भारत और बेल्जियम ने mRNA-आधारित टीकों पर सहयोग बढ़ाने की घोषणा की

सामना संवाददाता / मुंबई

भारत की अग्रणी बायोटेक कंपनी टेकइन्वेंशन लाइफकेयर प्राइवेट लिमिटेड (TechInvention) ने बेल्जियम की क्वांटूम बायोसाइंसेज़ (Quantoom) के साथ mRNA-आधारित टीकों के विकास में सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण साझेदारी की है। इस समझौते पर 4 मार्च 2025 को बेल्जियम की आर्थिक व्यापार यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए गए। इस मौके पर बेल्जियम की राजकुमारी एस्ट्रिड, उद्योग जगत के प्रमुख व्यक्ति और दोनों देशों के महत्वपूर्ण प्रतिनिधि उपस्थित थे।
भारत में आधुनिक mRNA तकनीक की शुरुआत
टेकइन्वेंशन, भारत में क्वांटूम की अत्याधुनिक RNA निर्माण तकनीक की सहायता से टीकों का बड़े पैमाने पर उत्पादन करेगा और साथ ही ये टीके किफायती दरों पर उपलब्ध होंगे। इस तकनीक द्वारा RNA-आधारित टीकों के विकास में तेजी आएगी और इससे जुड़ी समस्याओं को कम किया जाएगा। टेकइन्वेंशन की विशेषताओं में शोध करने की क्षमता, नियामक ज्ञान और अच्छी गुणवत्ता शामिल है। इन क्षमताओं के साथ यह कंपनी इन उत्पादों के विकास, विस्तार और व्यावसायीकरण में तेजी लाने में सक्षम होगी।
यह साझेदारी भारतीय बायोटेक क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी और मुंबई स्थित टेकइन्वेंशन के आगामी EU-GMP-अनुमोदित “ग्लोबल कोलेबोरेटिव सेंटर फॉर मेडिकल काउंटरमीजर्स” (GCMC) में mRNA बनाने की क्षमता को मजबूत करेगी।

टीएमयू के फॉरेंसिक स्टुडेंट्स अब करेंगे यूनिवर्सिटी ऑफ फिलीपींस का भ्रमण

सामना संवाददाता / मुरादाबाद

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद नित नई वैश्विक बुलंदियों की ओर अपने कदम बढ़ा रहा है। टीएमयू के स्टुडेंट्स को एक और बड़ी सौगात मिली है। अब टीएमयू के स्टुडेंट्स और फैकल्टीज यूनिवर्सिटी ऑफ फिलीपींस का भ्रमण कर सकेंगे। साथ ही यूनिवर्सिटी ऑफ फिलीपींस के स्टुडेंट्स और फैकल्टीज टीएमयू का दौरा करेंगे। इसके लिए तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ फिलीपींस के बीच एक ऐतिहासिक एमओयू साइन हुआ है। एमओयू के तहत कोलाबोरेटिव रिसर्च, ट्रेनिंग, फॉरेंसिक इंवेसटिगेशन, नॉलेज स्किलिंग, स्टुडेंट्स एंड फैकल्टीज इंटरचेंज, ज्वाइंट प्रोजेक्ट आदि की सहमति बनी है। एमओयू पर टीएमयू की ओर से डीन एकेडमिक्स प्रो. मंजुला जैन, जबकि यूनिवर्सिटी ऑफ फिलीपींस की ओर से यूनिवर्सिटी ऑफ फिलीपींस के कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड साइंसेज की डीन डॉ. मां. टेरेसा जीडी गुजमान ने हस्ताक्षर किए हैं। टीएमयू के वीसी प्रो. वीके बोले कि एमओयू के बाद फॉरेंसिक स्टुडेंट्स फॉरेंसिक इन्नोवेशन से अपडेट होंगे। साथ ही टीएमयू की फैकल्टीज यूनिवर्सिटी ऑफ फिलीपींस के कॉलेज ऑफ आर्ट एंड साइंस में मास्टर इन फॉरेंसिक बिहेवियरल साइंस को डवलप करने में मदद करेगी। यूनिवर्सिटी ऑफ फिलीपींस के कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड साइंसेज की डीन डॉ. मां. टेरेसा जीडी गुजमान ने उम्मीद जताई, यह एमओयू हमारे स्टुडेंट्स और फैकल्टीज के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
एमओयू साइन के मौके पर कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड साइंसेज के एसोसिएट डीन डॉ. जय टी. डालेट, टीएमयू के एसोसिएट डीन डॉ. अमित कंसल, पैरामेडिकल के प्रिंसिपल प्रो. नवनीत कुमार, शेरलॉक इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस, दिल्ली के सीईओ डॉ. रंजीत कुमार सिंह, फॉरेंसिक साइंस के एचओडी रवि कुमार, योगेश कुमार, आकाश चौहान आदि की भी उल्लेखनीय उपस्थिति रही। इस एमओयू के बाद टीएमयू के स्टुडेंट्स कम्युनिटी फॉरेंसिक, हेरिटेज फॉरेंसिक और क्राइम सीन इंवेसटिगेशन के बारे में ज्ञान का आदान-प्रदान करेंगे। इसके अलावा ऑनलाइन और ऑफलाइन कॉन्फ्रेंस, सेमिनार, व्याख्यान और गेस्ट लेक्चर्स का भी प्रावधान किया गया है। साथ ही साझा प्रोजेक्ट पर काम कर सकेंगे। उल्लेखनीय है कि टीएमयू में कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज के फॉरेंसिक साइंस विभाग में यूजी, पीजी के संग-संग पीएचडी सरीखे प्रोग्राम भी चल रहे हैं। इन कोर्सेज में यूपी के अलावा दिल्ली, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, जम्मू-कश्मीर आदि के स्टुडेंट्स भी अध्ययनरत हैं।

