महिला कर्मचारियों के उत्पीड़न के आरोप में मनपा के दो कर्मचारी निलंबित! …विशाखा समिति का सख्त फैसला

सामना संवाददाता / भायंदर
मीरा भायंदर महानगरपालिका में महिला कर्मचारियों के यौन उत्पीड़न और आपत्तिजनक व्यवहार के दो अलग-अलग मामलों में कार्रवाई करते हुए दो पुरुष कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। यह निर्णय महानगरपालिका की विशाखा समिति की गहन जांच के बाद लिया गया।
महानगरपालिका में महिलाओं के अधिकार और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशाखा समिति का गठन किया गया है। इस समिति के तहत महिलाओं से जुड़े उत्पीड़न के मामलों की जांच कर सख्त कार्रवाई की जाती है। समिति ने १ जनवरी २०२४ से ३० नवंबर २०२४ के बीच दो गंभीर मामलों का निपटारा किया और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की है।
मनपा के आवक-जावक विभाग में कार्यरत एक स्थायी कर्मचारी ने अपनी महिला सहकर्मी को अश्लील तस्वीरें भेजी थीं। इस मामले की शिकायत महिला ने विशाखा समिति से की। जांच में आरोपी ने अपने गलत इरादों को स्वीकार किया। समिति ने आरोपी कर्मचारी को तत्काल निलंबित कर दिया और उसे मानसिक स्वास्थ्य जांच के लिए मनोचिकित्सक के पास भेज दिया है। वहीं दूसरा मामला मनपा के मेडिकल विभाग में एक अनुबंधित कर्मचारी पर महिला सहकर्मी के यौन और मानसिक उत्पीड़न का आरोप था। समिति ने गहन जांच के बाद दोषी पाए गए कर्मचारी को तुरंत बर्खास्त कर दिया। साथ ही पीड़ित महिला कर्मचारी का स्थानांतरण किसी अन्य विभाग में कर दिया गया।

इस्लाम की बात : बांग्लादेश हिंसा  …हिंदू भाइयों के हक में आवाज बुलंद करे मुस्लिम समाज

