महंगाई से जनता त्रस्त, सरकार वसूली में मस्त! …मविआ विधायकों ने सरकार के खिलाफ लगाए नारे

सामना संवाददाता / मुंबई
मानसून सत्र के आठवें दिन राज्य में बढ़ती महंगाई के खिलाफ महाविकास आघाड़ी विधानमंडल परिसर में आक्रामक हो गई। विपक्षी दल के विधायकों ने सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया और ‘आम आदमी कमाता है पाई-पाई, उसे लूटकर खाती महायुति काल की महंगाई ‘ ‘सरकार ने लुटा सरकारी खजाना, जनता के हाथ में दी महंगाई’, ‘महंगाई से जनता त्रस्त, महायुति सरकार वसूली में मस्त’ जैसे नारे लगाए। इसके साथ ही आंदोलन में शामिल नेता सब्जियां हो गईं महंगी, अनाज हो गए महंगें, खाद बीज भी हुए महंगे, मध्यम वर्ग महंगाई से टूटा जैसे लिखे फलक हाथ में लेकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
अन्नदाता भटक रहा दर-दर
मानसून सत्र के सातवें दिन राज्य में दुग्ध उत्पादक किसानों के दूध का उचित मूल्य देने की प्रमुख मांग को लेकर महाविकास आघाड़ी विधानसभा में आक्रामक हो गई। महाविकास आघाड़ी के घटक दलों के विधायकों ने हाथ में दूध की बोतल और छड़ी लेकर ‘रामकृष्ण हरि किसान भटक रहा दर-दर’ जैसे नारे लगाते हुए विधानमंडल की सीढ़ियों पर सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।
सरकार को है धिक्कार
विपक्ष ने हमला बोला कि धिक्कार है, उस सरकार को जो दूध का उचित दाम नहीं दे रही है। धिक्कार है उस सरकार को जो किसान के साथ अन्याय कर रही है। धिक्कार है उस सरकार को जो किसान को धोखा दे रही है। किसान दर-दर भटक रहा और सरकार अपना और अडानी का पेट भर रही है।

मुझपर एकतरफा कार्रवाई की गई -दानवे
मुझ पर एकतरफा कार्रवाई हुई। मैं अब तीन दिन का कसर पूरा करूंगा। यह कहते हुए विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए चेतावनी दी। अंबादास दानवे निलंबन के तीन दिन बाद कल से सदन में उपस्थित हुए। उससे पहले वे विपक्ष के आंदोलन में शामिल हुए। गत गुरुवार को सदन में हुई नोकझोंक के बाद अंबादास दानवे को निलंबित कर दिया गया था। हालांकि उपसभापति को खेद-भरा पत्र दिए जाने के बाद उनके निलंबन को वापस ले लिया गया। इसके बाद वे कल सदन में उपस्थित हुए। इस बीच उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि विरोधी पक्ष नेता के बिना सदन को चलाना एक तरह से गलत है। सदन को चलाने की जिम्मेदारी उपसभापति, सत्ताधारी, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और अन्य सभी की होती है। हालांकि केवल मुझे अकेले को जिम्मेदार ठहराया गया।

