यादें

मुझे भी जला दो घर के साथ
बात खत्म हो जाएगी सबके साथ
रूठना क्या मनाना क्या
बीत गया वो जमाना क्या
वो हमारा मेले में मिलना
वो सन्देशा भेजना
वो तेरा वहां से आना
वो मेरा यहां से जाना
दो मस्त दिलों का था
वो दिन सुहाना
जो तूने की थी उस दिन बात मेरे साथ
उसे भूला न था मैं सारी रात
वो तेरी यादें हैं साथ
वो बरसातें हैं साथ
वो हमारा मिलना
वो चमन मे फूलों का खिलना
उन दिनों को याद करके
दर्द होता है सीने में
कोई मजा नहीं अब जीने में
सर्दी के मौसम मे जब बूंदा-बूंदी होती है
हम उन दिनों को याद करतें हैं
आंखों से आंसू बहते हैं
जिंदगी जीना अब आसान नहीं
देता तेरा कोई पैगाम नहीं
जख्म है इतना गहरा कि कोई उसे भरता नहीं
कहीं दूर तक तेरा चेहरा अब नजर आता नहीं
फूल भी बन गए हैं अब कागज के
जिनमें अब नहीं है खुशबू
हर चेहरे में दिखती है तेरी श्क्ल हूबहू
घेरे रहतें हैं मुझे सवालों के सवाल
तू क्यों नहीं देती कोई भी जवाब
शमा जलाए रखी है
तेरी आस बंधाए रखी है
आशा को निराशा मत कर देना
दिल में इक बात छुपाए रखी है
कहां हो कुछ भी पता ही नहीं
जिंदगी से भी कोई शिकवा गिला ही नहीं
जब तू तकदीर में थी ही नहीं
तुझ पर दिल आया क्यों
हमारा मजाक बनाया क्यों
पहले लोग कहते थे देवदास मुझे
अब कहते हैं बिंदास मुझे
पहले सब कहते थे घायल मुझे
अब कहते हैं शायर मुझे।
-अन्नपूर्णा कौल, नोएडा

मानसून मस्ती से सावधान!… मुंबई के टॉप ५ डेंजरस डैम!…बरसात में कभी भी हो सकता है हादसा

-पानी का बहाव अचानक हो जाता है तेज

सामना संवाददाता / मुंबई

मानसून आते ही मुंबईकर आसपास के डैम और झरने पर मस्ती के लिए निकल पड़ते हैं। मगर इनमें से कई डैम और झरने काफी खतरनाक हैं और थोड़ी-सी भी लापरवाही लोगों की जान ले लेती है। मुंबई से थोड़ी दूरी पर स्थित भुशी डैम के पास कल एक ऐसे ही हादसे में एक ही परिवार के ५ लोग बह गए। पुलिस और प्रशासन के मना करने के बावजूद लोग नहीं मानते और हादसे के शिकार हो जाते हैं। मुंबई के पास ऐसे ५ टॉप के डेंजरेस डैम हैं, जहां नहाते वक्त हादसे का खतरा बना रहता है।
वसई के चिंचोटी में मानसून के मौसम में काफी पर्यटक आते हैं। मानसून में वहां पानी का बहाव काफी खतरनाक हो जाता है। बदलापुर के पास भी पिछले हफ्ते डैम के पास कोंडेश्वर में नहाते वक्त एक युवक के पानी में बहने से मौत हो गई थी। पनवेल का गाडेश्वर डैम का पानी भी काफी डेंजरस है और वहां भी अतीत में कई हादसे हो चुके हैं। टिटवाला का कालू डैम भी काफी खतरनाक है। इगतपुरी के पास स्थित वैतरणा डैम भी काफी खतरनाक है। इनके अलावा भी मुंबई के आसपास दर्जनों डैम हैं, जो मानसून में काफी खतरनाक हो जाते हैं।

अचानक बढ़ता है जलस्तर
मानसून के वक्त डैम और वॉटरफॉल से दूर रहना चाहिए। इस मामले में पुलिस और प्रशासन खतरनाक जगहों पर पर्यटकों के लिए अलर्ट का बोर्ड भी लगाता है, जिस पर उस क्षेत्र में जाने की मनाही होती है। पर लोग उसकी अनदेखी करते हैं, जिससे हादसे होते हैं। मानसून में पहाड़ी नदी या झरने का स्तर अचानक तीव्र गति से बढ़ जाता है इसलिए वहां जाना खतरनाक है।

मौज-मस्ती में लापरवाही पड़ी भारी… डैम ने लील ली ५ जिंदगियां!