सैयद सलमान मुंबई

बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा और भेदभाव चिंता का विषय बन गई है। हाल के दिनों में, सांप्रदायिक हिंसा के दौरान बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के कई लोग हताहत हुए हैं, जिससे स्थिति गंभीर हो गई है। अगस्त में तख्तापलट के बाद सत्ता कट्टरपंथियों के हाथ में आ गई है, तभी से वहां अल्पसंख्यक हिंदुओं को प्रताड़ित किया जा रहा है। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ कई हिंदू संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। एक अच्छी बात इस बीच यह हुई है कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ हिंदुस्थान में ‘ऑल इंडिया मुस्लिम जमात’ जैसे कई संगठनों ने भी विरोध प्रदर्शन किया है।
मसला इंसानियत का है
बांग्लादेश की इस समस्या पर भारतीय मुसलमानों को खुलकर बोलना चाहिए, क्योंकि यह न केवल मानवाधिकार का मामला है, बल्कि धार्मिक सहिष्णुता और सामाजिक सद्भाव से भी जुड़ा हुआ मसला है। बांग्लादेश में कट्टरपंथी ताकतों का बढ़ता प्रभाव और धर्मनिरपेक्षता का ह्रास हिंदुओं की सुरक्षा को खतरे में डाल रहा है। जब यहां का मुस्लिम समाज अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर आवाज उठाता है, अपने देश में मुसलमानों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर बोलता है तो बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर चुप रहना उचित नहीं है। दरअसल, यह मुद्दा हिंदू-मुसलमान का नहीं बल्कि इंसानियत का है। हिंदू मरे या मुसलमान, मरता तो इंसान ही है और सच्चे मुसलमान की यही पहचान है कि वह इंसानियत को मजहब के चश्मे से न देखे। मुसलमानों के खिलाफ हिंदुस्थान की धरती पर हो रहे जुल्म पर हिंदू भाइयों का एक बड़ा तबका खुलकर बोलता है। ऐसे में मुसलमानों की भी जिम्मेदारी है कि वह अपने हिंदू भाइयों के हक में आवाज बुलंद करें।
क्या कहता है कुरआन?
बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों और नागरिकों पर बढ़ रहे हमले से उनकी सुरक्षा खतरे में है। इस स्थिति में हिंदुस्थानी मुसलमानों का समर्थन महत्वपूर्ण है, ताकि सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा दिया जा सके। दरअसल, इस्लाम दूसरे धर्मों के लोगों के प्रति संरक्षण की ताकीद करता है। कुरआन में कहा गया है कि इंसान को मानवता का खलीफा होने के नाते, सभी जीवों का सम्मान और संरक्षण करना चाहिए (अल-कुरआन २:३०) यह आयत सृष्टि के संरक्षण के प्रति इंसान की जिम्मेदारी को बयान करती है। सृष्टि में इंसान भी तो आते ही हैं। इसमें धर्म, भाषा और जाति का कोई भेद नहीं है। पैगंबर मोहम्मद साहब ने भी अपने अनुयायियों को दया और करुणा के बारे में सिखाया। हदीसों में यह उल्लेख है कि जो व्यक्ति किसी जानवर या पक्षी पर दया दिखाता है, उसे अल्लाह की ओर से इनाम मिलेगा। यानी इस्लाम शांति और सुरक्षा का संदेश देता है। कुरआन में संरक्षण के बारे में कई आयतें हैं, जो इंसानियत और प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी को बयान करती हैं। कुरआन की सूरह ६:३८ में कहा गया है कि ‘जमीन पर चलनेवाले किसी जानवर और हवा में उड़नेवाले किसी पक्षी को देखो, ये सब तुम्हारी ही तरह की जातियां हैं।’ यह आयत सभी जीवों की समानता और उनको संरक्षण देने का संदेश देती हैं। सूरह १६:९० में आया है कि निश्चय ही अल्लाह न्याय का और सभी की भलाई का और रिश्तेदारों को (उनके हक) देने का आदेश देता है और अश्लीलता, बुराई और सरकशी से रोकता है। वह तुम्हें नसीहत करता है, ताकि तुम ध्यान दो- ‘यह आयत साफ-साफ इंसानों के बीच न्याय और दया की आवश्यकता को रेखांकित करती है, जिससे समाज में सामंजस्य बना रहे। सूरह ५:३२ में तो यहां तक कहा गया है कि ‘अगर कोई एक व्यक्ति को मारता है तो मानो उसने पूरी मानवता को मार डाला।’ यानी एक व्यक्ति की हत्या का अर्थ पूरे समाज की हत्या के समान है। यह आयत जीवन के प्रति इस्लाम की गहरी संवेदनशीलता को साबित करती है।
अल्पसंख्यकों का ख्याल
यह बात साफ है कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर ज्यादती हो रही है। क्या यही हाल हिंदुस्थान का नहीं है? यहां के मुसलमानों पर पिछले एक दशक में मॉब लिंचिंग, कपड़ों से पहचानो, जय श्रीराम बोलो, मुल्ले काटे जाएंगे, बुलडोजर चलाओ, गोली मारो, मुकदमों में फंसाओ का जबरदस्त खेल खेला जा रहा है। मुसलमान अगर उस दर्द को समझ रहा है तो उसे अपने बांग्लादेशी हिंदू भाइयों के दर्द को समझना होगा। अगर दोनों तरफ के अल्पसंख्यकों पर अत्याचार होंगे तो फिर हिंदुस्थान और बांग्लादेश में क्या अंतर रह जाएगा? दरअसल, हर मुल्क के बहुसंख्यक की जिम्मेदारी है कि वह अपने देश के अल्पसंख्यकों का ख्याल रखें। इस मामले में अखंड भारत का हिस्सा रहे तीनों देश हिंदुस्थान, पाकिस्तान और बांग्लादेश आज नाकाम साबित हो रहे हैं। तीनों जगह के अल्पसंख्यक असुरक्षित हैं। इसके राजनीतिक कारणों पर न जाकर सामाजिक और मानवीय पहलू पर विचार करने की जरूरत है।
(लेखक मुंबई विश्वविद्यालय, गरवारे संस्थान के हिंदी पत्रकारिता विभाग में समन्वयक हैं। देश के प्रमुख प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक हैं।)