तीनों सीटों पर जीत पक्की …विधान परिषद के लिए मविआ की रणनीति

सामना संवाददाता / मुंबई
महाविकास आघाड़ी की महत्वपूर्ण बैठक कल मंत्रालय के सामने यशंवतराव चव्हाण प्रतिष्ठान में संपन्न हुई। इस बैठक में १२ जुलाई को होनेवाले विधान परिषद चुनाव की रणनीति पर चर्चा की गई। इस दौरान विधान परिषद चुनाव में तीनों सीटें जीतेंगे ही, ऐसा विश्वास व्यक्त करते हुए आगामी विधानसभा चुनाव में एक साथ उतरने का पैâसला किया गया। बैठक में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे, राकांपा के अध्यक्ष शरद पवार, कांग्रेस प्रदेशअध्यक्ष नाना पटोले सहित अन्य नेता उपस्थित थे। विधान परिषद चुनाव को लेकर इस बैठक में चर्चा हुई। तीनों प्रत्याशियों को जिताने की रणनीति पर चर्चा की गई। विधान परिषद के चुनाव के लिए वोटों की जोड़तोड़ करने की जिम्मेदारी महाविकास आघाड़ी के कुछ महत्वपूर्ण नेताओं को सौंपा गया है। विधान परिषद के साथ विधानसभा चुनाव के लिए जल्द ही सीट बंटवारे को लेकर चर्चा शुरू की जाए, इस तरह की राय भी इस बैठक में नेताओं ने रखी।
विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ेंगे – पृथ्वीराज चव्हाण
आगामी विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ेंगे, यह पैâसला इस बैठक में लिया गया। इसकी जानकारी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने बैठक के बाद मीडिया को दी। राज्य में अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने के लिए महाविकास आघाड़ी जिला स्तर पर सभाएं करेगी। उन्होंने कहा कि घोषणा पत्र, प्रचार, संयुक्त सभा, सम्मेलन आदि पर विस्तारपूर्वक बैठक में चर्चा हुई। राकांपा नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि महाविकास आघाड़ी एकजुट होकर चुनाव लड़ेगी।
पदाधिकारियों का संयुक्त सम्मेलन जल्द
मविआ के तीनों दलों के प्रमुख पदाधिकारियों का संयुक्त सम्मेलन जल्द ही आयोजित किया जाएगा। लोकसभा चुनाव में आघाड़ी को भरपूर वोटों से जितानेवाली जनता का आभार उक्त सभाओं के माध्यम से किया जाएगा। लोकसभा चुनाव में महाविकास आघाड़ी और इंडिया गठबंधन ने कई मुद्दों पर जमकर फजीहत की थी। विधानसभा में इस तरह के कौन से मुद्दों को उठाया जा सकता है, उस पर भी चर्चा हुई।
बैठक में ये थे उपस्थित
इस बैठक में शिवसेना नेता व सासंद संजय राऊत, शिवसेना नेता व विधायक आदित्य ठाकरे के साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण, बालासाहेब थोरात, विधानसभा में विरोधी पक्षनेता विजय वडेट्टीवार, राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेता अनिल देशमुख, जितेंद्र आव्हाड, राजेश टोपे, रोहित पवार आदि उपस्थित थे।

वर्ल्डकप विजेताओं के लिए गुजरात की बस लाकर वास्तव में क्या दिखाना चाहते हैं? -संजय राऊत का सवाल

सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन को इस पर सवाल उठाना चाहिए। आपके क्रिकेट संघ के नाम के आगे मुंबई है और मुंबई महाराष्ट्र से संबंधित है इसलिए उनको ये दर्द होना ही चाहिए। मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन की कार्यकारिणी को आपत्ति जतानी चाहिए थी। जहां तक ​​मैं जानता हूं रोहित शर्मा मुंबई के खिलाड़ी हैं। कई खिलाड़ी मुंबई से हैं। मुंबई इंडियंस के हैख् लेकिन उनके स्वागत के लिए आपको गुजरात से बस लानी पड़ती है। ऐसे में आप क्या दिखाना चाहते हैं? इस तरह का ज्वलंत सवाल शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने पूछा है।
‘टीम इंडिया’ के वर्ल्डकप जीतले के बाद मुंबई में हुई विक्ट्री परेड में गुजरात की बस का इस्तेमाल किया गया। इस मुद्दे पर सांसद संजय राऊत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर जोरदार प्रहार किया। सांसद संजय राऊत ने ‘टीम इंडिया’ की विजय परेड के लिए गुजरात से बस लाकर महाराष्ट्र को कमजोर दिखाने की कोशिश करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि मुंबई में भी बसें हैं, लेकिन पीएम ये दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि सब कुछ गुजरात ही है। महाराष्ट्र एक बड़ा औद्योगिक राज्य है और मुंबई में क्या नहीं है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हमसे ही तो आपने सबकुछ सीखा है। उन्होंने कहा कि पहले जब भी ऐसे उत्सव आयोजित हुए तब मुंबई ने उनका पुरजोर समर्थन किया। बेस्ट के बेड़े में इस प्रकार की बसें हैं। यदि नहीं होती तो एक ही रात में बन गई होती। इतनी मुंबई की क्षमता है, लेकिन खासकर गुजरात से एक विशेष बस भेजी गई। क्या इसका मतलब यह है कि गुजरात है तो देश है? इस तरह का तीखा सवाल भी संजय राऊत ने पूछा। उन्होंने कहा कि जिस राज्य से आप लोकसभा जीतकर आए, उस राज्य में सबसे बड़ी घटना घटी, वहां आप नहीं जा सकते हैं। मणिपुर में नहीं जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि जहां जीत दिखाई देती है, वहां मोदी जाते हैं। दुख वाले स्थानों पर वे नहीं जाते हैं। ऐसे हमारे प्रधानमंत्री हैं। उन्हें झेलना ही पड़ेगा।
इसीलिए मुंबई में भाजपा की करारी हार
संजय राऊत ने कहा कि वाराणसी में मोदी की हार नहीं, बल्कि मामूली जीत मिली। वाराणसी में सभी ठेकेदारी गुजरातियों के हाथ में है। वाराणसी की जनता ने उसी उन्माद में मोदी को हराने की कोशिश की, लेकिन मोदी बाल-बाल बच गए। मुंबई में भी भाजपा की करारी हार इसी वजह से हुई है। मुंबई देश की आर्थिक राजधानी है। मुंबई में सब कुछ है। मुंबई से लूटपाट कर गुजरात ले जाया जा रहा है, इसलिए एक बस आई ठीक है, लेकिन इसके पीछे ओछी मानसिकता दिखाई दे रही है।
जब सरकार बदलेगी तो सब याद रखेंगे
संजय राऊत ने ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल कर देश में चल रहे दबाव तंत्र पर भी कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि मोदी-शाह के दबाव में ईडी और सीबीआई ने हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया। हाई कोर्ट ने कहा कि सोरेन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप नहीं लगाया जा सकता। फिर आपने एक मुख्यमंत्री को वैâसे गिरफ्तार किया? इस पर सवाल उठाते हुए संजय राऊत ने ईडी और सीबीआई निदेशकों के खिलाफ कानूनी मामला दर्ज करने की मांग की। कोर्ट का कहना है कि संजय सिंह के खिलाफ कोई मामला नहीं है। संजय राऊत के खिलाफ कोई मनी लॉन्ड्रिंग का मामला नहीं है और आप हमें गिरफ्तार करते हैं। राजनीतिक दबाव डालकर हमें धमकाते हैं। संजय राऊत ने यह भी चेतावनी दी कि जब यह सरकार बदलेगी तो यह सब ध्यान में रखा जाएगा।