-एक ही परिवार में ५ मौतों से मातम…लोनावला में मनाने गया था पिकनिक

-दो के शव बरामद…३ की तलाश जारी

सामना संवाददाता / मुंबई

बारिश के मौसम में मौज-मस्ती में लापरवाही काफी भारी पड़ सकती है। लोनावला के मशहूर भुशी डैम में पिकनिक मनाने गए ५ लोगों की जिंदगियों को पानी के तेज बहाव ने डस लिया। खबर लिखे जाने तक बचाव दल ने दो शव बरामद कर लिए थे। दो को बचा लिया गया था, जबकि तीन लापता थे।
कल भुशी डैम के बैकवाटर के पास स्थित झरने में यह हादसा हुआ। इस घटना में ४० वर्षीय महिला और एक १३ वर्षीय लड़के की मौत हो गई। यह परिवार बारिश के दिन का आनंद ले रहा था तभी वे भुशी डैम में बह गए। बताया जा रहा है कि ४-९ वर्ष के तीन बच्चे लापता हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।
बता दें कि भुशी डैम ओवरफ्लो हो गया है और पर्यटकों की भीड़ उमड़ रही है, तभी ये चौकानेवाली घटना सामने आई है। स्थानीय पुलिस ने कहा कि अंसारी परिवार डैम में बह गया है। अंसारी परिवार भुशी डैम के ऊपर जंगल में स्थित बैक वॉटर पर बरसात के दिन का आनंद ले रहा था। लोनावला पुलिस ने जानकारी दी कि पांच लोग भुशी डैम में बह गए। बारिश का आनंद लेने के लिए काफी पर्यटक लोनावला आ रहे हैं। इस बीच यह घटना रविवार दोपहर १.३० बजे हुई, जिसके बाद बचावकर्मी घटनास्थल पर पहुंचे। पुणे ग्रामीण पुलिस अधीक्षक पंकज देशमुख ने बताया कि घटना में ६ वर्षीय दो लड़कियां और ४ वर्षीय एक लड़का लापता हैं, वहीं ४० वर्षीय महिला और १३ वर्षीय लड़के का शव बरामद कर लिया गया है। स्थानीय एसपी ने एक बयान में बताया कि ऐसा लगता है कि वे एक ही परिवार के सदस्य हैं और भुशी बांध से लगभग दो किलोमीटर दूर झरने में फिसल गए, जहां वे डूब गए। इस घटना में बच्चे लापता हैं, जिनकी खबर लिखे जाने तक तलाश जारी थी।

श्रेय की सेंधमारी…‘सत्ता की बारी’ आखिरी है!