बच्चों का भविष्य टॉयलेट में! …बाथरूम में सोने को मजबूर हॉस्टल के छात्र

छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में एक हॉस्टल के खस्ताहाल की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई हैं। आरोप है कि यहां टॉयलेट, बेडरूम में तब्दील हो गया है और आदिवासी बच्चे कमोड की सीट को ढंककर वहां बिस्तर लगाकर सोते हैं। वहीं टॉयलेट में पानी न पहुंचने के चलते बच्चे (बालिकाओं समेत) वॉशरूम के बाहर ही नहाते हैं। आरोप है कि वहां पर प्रिंसिपल ने सीसीटीवी वैâमरा लगवाया हुआ है। छत्तीसगढ़ की आम आदमी पार्टी ने प्रिंसिपल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
बता दें कि छोटेडोंगर के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के हॉस्टल की ये घटना है। बताया गया यहां दो स्कूल के बच्चे एक ही हॉस्टल में रहते हैं। प्रिंसिपल ने कथित तौर पर बालिकाओं की नहाने की जगह के पास सीसीटीवी कैमरा लगवाया है। आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष सुरजीत सिंह ठाकुर ने इसे लेकर थाना प्रभारी को पत्र भी लिखा है। वहीं सर्व आदिवासी समाज ने तत्काल सुविधा उपलब्ध कराने सर्व आदिवासी समाज का कहना है कि जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो समाज उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा। आस-पास के लोगों की मानें तो स्कूल के टॉयलेट की हालत बीते २ महीनों से खराब है। दरवाजा भी टूटा हुआ है और इससे बदबू भी आती है।

पिछले ६ साल से बोला जा रहा है कि भवन बनेगा, बनेगा। लेकिन अभी तक भवन नहीं बना हैं। यहां पर पानी की बहुत समस्या है। कभी-कभी तो बिना नहाए स्कूल जाना पड़ता है, जिससे लेट भी हो जाता है। कमरे की व्यवस्था नहीं होने से ८ से १२ लोग रूम में सोते हैं। बाकी के लोग बाथरूम में जाते हैं। यहां पर कंबल नहीं है। कई लोग अपने घर से कंबल लाकर अपना काम चला रहे हैं। अभी तो ठंड का सीजन भी है। -हॉस्टल छात्र

पुराने पन्ने : ममता बन गई कातिल!