कोरोना काल का दुष्प्रभाव धीरे-धीरे आ रहा सामने …कोविड के दौरान जन्मे बच्चों की अजीब हरकत …फेंक रहे कुर्सियां, काट रहे दांत, स्कूलों में पिछड़ रहे

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
लंबे समय बाद कोरोना काल के दुष्प्रभाव बच्चों में धीरे-धीरे सामने आने लगे हैं। महामारी के समय पैदा हुए बच्चे अब स्कूलों में कई परेशानियों का सामना कर रहे हैं। शिक्षकों ने इस वर्ष छात्रों पर महामारी के तनाव और अलगाव के प्रभावों को स्पष्ट रूप से देखा। इनमें कई छात्र ऐसे हैं, जो कि बड़ी मुश्किल से कुछ बोल पाते हैं।
कई ऐसे छात्र हैं, जो कक्षाओं में पूरे समय तक चुपचाप बैठे रहते हैं, जैसे उनका कुछ खो गया हो और कई तो ऐसे हैं, जो पेंसिल भी नहीं पकड़ पा रहे हैं। कुछ छात्र आक्रामक हो गए हैं। वे बेवजह कुर्सियां फेंक रहे हैं और एक-दूसरे को काट रहे हैं।
अमेरिका के पोर्टलैंड स्थित ओरेगन हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. जैमे पीटरसन का कहना है कि निश्चित रूप से महामारी के समय पैदा हुए बच्चों को पिछले वर्षों की तुलना में विकास संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा विभिन्न वैज्ञानिक शोधों से यह भी पता चला है कि महामारी ने कई छोटे बच्चों के शुरुआती विकास को प्रभावित किया है।
विशेषज्ञों ने कहा कि जब महामारी शुरू हुई तो बच्चे औपचारिक स्कूल में नहीं थे। उस उम्र में बच्चे वैसे भी घर पर बहुत अधिक समय बिताते। हालांकि, बच्चे के शुरुआती साल उनके मस्तिष्क के विकास के लिए सबसे अहम होता है। महामारी के कई कारकों ने छोटे बच्चों को प्रभावित किया है। जैसे माता-पिता का तनाव, लोगों के बीच कम संपर्क, प्री-स्कूल में कम उपस्थिति, स्क्रीन पर अधिक समय और खेलने में कम समय।
उम्र के अनुसार विकसित नहीं हो पाया कौशल
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि महामारी के वक्त जन्म लेने वाले नवजात बच्चे अब प्री-स्कूल में जाने की उम्र के हो गए हैं। महामारी का उन पर प्रभाव स्पष्ट रूप से दिख रहा है। उनमें से कई शैक्षणिक बातों को पकड़ नहीं पाते हैं। साथ ही उनका विकास भी धीमा है। यह स्थिति दो दर्जन से अधिक शिक्षकों, बाल रोग विशेषज्ञों और नवजात के विशेषज्ञों के साथ किए गए साक्षात्कार के आधार पर कही गई है। इसमें एक ऐसी नई पीढ़ी दिख रही है, जिनमें उम्र के अनुसार कौशल विकसित नहीं हो पाया है। बच्चे अपनी जरूरतों को बताने, आकृतियों और अक्षरों को पहचानने, अपनी भावनाओं को प्रदर्शित करने या साथियों के साथ अपनी समस्याओं को हल करने में सक्षम नहीं हैं।