लाखों वैष्णवों का मेला बड़े ही भक्तिभाव में पंढरी की ओर आगे बढ़ रहा है और यहां राज्य में सत्तारूढ़ दल बजट के प्रावधानों का श्रेय ले रहे हैं। दरअसल, कोई भी बजट सरकार का होता है, जिसका पार्टी श्रेय न लेने के ही संकेत होते हैं; लेकिन जो पार्टी सारी शर्तों और नीति-नियमों को ताक पर रखकर सत्ता में आई है, उससे हम संसदीय संकेतों, परंपराओं और राजनीतिक नैतिकता का पालन करने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं? राज्य का कामकाज संभालने के बाद से ‘तिघाड़ी सरकार’ सभी संकेतों को कुचल रही है। सदन के सार्वभौम अधिकारों का घोर उल्लंघन कर रही है। (जैसे उनके गुरु मोदी दिल्ली में व्यवहार कर रहे हैं, वैसे ही उनके असंवैधानिक सरकारी चेले महाराष्ट्र में व्यवहार कर रहे हैं।) एक सरकार के रूप में लिए गए निर्णयों पर पार्टी श्रेय का लेबल लगाने के लिए जबरदस्त खींच-तान चल रही है। राज्य के बजट के प्रावधानों और योजनाओं के संदर्भ में भी ‘बिगाड़ी’ सरकार की ‘तिघाड़ी’ में यही खेल शुरू हो गया है। जो योजनाएं मुख्यमंत्री के नाम पर हैं, वे जैसे ‘मिंधे’ गुट की ही हैं, इस तरह की प्रसिद्धि पाने की छटपटाहट शुरू है। इस बजट ने किस तरह जनहित को साधा है, इसका पहाड़ा भाजपावाले ही कहते हैं कि १० जुलाई तक जनता के सामने पढ़ा जाएगा। सत्ता का तीसरा गुट भी ‘जीत’ भी मेरी ‘पट’ भी मेरी के जोश में जनता को इसकी जानकारी देगा कि वैâसे उनके नेताओं ने वित्त मंत्री के रूप में लोकाभिमुख फैसले लिए। बजट खोखला है, तब भी तीनों सत्ताधारी दल ये हमारा ही श्रेय है, ऐसा कहते हुए एक-दूसरे पर ताल ठोक रहे हैं। ये सभी योजनाएं जनहित की हैं, लोगों को सीधे लाभ पहुंचाने वाली हैं, ऐसा इन मंडलियों का खोखला दावा है। क्या वो सचमुच वैसी हैं? उनका सीधा फायदा लोगों को क्या सच में मिलेगा? ऐसे कई प्रश्न अनुत्तरित हैं, फिर भी उसे लेकर खोखली खनखनाहट शुरू है। मूलत: बजट में हुई कई घोषणाओं की स्थिति ‘कुएं में पानी नहीं, तो घड़े में कैसे आएगा’ वाली है। राज्य के आधे जिलों में अभी तक बारिश नहीं हुई है; लेकिन बजट में सूखी घोषणाओं की वर्षा की गई। जुमलों की बाढ़ और झूठे आश्वासनों की अतिवृष्टि की गई। इन्हीं झूठे और जुमलेबाज आश्वासनों के गुब्बारों में श्रेय की हवा भरने का उद्योग सत्तापक्ष में चल रहा है। पिछले ढाई साल में राज्य की ‘लाड़ली बहनों’ को यह सरकार भूल गई थी। लेकिन लोकसभा चुनाव के झटके से उन्हें अचानक ‘बहनों’ की हिचकी (याद) आ गई। यहीं से ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण’ (मुख्यमंत्री मेरी लाडली बहना) के नाम से एक योजना की बजट में घोषणा की गई। अच्छा, प्यारी बहनों की चिंता किसे करनी चाहिए? तो जिस भाई ने बारामती में प्यारी बहन की प्रतिष्ठा मिट्टी में मिल जाए इसके लिए कोई भी कसर नहीं छोड़ी उसने? फिर, इन प्यारी बहनों के हजारों भाई पुणे-नासिक में नशे के दलदल में पाए गए हैं। कई किसान भाइयों के आज भी आत्महत्या करने के कारण उन भाइयों के लिए बहनें आक्रोश कर रही हैं। उन भाइयों को तो सरकार ने बेसहारा ही छोड़ दिया है। फिर भी बहनों के नाम पर यह जुमलेबाजी करने का दुस्साहस सत्ताधारी कर रहे हैं। हालांकि ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण’ योजना आकर्षक है, लेकिन राज्य की लाखों बहनें अनगिनत नियमों और शर्तों की उलझन को कैसे सुलझा पाएंगी? यह प्रश्न है। इसके अलावा महंगाई की आग आपने ही भड़काई है। ऐसे में आपकी बमुश्किल डेढ़ हजार की ‘फूंक’ बहनों को कितनी राहत दे पाएगीr? ये भी एक सवाल है। इन सवालों का जवाब देने के बजाय सत्ताधारी दल श्रेय ले रहे हैं और अपनी छाती पीट रहे हैं। लोकसभा की ही तरह कल के विधानसभा चुनाव में भी जनता आपको हमेशा के लिए सत्ता से ‘अनाथ’ करनेवाली है। बजट की योजनाओं का कितना भी श्रेय ले लें, आपकी ये ‘सत्ता की बारी’ आखिरी ही है।

ड्रैगन ने २,००० वर्ग किमी भारतीय भूमि पर कर रखा है कब्जा, फिर भी अडानी मांगे चीनी इंजीनियर!