श्रीकिशोर शाही
मुंबई

मां को ममता की मूरत कहा जाता है, पर अगर कहीं पर यही मां अपने बच्चे को ही मार डाले तो फिर यही कहा जाएगा कि ममतामयी मां, कातिल बन गई। हाल ही में राजस्थान पुलिस ने करौली जिले में एक नवविवाहित दंपति के मर्डर में मां को गिरफ्तार किया है। इस कत्ल की वजह भी अजीब है। मां का आरोप है कि उसका बेटा और बहू दोनों ही चरित्रहीन थे। बेटे का किसी और औरत व बहू का किसी दूसरे पुरुष के साथ चक्कर चल रहा था। इससे मां को यह डर सताने लगा कि अगर यह बात सबको पता चल जाएगी तो बड़ी बदनामी होगी। उसके समझाने पर भी जब दोनों नहीं माने तो फिर मां ने अपने भाई के साथ मिलकर यह खौफनाक कदम उठा लिया और दोनों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। ऐसा नहीं है कि मां द्वारा अपने बच्चों की हत्या का यह कोई पहला मामला है। ऐसी कई घटनाएं हुई हैं। इनमें करीब ५ साल पहले शहडोल की घटना काफी हैरान करनेवाली थी।
रविवार १८ अगस्त, २०१९ का दिन। सुबह के ७ बज रहे थे। शहडोल जिले के सोहागपुर थाना क्षेत्र कोनी का एक घर। अचानक वहां रहनेवाली गुड्डन नाम की महिला उठी और उसने कुल्हाड़ी उठाकर अपने दो छोटे बच्चों पर दनादन वार करना शुरू कर दिया। देखते ही देखते दोनों बच्चे रक्तरंजित होकर जमीन पर गिर पड़े और उनके प्राण-पखेरू उड़ गए। इसके बाद कातिल मां ने उनके शव के टुकड़े आंगन के साथ ही घर के बाहर भी फेंक दिए। मृत बच्चों में १० वर्षीय काजल बैगा और ५ वर्षीय राहुल बैगा शामिल थे। बच्चों का पिता मुन्ना बैगा सुबह छह बजे शौच के लिए नदी की ओर गया था। कुछ देर बाद जब वह वापस लौटा तो घर का नजारा देखकर पागल सा हो गया। उसके दोनों प्यारे बच्चों की नृशंस हत्या हो चुकी थी। यह देखकर वह जोर-जोर से चिल्लाने लगा। शोर सुनकर वहां गांव के लोग जमा हो गए। इसके बाद लोगों ने घर का दरवाजा खटखटाया तो गुड्डन ने दरवाजा खोलने से मना कर दिया। इस बीच लोगों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने भी गुड्डन से दरवाजा खुलवाने की कोशिश की पर सफल नहीं हुई। जब गुड्डन ने दरवाजा नहीं खोला तो घर के छप्पर से पुलिस घर के अंदर घुसी और गुड्डन को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में मुन्ना बैगा ने पुलिस को बताया कि उसकी पत्नी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। वह पिछले कई महीनों से अजीब हरकतें कर रही है, इसी दौरान उसने यह कांड कर डाला।

सरकारी उपेक्षा का शिकार है, अंबरनाथ आईटीआई केंद्र! 

– इमारत की हालत जर्जर
– हो सकता है बड़ा हादसा

अनिल मिश्रा / अंबरनाथ
ठाणे जिले का अंबरनाथ शहर औद्योगिक शहर के नाम जाना था। इस शहर में ऑर्डिंनेस कारखाना से लेकर माचिस बनाने वाली कंपनी थी। ठाणे जिले की कंपनियों को कुशल कारीगर मिलें, इसके लिए कल्याण-अंबरनाथ -बदलापुर महामार्ग पर औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था का निर्माण किया गया। आज उस सबसे पुराने आईटीआई संस्था की हालत खस्ता हो गई है। आईटीआई के प्रवेश द्वार को सुंदर बनाया तो गया है। परंतु प्रशिक्षण देने की इमारत की हालत जर्जर है। साफ-सफाई का अभाव देखा जा सकता हैं। अंबरनाथ आईटीआई की स्थापना १९६३ में हुई थी। इस प्रशिक्षण केंद्र में १,७०० बच्चों को प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके बावजूद सरकार की अनदेखी का नतीजा है कि अंबरनाथ अद्यौगिक प्रशिक्षण संस्थान आज जर्जर स्थिति मे पहुंच गया है। प्रशिक्षण कक्ष, कैंटीन, कार्यालय, सभागृह और छात्रावास की हालत अत्यंत दयनीय है। जिसके कारण किसी भी बड़े हादसे की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। छात्रावास की खिड़कियां टूटी हुई हैं। इमारत में रंग रोगन कब किया गया है। इसका अंदाजा लगाना नामुकिन है। इस इमारत को देखने के बाद ऐसा लगता है कि यह प्रशिक्षण संस्था न होकर उसकी स्थिति जंगल जैसी हो गई है।