मुश्किल से बोल पा रहे कई छात्र
सेंट पीटर्सबर्ग (फ्लोरिडा) के किंडरगार्टन शिक्षक डेविड फेल्डमैन ने बताया कि ४ और ५ साल के कई बच्चे बिना किसी कारण के कुर्सियां फेंक रहे हैं, एक-दूसरे को काट रहे हैं, मार रहे हैं। इसके अलावा टॉमी शेरिडन ने ११ साल तक किंडरगार्टन में पढ़ाया है। उन्होंने बताया कि कई छात्र मुश्किल से बोल पा रहे थे। कई शौचालय नहीं जा सकते। कई तो पेंसिल पकड़ने में भी परेशानी महसूस कर रहे थे। प्री-स्कूल शिक्षिका प्रâेडरिक ने कहा कि इस साल आने वाले बच्चे इतने अधिक निपुण नहीं थे, जितने महामारी से पहले थे।

बीसीसीआई के लिए स्पष्ट संदेश : मुंबई में होना चाहिए वर्ल्डकप फाइनल … आदित्य ठाकरे की गर्जना

सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई में विश्व विजयी टीम के स्वागत के लिए हुए सेलिब्रेशन के कारण बीसीसीआई को स्पष्ट संदेश मिला है। इसलिए फिर से वर्ल्डकप फाइनल मुंबई के अलावा दूसरी जगह लेने का विचार न करे। मुंबई में ही वर्ल्डकप होना चाहिए, इस तरह की गर्जना शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व युवासेनाप्रमुख आदित्य ठाकरे ने सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर पोस्ट करते हुए बीसीसीआई पर भी तंज कसा।
उल्लेखनीय है कि टी-२० वर्ल्ड कप विजेता टीम का मुंबई में गुरुवार को अभूतपूर्व स्वागत किया गया। रोहित सेना के स्वागत के लिए मुंबई और उपनगरों के खेल प्रेमियों का मरीनलाइन्स स्थित समुद्र के किनारे महासैलाब उमड़ पड़ा था। इस दौरान नरीमन प्वाइंट से वानखेड़े स्टेडियम तक निकाली गई विजय रैली में भीड़ ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए।
खेलप्रेमियों की इस भीड़ और सेलिब्रेशन का जिक्र करते हुए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व युवासेनाप्रमुख आदित्य ठाकरे ने मुंबई को नजरअंदाज करते हुए साल २०२३ के वनडे वर्ल्ड कप फाइनल को अमदाबाद ले जानेवाली बीसीसीआई पर निशाना साधा है।
देशवासियों को अनमोल तोहफा
हिंदुस्थानी टीम ने विश्वकप का १३ साल का लंबा इंतजार २९ जून को खत्म कर दिया और अरबों देशवासियों को टी-२० विश्व कप के रूप में अनमोल तोहफा दिया। मुंबईकरों ने अपने विशिष्ट जज्बे के साथ चैंपियनों का स्वागत किया और दिखा दिया कि यह विश्व खिताब कितना खास है। डेढ़ घंटे के विशाल और जोशीले विजय जुलूस में क्रिकेट के प्यार में सराबोर होने के बाद वानखेड़े में विश्व चैंपियनों का उसी उत्साह के साथ स्वागत किया गया। छह घंटे से इंतजार कर रहे क्रिकेटप्रेमी विश्व विजेता हिंदुस्थान की पहली झलक देखकर सचमुच अभिभूत हो गए। वे पिछले छह घंटे से डांस कर रहे थे। इसके साथ ही वानखेड़े में वर्ल्ड चैंपियनों को डांस करते देख उनके कदम फिर से थिरक उठे।

 

 

 

 

हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश के युवा कर रहे विदेश पलायन … अग्निवीर से दूरी ‘डंकी’ मारने की मजबूरी!