-३० को लाने के लिए केंद्र से मांगी मंजूरी

-कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरा

सामना संवाददाता / नई दिल्ली

गलवान कांड के बाद चीन ने हिंदुस्थान की २,००० वर्ग किलोमीटर भूमि पर कब्जा कर रखा है पर मोदी सरकार इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं है। एक तरफ जहां मोदी सरकार दिखावे के लिए चीन का विरोध करती है, वहीं उसके समर्थक चीनी समान के विरोध का ड्रामा करते हैं। ऐसे में मोदी के प्रिय उद्योगपति अडानी ने अपने प्रोजेक्ट के लिए चीनी इंजीनियरों की मांग की है। इसके लिए उन्होंने मोदी सरकार से मंजूरी मांगी है। कांग्रेस ने इस मामले में मोदी सरकार को घोरा है।
बता देंं कि अडानी समूह ने अपने सोलर मैन्युपैâक्चरिंग प्रोजेक्ट में सहायता के लिए आठ चीनी कंपनियों का चयन किया है। इस खबर का हवाला देते हुए कांग्रेस ने सवाल किया कि क्या करदाताओं के पैसे का लाभ चीनी कंपनियों को मिलना चाहिए?
मोदी सरकार का चीनी विरोध सिर्फ दिखावा!

मोदी सरकार का चीनी विरोध सिर्फ दिखावा है। मोदी सरकार के प्रिय उद्योगपति अडानी अपने सोलर प्रोजेक्ट के लिए चीन से इंजीनियरों को मंगाने जा रहे हैं। इसकी मंजूरी देने के लिए अडानी ने मोदी सरकार से गुहार लगाई है। इस मामले में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट लिखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए ‘भारत को चीन पर निर्भरता से मुक्त करने के लिए’ एक रणनीति बनाने का आह्वान किया।
रमेश ने कटाक्ष करते हुए लिखा, ‘नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री ने १९ जून, २०२० को गलवान झड़पों के बाद कहा था कि न कोई हमारी सीमा में घुस आया है, न ही कोई घुसा हुआ है। हालांकि, वह अपने एक ‘टेम्पोवाले’ दोस्त की मदद करने के लिए चीनी श्रमिकों को वीजा जारी करने में कोई हिचकिचाहट नहीं दिखाते हैं।’ इसके साथ ही कांग्रेस नेता ने अडानी सोलर द्वारा चीन से कुछ इंजीनियरों को हिंदुस्थान लाने के लिए केंद्र से मांगी गई अनुमति की खबर को शेयर करते हुए ये बातें लिखी हैं। उन्होंने एक व्यवसायिक अखबार की एक रिपोर्ट के आधार पर पीएम मोदी को घेरा है। उक्त रिपोर्ट में लिखा है, ‘ऐसा माना जा रहा है कि अडानी समूह ने सोलर मैन्युपैâक्चरिंग प्रोजेक्ट के लिए चीन से करीब ३० इंजीनियरों को लाने के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी मांगी है। ये इंजीनियर अडानी समूह को सौर उपकरणों की एक मजबूत और स्वदेशी वितरण व्यवस्था बनाने में मदद कर सकते हैं। कंपनी ने अपने प्रस्तुतिकरण में वीजा के लिए आठ विदेशी नागरिकों का उल्लेख किया है। सभी चीन से हैं।’ इस मामले में जयराम रमेश ने कहा है, ‘प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव पीएलआई स्कीम के तहत करदाताओं के पैसों का बड़ा हिस्सा पाने वाले अडानी समूह ने कथित तौर पर अपने सोलर मैन्युपैâक्चरिंग प्रोजेक्ट में मदद के लिए आठ चीनी कंपनियों का चयन किया है और ३० चीनी श्रमिकों के लिए वीजा जारी करने की विशेष अनुमति मांगी है।’ कांग्रेस नेता रमेश ने तंज कसते हुए कहा कि ये सहयोग आत्मनिर्भरता के नाम पर हो रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत को चीन पर निर्भरता से मुक्त करने के लिए उचित रणनीति बनाने का समय आ गया है, और यह सुनिश्चित करने का समय आ गया है कि करदाताओं के पैसे से चीनी कंपनियों को लाभ न पहुंचे। राष्ट्रीय हित से ज्यादा अपने दोस्तों को प्राथमिकता देना प्रधानमंत्री का यह स्वभाव हो सकता है, लेकिन इसे राष्ट्रीय नीति नहीं बनने दिया जा सकता है।’