बाप की डांट ने बेटे को कातिल बनाया! …एक ही झटके में मां-बाप, बहन का गला रेता

२४ घंटे में सुलझी
ट्रिपल मर्डर की गुत्थी

दिल्ली के नेब सराय इलाके में बेटे ने ही अपने माता-पिता और बहन की हत्या की वारदात को अंजाम दिया था। पहले तो उसने कहानी सुनाई कि वो मॉर्निंग वॉक पर गया था, उसी दौरान किसी ने घर में घुसकर वारदात को अंजाम दे दिया, लेकिन पुलिस ने जब आस-पास लगे सीसीटीवी खंगाले तो सामने आया कि कोई घर में घुसा ही नहीं था। इसके अलावा न तो किसी ने घर के मेन गेट पर लगा ताला तोड़ा और न ही ताले से किसी तरह की छेड़छाड़ हुई। बस ताले की बात को लेकर पुलिस को बेटे (अर्जुन) पर शक हुआ और जब उससे सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया।
आरोपी बेटे अर्जुन ने पूछताछ में खुलासा किया कि पिता उसे पढ़ाई के लिए डांटते रहते थे, लेकिन उसका मन पढ़ाई में नहीं लगता था। कुछ दिनों पहले ही उन्होंने घर के बाहर कई लोगों के सामने उसे डांटा और पीटा था। इस वजह से वो बहुत अपमानित महसूस कर रहा था। इतना ही नहीं वो घर में भी अलग-थलग महसूस करता था। उसने ये भी कहा कि घर में मम्मी और बहन भी उसे सपोर्ट नहीं करती थीं। इसी दौरान उसे पता चला कि पिता पूरी प्रॉपर्टी उसकी बहन के नाम कर रहे हैं तो वो नाराज हो गया और उसने उन्हें मारने का पैâसला कर लिया। बुधवार तड़के उसने घर में रखा चाकू उठाया और ग्राउंड और फर्स्ट फ्लोर पर मौजूद तीनों लोगों का गला रेतकर मार डाला।

मुंबई हत्याकांड में सनसनीखेज खुलासा …बाबा से पहले सलमान को उड़ाने का था प्लान!

सामना संवाददाता / मुंबई
फिल्म अभिनेता सलमान खान को धमकी देने के कई मामले सामने आए हैं। मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक, लॉरेंस बिश्ननोई ने बाबा सिद्दीकी से पहले सलमान खान को मारने का प्लान बनाया था। सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि दादा गुट के नेता को मारने से पहले हमलावर सलमान को मारने वाले थे। खबर है कि आरोपियों ने बाबा सिद्दीकी हत्या मामले में पूछताछ के दौरान आरोपियों ने यह खुलासा किया है। सिद्दीकी को १२ अक्टूबर को उनके बेटे जीशान के बांद्रा पूर्व स्थित दफ्तर के बाहर गोली मार दी गई थी। इसके बाद अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी। सूत्रों का कहना है कि पूछताछ के दौरान आरोपियों ने कहा है कि सलमान खान शूटर्स की हिट लिस्ट पर थे, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था के चलते वह उनके पास नहीं पहुंच सके। खास बात है कि बीते कुछ महीनों में सलमान को कई बार बिश्नोई गैंग से धमकियां मिल चुकी हैं। १४ अप्रैल को भी उनके घर के बाहर गोलियां चलाई गई थीं, जिसकी जिम्मेदारी गैंग ने ली थी। हाल ही में लॉरेंस बिश्ननोई के भाई के नाम से धमकी भरा कॉल किया गया था और एक्टर से ५ करोड़ रुपए की फिरौती या मंदिर में जाकर काला हिरण के शिकार पर माफी मांगने को कहा गया था। मुंबई में एक फिल्म की शूटिंग के दौरान भी एक युवक मौके पर पहुंच गया था। कथित तौर पर उसने कहा `बिश्नोई को बोलूं क्या।’