– मोदी सरकार ने तोड़ा युवकों का जुनून
– योजना के बाद एक झटके में टूट गया सपना
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
कुछ वर्ष पहले जिन्हें फौजियों का गांव कहा जाता रहा है। पिछले कई दशकों से यहां के लड़कों के लिए सेना एक जुनून, एक सपना, एक बड़ा करियर रहा है। इन गांवों से हजारों युवकों ने सेना में भर्ती होकर देश की सेवा की है। इन इलाकों की अर्थव्यवस्था और सामाजिक सरंचना को सेना के जीवन ने दिशा दी है, लेकिन ‘अग्निपथ योजना’ के बाद स्थिति एक झटके से बदल गई है। केंद्र की मोदी सरकार ने ‘अग्निपथ योजना’ लाकर न सिर्फ युवकों को बेरोजगार किया है, बल्कि उनके सपनों को भी बिखेर दिया है। यही नहीं मोदी सरकार की हठधर्मिता के कारण युवकों का सैनिक बनने का जुनून भी अब खत्म हो गया है और वे रोजगार की तलाश में ‘डंकी’ मारने को मजबूर हो गए हैं।
‘आजाद हिंद फौज’ के समय से सेना में जाते रहे यहां के युवा
हरियाणा से युवाओं का विदेशों में पलायन कोई नई बात नहीं है। मगर हरियाणा के जींद, हिसार और भिवानी जिले के कई गांवों के निवासियों को विदेश ने नहीं लुभाया। ‘आजाद हिंद फौज’ के समय से यहां के युवा सेना में जाते रहे हैं। बड़ौदा, भोंगरा, करसिंधु और बास जैसे गांवों के प्रवेश-द्वार शहीद सैनिकों के स्मारक दिखाई देते हैं, जो भीतर कदम रखने से पहले ही इलाके की कथा सुना देते हैं। दो साल पहले तक इन गांवों के लड़के दसवीं पास करने के बाद सेना जाना चाहते थे। मगर ‘अग्निपथ योजना’ आने के बाद यह रिवायत बदलने लगी है। इन गांवों के सरपंचों के अनुसार, बीते दो सालों में एक हजार से भी ज्यादा युवा विदेश चले गए हैं, जिनमें से अधिकांश सेना की तैयारी करते थे। इनके अलावा कई युवा पासपोर्ट बनवाकर वीजा का इंतजार कर रहे हैं या ‘डंकी’ रूट की तलाश में हैं, यानी देश की सीमाओं को अवैध तरीके से पार करना चाहते हैं। कई सालों से पंजाब और हरियाणा से लोग बड़ी संख्या में जंगल, पहाड़ और नदियों के रास्ते अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में अवैध तरीके से पहुंचते रहे हैं।
जींद के बड़ौदा गांव की आबादी २० हजार से ऊपर है। ५० वर्षीय सरपंच रेशम सिंह बताते हैं कि ‘आजाद हिंद फौज’ से लेकर अभी तक इस गांव के लगभग एक हजार से भी ज्यादा निवासी सेना में रह चुके हैं। सेना के प्रति प्रेम के चलते अग्निवीर आने के बाद भी बच्चों ने पैरा-मिलिट्री या हरियाणा पुलिस का विकल्प नहीं चुना। बीते दो सालों में इस गांव से लगभग ५०० लड़के विदेश निकल चुके हैं। इनमें बड़ी संख्या सेना में भर्ती की तैयारी करने वाले युवाओं की थी।
रेशम सिंह के अनुसार, अधिक संख्या ‘डंकी’ रूट से जानेवालों की होती है। बेरोजगारी को इसका कारण बताते हुए वे कहते हैं कि ‘अगर नहीं जाएंगे तो यहीं भूखे मरेंगे’।
‘अग्निवीरों’ का नया निशान लोहा, लकड़ी और किराने की दुकान
चंबल के युवाओं का सेना से मोहभंग होने लगा है। मुरैना जिले की वैâलारस तहसील के निवासी मनु सिकरवार कहते हैं कि दो साल पहले तक २० वर्षीय मनु सेना में जाना चाहते थे और जी-जान से तैयारी में जुटे थे। ‘अग्निपथ योजना’ ने उनके सपनों का गला घोंट दिया। ‘अग्निपथ योजना’ के कारण सेना में जाने का सपना छोड़ना पड़ा, क्योंकि वहां कोई भविष्य नहीं है। ‘अग्निवीर योजना’ की तस्वीर का एक स्याह पक्ष पूर्व सरपंच हाजी मोहम्मद बताते हैं, ‘जो बच्चे सेना की तैयारी कर रहे थे, अब उन्होंने किराने, लोहे और काठ (फर्नीचर) की दुकानें खोल ली हैं।
आगरा में ‘अग्निवीर’ ने की खुदकुशी
आगरा एयरफोर्स स्टेशन में तैनात एक अग्निवीर ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। आरिसर टेक्नीकर्स एरिया (शाहगंज) में रात डेढ़ बजे ‘अग्निवीर’ जवान श्रीकांत कुमार चौधरी (२२) ने खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली। श्रीकांत मूलत: बलिया के नारायणपुर गांव के निवासी थे। बताया जाता है कि डेढ़ साल पहले श्रीकांत ‘अग्निवीर योजना’ के तहत संतरी पद पर भर्ती हुए थे। श्रीकांत चौधरी के घरवालों ने मौत के सही कारणों की जानकारी लेने का प्रयास किया, लेकिन अधिकारियों ने बताने से परहेज कर दिया। एयरफोर्स के कारपोरल बी. सिंह ने केवल इतना कहा कि गोली लगने से मौत हुई है। कहा कि घटना की जांच के लिए बोर्ड ऑफ इंक्वायरी का गठन किया गया है। गौरतलब है कि वर्ष २०१९ में भी एयरफोर्स परिसर स्थित आवास में हिमांशु सिंह (३२) का शव फंदे पर लटका मिला था। वह स्क्वॉड्रन लीडर के पद पर कार्यरत थे। वह मूलत: मुरादाबाद के निवासी थे।