छत्रपति संभाजीनगर में ७ जुलाई को शिवसंकल्प सम्मेलन… शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे करेंगे मार्गदर्शन

सामना संवाददाता / मुंबई

किसानों को न्याय देंगे और गद्दारों को गाड़ेंगे, इस घोष वाक्य के तहत शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे के प्रमुख मार्गदर्शन में रविवार, ७ जुलाई की सुबह ११.०० बजे छत्रपति संभाजीनगर के बीड बायपास रोड पर सूर्य लांस में शिवसंकल्प सम्मेलन होगा। इस तरह की जानकारी शिवसेना नेता व विरोधी पक्ष नेता अंबादास दानवे ने कल पत्रकार परिषद में दी।
इस सम्मेलन में छत्रपति संभाजी नगर जिले के शिवसेना कार्यकर्ताओं का तकनीकी, सामाजिक और राजनीतिक तौर पर मार्गदर्शन किया जाएगा। पदाधिकारियों को चुनाव के दौरान प्रचार, प्रसार और कार्यक्रम किस तरीके से आयोजित किए जाने चाहिए, इसे लेकर प्रशिक्षण शिविर भी आयोजित किया गया है। दानवे ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कार्यकर्ताओं में उत्साह का निर्माण करना ही इसका मुख्य उद्देश्य है।
शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए जनवरी महीने से ही प्रचार करने की शुरुआत कर दी थी। प्रचार के दौरान उन्होंने कुल १०५ सभाएं की थी, उसका परिणाम हम सभी के सामने है। अंबादास दानवे ने घोषणा करते हुए कहा कि ठीक उसी तर्ज पर विधानसभा चुनाव को लेकर पूर्व तैयारी की शुरुआत छत्रपति संभाजी नगर से की जाएगी।
शामिल होंगे ५,००० शिवसैनिक
अंबादास दानवे ने कहा कि इस सम्मेलन में जिले के ५,००० शिवसैनिक शामिल होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले दो-ढाई सालों में घटित हुई घटनाओं को भूलकर एक बार फिर से नए जोश के साथ पदाधिकारी अपने काम में जुट जाएं, इसके लिए ही यह संकल्पना चलाई जा रही है। दानवे ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में छत्रपति संभाजी नगर जिले से शिवसेना ने छह विधानसभा सीटें जीती थी, लेकिन दो साल पहले इनमें से पांच लोगों ने न केवल गद्दारी की, बल्कि शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ विश्वासघात भी किया। अंबादास दानवे ने कहा कि जिले में फिर से छह की छह सीटों पर कब्जा करने के लिए संकल्प लिया जाएगा।
पूर्व तैयारी को लेकर बैठक
इस सम्मेलन का नियोजन करने के लिए अंबादास दानवे ने कल शिवसेना पदाधिकारी, महिला आघाड़ी और युवासेना पदाधिकारियों की बैठक क्रांति चौक स्थित मातृभूमि प्रतिष्ठान कार्यालय में ली। इस दौरान अंबादास दानवे ने सभी पदाधिकारियों को नई मतदाता सूची, पुराने मतदाताओं के नाम को दुरुस्त करना और मतदाता पहचान पत्र बनवाने के लिए वार्ड स्तर पर शिविर आयोजित करने का सुझाव दिया।

