन: अपना दावा पेश किया। प्रशासनिक तबादले के खिलाफ डॉ. विखे ने महाराष्ट्र प्रशासनिक न्यायाधिकरण (एमएटी) में अपील दायर की थी। विखे ने दावा किया कि एमएटी ने तबादले पर रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि वे अलीबाग स्थित जिला स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय में वापस आकर फिर से ज्वाइन कर रही हैं। इससे ऐसी स्थिति पैदा हो गई है कि एक पद और एक कुर्सी पर दो अधिकारी काम करेंगे।
डॉ. विखे को दोबारा प्रभार देने से इनकार
इस बीच तबादले के बाद डॉ. विखे को उनके पद से मुक्त कर दिया गया और सरकारी आदेश के अनुसार, उनकी जगह डॉ. सूर्यवंशी को नियुक्त किया गया इसलिए जिला परिषद प्रशासन ने डॉ. विखे को फिर से प्रभार देने से इनकार कर दिया है। जब तक सरकारी आदेश जारी नहीं होता, तब तक डॉ. दयानंद सूर्यवंशी ही रायगड जिला परिषद के जिला स्वास्थ्य अधिकारी का काम देखेंगे, ऐसा मुख्य कार्यकारी अधिकारी नेहा भोसले ने बताया।