अगस्त में गिरेगी मोदी सरकार!-लालू यादव का दावा

भाजपा पर बोला हमला, कहा आरक्षण विरोधी
२८वें स्थापना दिवस राजद दिखाई ताकत
सामना संवाददाता / पटना
राष्ट्रीय जनता दल के २८वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए लालू प्रसाद ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार बहुत कमजोर है। इस साल अगस्त तक ही यह सरकार चलेगी। मैं पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं से तैयार रहने की अपील करता हूं, क्योंकि चुनाव कभी भी हो सकते हैं। दिल्ली में मोदी सरकार बहुत कमजोर है और यह अगस्त तक गिर सकती है। लालू प्रसाद यादव ने कहा कि हमने पिछले २७ सालों में काफी उतार चढ़ाव देखे हैं। उतार-चढ़ाव के कारण राजद मजबूत हुआ है। तेजस्वी के नेतृत्व में आगे की लड़ाई को लड़ेंगे।
वहीं तेजस्वी यादव ने अपने पिता के बयान पर सहमति जताते हुए कहा कि केंद्र की सरकार पांच साल नहीं चलेगी। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि नीतीश कुमार २०२४ में या २०२५ में विधानसभा चुनाव करीं, राजद ही सरकार बनाएगा। उन्होंने कहा कि थोड़ा और मेहनत करते तो ज़्यादा सीट जीतते। भाजपा पर हमला बोलते हुए लालू यादव ने कहा कि भाजपा आरक्षण विरोधी पार्टी है। जाति आधारित जन गणना कराई और ७५ प्रतिशत तक आरक्षण सीमा बढ़ाई। भाजपा सत्ता में आते ही ७५ प्रतिशत आरक्षण को रोकने की साजिश रची। उन्होंने कहा कि भाजपा संविधान और आरक्षण विरोधी है। तेजस्वी यादव ने अपनी सरकार में पांच लाख नौकरियां देने का काम किया। राष्ट्रीय जनता दल २८ व्ैें स्थापना दिवस के मौके पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव को चांदी का मुकुट पहनाया गया। कार्यक्रम में अन्य कई वरीय नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए।