विधानसभा में मविआ १८० सीटें जीतेगी…संजय राऊत का दावा

-घातियों का भविष्य मात्र दो से तीन महीने

सामना संवाददाता / मुंबई

महाविकास आघाड़ी का चेहरा कौन? इस पर हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है। लोकसभा में जब तीनों ने मिलकर चुनाव लड़ा तो नतीजा सबने देखा है इसलिए विधानसभा चुनाव में भी हम महाराष्ट्र में एक साथ चुनाव लड़ने जा रहे हैं। महाविकास आघाड़ी आगामी विधानसभा चुनाव में कम से कम १७५ से १८० सीटें जीतेगी, ऐसा विश्वास शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने जताया है।
उन्होंने पुणे में पत्रकारों से बातचीत के दौरान एनसीपी अध्यक्ष शरदचंद्र पवार के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में हमारा चेहरा ही हमारी महाविकास आघाड़ी है। पवार सही कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को प्रधानमंत्री का चेहरा चुना जाता तो इंडिया गठबंधन की देश में कम से कम २५ से ३० सीटें बढ़ जाती। हमें इसमें कोई संदेह नहीं है कि विधानसभा चुनाव में महाविकास आघाड़ी को पूर्ण बहुमत मिलेगा। कोई भी सरकार या संस्था चेहराविहीन नहीं होनी चाहिए। लोगों को पता होना चाहिए कि वे किसे वोट दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में हम इस मुद्दे पर बैठकर चर्चा करेंगे और फैसला लेंगे।

फडणवीस को गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं
देवेंद्र फडणवीस को गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है। राज्य की जनता ने उनकी पार्टी और उनके नेतृत्व को खारिज कर दिया है। फडणवीस स्वयं को नाना फडणवीस का बड़ा भाई मानते थे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। नाना फडणवीस चालाक लोगों में से एक थे, लेकिन फडणवीस का इसमें कोई स्थान नहीं है।
-संजय राऊत, शिवसेना नेता व सांसद

जनता फिर नकारेगी
शिवसेना को धोखा देने के बाद सत्ता में आई ‘घाती’ सरकार के दो साल पूरे हो रहे हैं। यह धोखाधड़ी के दो साल हैं और ‘घाती’ सरकार का भविष्य अब बस दो-तीन महीने है। लोकसभा चुनाव में जनता ने इस सरकार को लात-मारी और नकार दिया। सांसद संजय राऊत ने दृढ़ विश्वास व्यक्त किया कि विधानसभा चुनाव में भी घातियों की भारी हार ही एकमात्र पर्याय है। तटस्थ माने- जानेवाले विधानसभा अध्यक्ष ने पक्षपातपूर्ण निर्णय देकर इस सरकार को बचा लिया। पहले ही हम जो कह रहे थे कि इस देश का संविधान खतरे में है, महाराष्ट्र सरकार, नरेंद्र मोदी, अमित शाह, देवेंद्र फडणवीस, राहुल नार्वेकर द्वारा संविधान की हत्या का ज्वलंत उदाहरण है। राज्यपाल ने बेहद असंवैधानिक तरीके से बहुमत परीक्षण का आदेश दिया। प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, राज्यपाल, न्यायालय, विधानसभा अध्यक्ष ने अवैध, असंवैधानिक कार्रवाई की और इस अवैध सरकार का जन्म हुआ।

हमारा एक ही फोकस ‘मछली की आंख’…शरद पवार ने बताया विधानसभा चुनाव का प्लान

-छोटे दल भी बनेंगे सीट शेयरिंग का हिस्सा

सामना संवाददाता / मुंबई

लोकसभा चुनाव के बाद अब विधानसभा चुनाव सिर पर हैं। किसी भी वक्त विधानसभा चुनाव की घोषणा हो सकती है। लोकसभा की तरह विधानसभा चुनाव भी महाविकास आघाड़ी मिलकर लड़ेगी। इस संबंध में राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने एक सांकेतिक बयान दिया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में तीन महीने का समय है। हम वास्तव में इस बीच कड़ी मेहनत कर मविआ को फायदा दिलाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज महाराष्ट्र में बदलाव की जरूरत है और लोगों की उस जरूरत को पूरा करना हमारा कर्तव्य है। शरद पवार ने यह भी कहा कि हम उस संबंध में पूरी मेहनत करेंगे।
विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बारे में पूछे जाने पर शरद पवार ने कहा कि अभी हमारा एक ही फोकस है। जैसे अर्जुन का ध्यान मछली की आंख पर था, वैसे ही हम महाविकास आघाड़ी के सभी दलों का ध्यान विधानसभा चुनाव पर है। इस चुनाव का सामना तीनों पार्टियां एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) मिलकर करेंगी।
हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की जनता ने महाविकास आघाड़ी को अच्छा सहयोग किया। इस चुनाव में सीटों का बंटवारा तीन पार्टियों के बीच हुआ था, लेकिन महाविकास आघाड़ी में लेफ्ट, राइट कम्युनिस्ट, फार्मर्स लेबर पार्टी और अन्य छोटी पार्टियां भी पूरा सहयोग कर रही थीं। लोकसभा चुनाव में उन्हें सीटें नहीं दे पाए, लेकिन विधानसभा चुनाव में इन साथियों के हितों की रक्षा करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है।