मेट्रो निर्माण स्थल पर हुआ हादसा …बीच सड़क पर बना गड्डा, धंस गया ट्रक

सामना संवाददाता / भायंदर
काशीमीरा में मेट्रो के निर्माण कार्य के दौरान बुधवार रात एक सीमेंट मिक्सर ट्रक दुर्घटनाग्रस्त हो गया। ट्रक का वजन सड़क धंसने का कारण बना, जिससे ट्रक चालक की मौत हो गई। इस घटना के संबंध में काशीमीरा पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है।
मृतक ट्रक चालक की पहचान २५ वर्षीय आशीष ज्ञानदास कुमार के रूप में हुई है, जो उत्तर प्रदेश का निवासी था। हादसा उस समय हुआ जब आशीष रात करीब १० बजे मेट्रो निर्माण स्थल पर सीमेंट मिक्सर ट्रक लेकर पहुंचा। गाड़ी को घुमाते समय भारी वजन के कारण सड़क का एक हिस्सा धंस गया और ट्रक पलट गया। सूचना मिलते ही काशीमीरा पुलिस और मनपा के अग्निशमन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। राहत और बचाव कार्य में दो घंटे से अधिक समय लगा। ट्रक के नीचे दबने से चालक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि ट्रक के क्लीनर इंद्रजीत मुन्‍ना लाल को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।

थूक वाली तंदूरी रोटी!

बागपत में थूक जिहाद का एक और मामला सामने आया है, जिसने न केवल स्थानीय लोगों को बल्कि पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया है। चिरचिटा गांव के एक शादी समारोह का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें एक युवक नान रोटी पर थूक लगाते हुए नजर आ रहा है। इस घटना ने इलाके में भारी आक्रोश पैदा कर दिया है। आरोपी की पहचान शहजाद के रूप में हुई और बताया जा रहा है कि आरोपी पहले भी रोटी पर थूक लगाने को लेकर जेल जा चुका है। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है। पुलिस वायरल वीडियो के आधार पर जांच में जुटी है, लेकिन इस तरह की घटनाओं को रोकने में उनकी असफलता पर सवाल उठ रहे हैं। सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहे इस वीडियो में देखा जा सकता है कि एक युवक शादी समारोह के लिए तंदूर में रोटी बना रहा है। वीडियो में स्पष्ट रूप से दिख रहा है कि वह हर रोटी पर थूक लगाकर उसे तंदूर में डाल रहा है। जैसे ही यह वीडियो वायरल हुआ, लोगों में गुस्से की लहर दौड़ गई। इससे पहले भी कई वीडियो सामने आए थे, जिनमें रोटी पर थूक लगाते हुए लोग देखे गए। इन घटनाओं ने न केवल सामाजिक तनाव बढ़ाया है, बल्कि कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस ऐसी घटनाओं को रोकने में पूरी तरह विफल रही है। वहीं इस घटना ने शादी समारोह के आयोजकों की जिम्मेदारी पर भी सवाल खड़े किए हैं।

महंगाई ने बढ़ाया जनता की जेब का बोझ! …संसद में राघव चड्ढा ने केंद्र को घेरा

आम आदमी पार्टी सांसद राघव चड्ढा ने हवाई यात्रा महंगी होने का मामला संसद में उठाया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने आम लोगों को भी हवाई यात्रा कराने लायक सिस्टम बनाने का दावा किया था, लेकिन हवाई टिकटों की महंगाई से आम आदमी अब प्लेन छोड़कर ट्रेन से सफर करने के लिए मजबूर हो गया है। सांसद ने कहा, `सिर्फ एक साल के भीतर हवाई यात्रा के किरायों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है जिससे आम जनता पर बोझ बढ़ा है।’ चड्ढा ने उदाहरण देते हुए कहा कि दिल्ली से मुंबई और पटना जैसे सामान्य रूट्स पर टिकटों की कीमतें १०,००० से १४,५०० रुपए तक पहुंच गई हैं। उन्होंने मालदीव का उदाहरण देते हुए कहा कि सरकार मालदीव के बजाय लक्षद्वीप को टूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर प्रचारित कर रही है, लेकिन मालदीव का किराया १७ हजार रुपए है, तो वहीं लक्षद्वीप का किराया २५ हजार रुपए है। सांसद ने कहा कि देश के एयरपोर्ट्स की हालत बस अड्डों से भी बदतर हो गई है। लंबी लाइनों, भीड़भाड़ और खराब प्रबंधन के कारण यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्होंने इस स्थिति को सुधारने और यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाने की मांग की।