१५ दिन में १२ पुलों का गिरना मतलब भ्रष्टाचार चरम पर
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में डबल इंजन का अद्भुत खेल है, एक इंजन भ्रष्टाचार में लगा हुआ है और एक इंजन अपराध में लगा हुआ है। १५ दिन में १२ पुलों का गिरना कोई सामान्य घटना नहीं है। यह भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा है। जिस दिन से नीतीश कुमार भाजपा के सहयोग से सीएम बने हैं। बिहार में लगातार भ्रष्टाचार देखने को मिल रहा है। बिहार में लगातार अपराध की घटनाएं हो रही हैं। जिन लोगों ने बेरोजगारी, गरीबी, महंगाई बढ़ाई, जिन लोगों के कार्यकाल में पुल टूटा, उन्हें हम सत्ता में वापस नहीं आने देंगे।

फडणवीस के गृह जिले नागपुर की मेट्रो में भारी भ्रष्टाचार! …कैग ने किया खुलासा

– विधानसभा में उठा मुद्दा
– सत्तापक्ष-विपक्ष में हुई जमकर नोकझोंक
सामना संवाददाता / मुंबई
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के गृह जिले नागपुर मेट्रो में भारी पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। यह खुलासा वैâग की रिपार्ट में हुआ है। वैâग के खुलासे के बाद कल विधानसभा में नागपुर मेट्रो में हुए भ्रष्टाचार के मुद्दे पर विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच जमकर नोक-झोंक हुई। नागपुर मेट्रो में हुए तथाकथित भ्रष्टाचार का मुद्दा राकांपा विधायक जयंत पाटील ने उपस्थित किया। पाटील द्वारा उठाए गए मुद्दे पर सत्तारूढ़ दल के विधायक इतना आक्रामक हो गए कि उनके ऊपर टूट पड़े।
पाटील ने सवाल किया कि जब उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी नागपुर में थे तो यह भ्रष्टाचार वैâसे हुआ? पाटील के ये शब्द सत्ताधारियों को नागवार गुजरा। उन्होंने पाटील से मांफी मांगने की मांग की। हालांकि पाटील ने माफी मांगने से साफ इनकार कर दिया।
जयंत पाटील ने कहा कि सरकार में भ्रष्टाचार का काम चल रहा है। प्रोजेक्ट या टेंडर को इस तरह से मैनेज किया जाता है कि कुछ भी ऑडिट में नहीं आता। महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में जो पैसे की बाढ़ देखने को मिली, उसकी जड़ में यही भ्रष्टाचार है। नगर विकास विभाग में बड़े पैमाने पर मेट्रो का निर्माण इसका उदाहरण है। जयंत पाटील ने सदन को बताया कि उपमुख्यमंत्री के नागपुर शहर में मेट्रो को लेकर वैâग की रिपोर्ट सामने आ गई है और कैग ने इस मामले में प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। जयंत पाटील ने कहा कि महाराष्ट्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा निर्धारित वेब पोर्टल पर नागपुर मेट्रो के लिए निविदाएं प्रकाशित की हैं, लेकिन इसे व्यापक रूप से प्रचारित किए बिना केवल कुछ लोगों को अनुबंध दिलाने के लिए एक प्रणाली बनाई गई।
भाजपा की आपत्ति
भाजपा के आशीष शेलार ने जयंत पाटील द्वारा गडकरी का नाम लेने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि किसी पर आरोप लगाना है तो नोटिस देना होगा, जो सदन के सदस्य नहीं हैं उनका नाम लेने का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने मांग की कि जयंत पाटील दोनों नेताओं का नाम वापस लें और माफी मांगें।
हम किसी की मेहरबानी से नहीं चुने गए
इस पर जयंत पाटील ने शेलार को जमकर सुनाया। उन्होंने कहा कि शेलार को नहीं पता कि मैं किस बारे में बात कर रहा हूं। मैंने ऐसा कुछ भी बुरा नहीं कहा, जिससे इसे रिकॉर्ड से हटाया जा सके। मैंने किसी पर कोई आरोप नहीं लगाया। मैंने अभी कहा कि उनके शहर में इस तरह की चीजें हो रही हैं। माफी किससे और क्यों मांगे? हम उनकी कृपा से नहीं चुने गए हैं। उन्हें अपने कान खुले रखने चाहिए और चुपचाप सुनना चाहिए।

भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम पर ‘रार’ … मोदी चाहते हैं कोई उनका करीबी नेता बने