साथ मिलकर चुनाव लड़ने की कोशिश है। सीट शेयरिंग को लेकर हमारी तीनों पार्टियों के साथ अभी तक कोई बातचीत नहीं हुई है। हम जल्द ही चर्चा करेंगे और सीटें साझा करेंगे। उसके बाद हर पार्टी प्राप्त सीटों पर अपना उम्मीदवार तय करेगी और काम में लग जाएगी।

-शरद पवार, अध्यक्ष- राकांपा (शरदचंद्र पवार)

खोके और फीसदी का रहा राज्य सरकार का दो साल…गर्त में ले गए महाराष्ट्र… अंबादास दानवे का तंज

सामना संवाददाता / मुंबई

दो साल तक जो महाविकास आघाड़ी के मंत्रिमंडल में रहे, उन्होंने ही शिवसेना को तोड़ने और गद्दारी का काम किया। वर्तमान सरकार के दो साल खोके, फीसदी और महाराष्ट्र को गर्त में ले जाने का काम किया है। इस तरह का तंज विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे ने कसा है।
मीडिया से बात करते हुए नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे ने कहा कि लाडली बहना योजना की घोषणा की गई, लेकिन नियमों और शर्तों के कारण कुछ चुनिंदा महिलाओं को ही योजना का लाभ मिलेगा। किसानों के लिए घोषणाएं की गईं, लेकिन १५ हजार करोड़ रुपए किसानों को देना बाकी है। राज्य में २५ हजार करोड़ रुपए के घाटे का बजट होते हुए भी घोषणाओं का क्रियान्वयन वैâसे होगा, यह सवाल है। महाराष्ट्र में अन्य राज्यों की तुलना में बिजली दरें अधिक हैं। ग्रामीण इलाकों में २ से ४ घंटे तक बिजली नहीं मिलती है।
दिखावा साबित होगा मुफ्त बिजली की घोषणा
दानवे ने कहा कि राज्य में बिजली की कमी है। बिजली नहीं मिल रही है। ऐसे में मुफ्त बिजली का क्या फायदा होगा, यह आनेवाला समय बताएगा। किसानों को मुफ्त बिजली की घोषणा एक दिखावा साबित होने की संभावना है। अंबादास दानवे ने कहा कि सरकार के पास मौजूद बिजली और किसान को जितनी बिजली की जरूरत है, उसका अनुपात निकाला जाए तो किसान को बिजली मिलना मुश्किल है।
फसल बीमा कंपनियों की बढ़ी दादागीरी
सरकार ने एक रुपया में फसल बीमा देने की घोषणा की। किसानों के हिस्से का भुगतान सरकार द्वारा किया गया, लेकिन फसल बीमा कंपनियों की दादागीरी बढ़ गई है। महाज्योति, सारथी, बारटी योजना सरकार द्वारा उपेक्षित है। छात्रों को रियायतें नहीं मिलतीं। दानवे ने यह भी कहा कि दूध पाउडर आयात करने का फैसला किसानों के खिलाफ है।