– संघ से सीधा ताल्लुक रखने वाले के नाम से परहेज

रमेश ठाकुर / नई दिल्ली
भाजपा के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम पर शीर्ष नेताओं में आम सहमति नहीं बन पा रही है। संगठन से एकाध नाम सुझाए गए हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने खारिज कर दिए। सूत्र बताते हैं दोनों चाहते हैं कि उनका कोई करीबी नेता ही बने अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष। फिलहाल अध्यक्ष पद के नाम को लेकर दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में रोजाना मैराथन बैठकें जारी हैं।
वर्तमान अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल बीते ३० जून को समाप्त हो चुका है। वह अब केंद्र सरकार में मंत्री हैं इसलिए उनके पास दोहरा दायित्व है। सूत्र बताते हैं कि नए अध्यक्ष पद का नाम भी ऐसा सामने निकल कर आएगा, जो सभी को चकित करेगा।
बता दें, १५ जुलाई से भाजपा का संगठन चुनाव और सदस्यता अभियान छेड़ा जाएगा। इन दोनों में राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर जिले के मंडल अध्यक्षों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। वहीं, अगले ४ महीनों में महाराष्ट्र, झारखंड, जम्मू-कश्मीर और हरियाणा जैसे राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में भाजपा का केंद्रीय संसदीय बोर्ड अपने अध्यक्ष का चुनाव कर लेना चाहता है। नए अध्यक्ष पद के लिए विनोद तावड़े, विनोद बंसल, के लक्ष्मण, देवेंद्र फडणवीस व ओम माथुर जैसे नामों की चर्चाएं हैं। पर, मोदी-शाह नहीं चाहते संघ का कोई करीबी नेता अध्यक्ष बने। मोदी पार्टी की कमान अप्रत्यक्ष रूप से अपने पास ही चाहते हैं। मोदी-शाह अच्छे से जानते हैं कि लोकसभा चुनाव में मनमाफिक जीत नहीं मिलने से हालात बहुत बदल चुके हैं।

सरकारी योजना से वोट खरीदने की कोशिश! … लाडकी बहीन योजना पर वडेट्टीवार का तंज

 

बहनें नहीं देंगी भीख
सामना संवाददाता / मुंबई
यह केवल सरकारी योजना से वोट खरीदने की कोशिश है, लेकिन हमारी बहनें इन्हें भीख बिल्कुल भी नहीं देंगी। इन शब्दों में नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने राज्य सरकार की लाडकी बहीन योजना पर तंज कसा है।
मानसून सत्र का कल आठवां दिन था। सदन में जाने से पहले विजय वडेट्टीवार ने मीडिया से संवाद साधा। उन्होंने कहा कि लाडकी बहीन योजना यदि शुरू भी की गई, फिर भी इस सरकार के पक्ष में बहनें मतदान नहीं करेंगी। उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि यह सद्बुद्धि इन्हें पहले क्यों नहीं सूझी। अब जबकि चुनाव मुंहाने पर पहुंच चुका है, तब इन्हें अक्ल आई। इससे इन्हें कुछ भी प्राप्त नहीं होगा।
सरकार किसानों से कर रही जालसाजी
वडेट्टीवार ने कहा कि मराठवाड़ा से किसानों की ३५० डीपी चोरी हो गई है। उस पर सरकार का ध्यान नहीं है। किसानों को ४,६०० करोड़ रुपए सरकार ने नहीं दिया। आपदाग्रस्तों के नाम पर १५ करोड़ रुपए जारी करते हुए किसानों के साथ ठगी की जा रही है। सरकार किसानों के साथ जालसाजी कर रही है। बीड में सरकार ने किसानों की जमीनों को एमआईडीसी के नाम पर लूट लिया।

चुने जाएंगे हमारे तीनों प्रत्याशी
विधान परिषद चुनाव में नामांकन वापस लेने का कल आखिरी दिन था। हाल ही में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा था कि हम प्रत्याशियों का नामांकन वापस नहीं लेंगे। इस बीच पत्रकारों ने पूछा कि क्या महाविकास आघाड़ी की तरफ से इस चुनाव को निर्विरोध कराया जाएगा। इस पर वडेट्टीवार ने कहा कि मुझे विश्वास है कि विधान परिषद के चुनाव में हमारे तीनों प्रत्याशी चुनें जाएंगे। हमारे पास उतना संख्याबल है। इसलिए यह प्रश्न ही नहीं उठता है कि हम नामांकन वापस लेंगे।