अजीत पवार के किले की दीवार लगी ढहने!..१६ नगरसेवकों ने शरद पवार से की मुलाकात

-०६ विधायकों ने भी घर वापसी की दर्शाई थी तैयारी

सामना संवाददाता / मुंबई

लोकसभा चुनाव में बारामती सीट से सुनेत्रा पवार की हार को अजीत पवार गुट के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। हालांकि, रायगढ़ में सुनील तटकरे की जीत से अजीत पवार खेमा भारी संकट से बच गया है। विधानसभा चुनाव में क्या हो सकता है, इसे लेकर राजनीतिक हलके में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। फिलहाल, अजीत पवार गुट में असहज माहौल है। रोहित पवार लगातार दावा कर रहे हैं कि अजीत पवार गुट के विधायक हमारे संपर्क में हैं। इसका प्रमाण भी धीरे-धीरे सामने आने लगा है। अजीत पवार के करीबी नेताओं ने अब शरद पवार खेमे में जाने की तैयारी दर्शाई है। अजीत पवार के गढ़ पिंपरी-चिंचवड़ के १६ नगरसेवकों ने लोकसभा चुनाव से पहले शरद पवार से मुलाकात कर घर वापसी की इच्छा व्यक्त की है। इससे पहले अजीत पवार गुट के ६ विधायकों ने एनसीपी (शरदचंद्र पवार) अध्यक्ष जयंत पाटील से मुलाकात कर घर वापसी की तैयारी दर्शाई थी। अब इन नगरसेवकों के साथ छोड़ने से अजीत पवार के किले की दीवार ढहने लगी है। ऐसे में अजीत पवार को बड़ा झटका लग सकता है। अजीत पवार को अब अपनी पार्टी संभालना एक चुनौती बनता जा रहा है।
बता दें कि अजीत पवार ने अपने राजनीतिक करियर की अपना गढ़ माने-जानेवाले पिंपरी-चिंचवड़ से ही शुरुआत की थी, लेकिन अब उन्हें वहां से चुनौती मिल रही है। पिंपरी-चिंचवड़ के एनसीपी शहर अध्यक्ष अजीत गव्हाणे समेत १६ नगरसेवकों ने शनिवार देर रात पुणे के मोदी बाग में शरद पवार से मुलाकात की। समझा जाता है कि अजीत पवार गुट से भोसरी के पूर्व विधायक विलास लांडे भी शरद पवार से मिलनेवाले हैं। इससे अजीत गुट में काफी हलचल देखी जा रही है। शरद पवार से मुलाकात करनेवाले ८ नगरसेवकों के नाम भी सामने आए हैं।
पहले दादा से की मुलाकात, फिर पहुंचे साहब के पास
शरद पवार से मुलाकात से पहले पिंपरी-चिंचवड़ के पूर्व नगरसेवक और पदाधिकारियों ने अजीत पवार से मुलाकात की थी। महायुति में एक फॉर्मूला तय हो गया है कि जिस विधानसभा में जिसका विधायक है, उसी के खाते में वह सीट जाएगी। इससे साफ है कि भोसरी विधानसभा सीट भाजपा के खाते में जानेवाली है, जबकि इस सीट पर अजीत पवार गुट से शहर अध्यक्ष अजीत गव्हाणे खुद चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। अगर अजीत गव्हाणे चुनाव लड़ने में असमर्थता जताते हैं तो पूर्व विधायक विलास लांडे चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।

अरविंद सावंत बने लोकसभा में पार्टी के गट नेता… अनिल देसाई को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया

सामना संवाददाता / मुंबई

मुंबई-दक्षिण लोकसभा सीट से जीत की हैट्रिक लगाने वाले शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के सांसद अरविंद सावंत को लोकसभा में पार्टी का गट नेता नियुक्त किया गया है। सावंत लगातार तीसरी बार इसी चुनाव क्षेत्र से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं। सावंत ने एकनाथ शिंदे गुट की यामिनी जाधव को भारी मतों से शिकस्त दी थी। इसके बाद पार्टी ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है, वहीं दक्षिण-मध्य मुंबई के नवनिर्वाचित सांसद अनिल देसाई को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। देसाई इस चुनाव क्षेत्र से दो बार के सांसद रहे राहुल शेवाले को भारी मतों से हराकर संसद पहुंचे हैं। पार्टी ने वरिष्ठ शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व राज्यसभा सांसद संजय राऊत को राज्यसभा में पार्टी का गट नेता और दोनों सदनों के संसदीय दल के नेता के रूप में नियुक्त किया है। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर इन नियुक्तियों की जानकारी दी है। उद्धव ठाकरे ने पत्र की शुरुआत में लेकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पुन: लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने पर बधाई दी। बता दें कि हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के ९ सांसद चुनकर संसद पहुंचे हैं और राज्यसभा में भी २ सदस्य हैं।