“महाराष्ट्र में सरकार है या मोहित कंबोज राज?”

सामना संवाददाता / विधान भवन

मुंबई–सरकार जनता की चलती है या फिर मोहित कंबोज की? विधान परिषद विरोधी पक्षनेता अंबादास दानवे ने ये सवाल उठाकर महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया विस्फोट कर दिया है। उनका आरोप है कि मोहित कंबोज के बिना जलसंपदा विभाग में पत्ता तक नहीं हिलता! अंबादास दानवे ने सीधे-सीधे दावा किया कि जलसंपदा विभाग के बड़े अधिकारी मोहित कंबोज से पूछे बिना कोई निर्णय नहीं लेते। उन्होंने सरकार से मांग की कि दीपक कपूर और मोहित कंबोज की बातचीत के कॉल डेटा रिकॉर्ड (CDR) की जांच होनी चाहिए।
“कौन है ये मोहित कंबोज?”
दानवे ने सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए पूछा कि आखिर एक बाहरी व्यक्ति कैसे जलसंपदा विभाग के कामों में हस्तक्षेप कर सकता है? उन्होंने आरोप लगाया कि जलसंपदा विभाग के बड़े अधिकारी दीपक कपूर “मोहित कंबोज को पूछे बिना पानी भी नहीं पीते!” और तो और, जब विधानसभा में मोहित कंबोज का नाम लेने पर आपत्ति उठी, तो दानवे ने सीधा पलटवार किया, “क्या मोहित कंबोज आपका दामाद है?”
“फाइलें सरकार की नहीं, मोहित कंबोज की मंजूरी से आगे बढ़ती हैं!”
राज्य में बांध, नहरों और जलस्रोतों से जुड़े कई काम लंबित हैं, लेकिन फैसले सरकार नहीं, बल्कि मोहित कंबोज लेते हैं! दानवे ने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर मैं बोलना शुरू करूं तो बहुत सारे घोटाले खुल जाएंगे! उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार मोहित कंबोज और दीपक कपूर की बातचीत की जांच करे, नहीं तो हम सबूत पेश करेंगे।
“महाराष्ट्र में प्रशासन ठप, घोटाले चरम पर!”
अंबादास दानवे ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि राज्यपाल के भाषण का अपमान होता है, महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद की बैठकें नहीं होतीं, और “दावोस में किए गए समझौते राज्य की खुली लूट का प्रमाण हैं!” उन्होंने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि “लाडकी बहन-लाडका भाऊ योजना में अब लाडके भाइयों को ही सताया जा रहा है!”
“महाराष्ट्र में लोकतंत्र है या ‘मोहितंत्र’?”
अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि महाराष्ट्र की सत्ता आखिर चला कौन रहा है–”सरकार या फिर मोहित कंबोज?” इस आरोप से सरकार बैकफुट पर आ गई है और अब देखना ये होगा कि आगे क्या खुलासे होते हैं और इस मुद्दे पर महाराष्ट्र की राजनीति क्या करवट लेती है!

मढ़ आइलैंड में अवैध निर्माणों पर चला मनपा का बुलडोजर, मार्वे और अक्सा में भी कार्रवाई

सामना संवाददाता / मुंबई

बीएमसी (बृहन्मुंबई महानगरपालिका) ने मढ़ आइलैंड, मार्वे और अक्सा में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माणों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए कई अवैध इमारतों को ध्वस्त कर दिया। हाल ही में नालासोपारा में अवैध निर्माणों से मिली सीख के बाद, मनपा प्रशासन ने अब मालाड पश्चिम के पी/नॉर्थ वार्ड में सख्ती दिखाते हुए बुलडोजर की कार्रवाई तेज कर दी है।

 

पी/नार्थ के सहायक मनपा आयुक्त कुंदन वलवी ने मार्वे, अक्सा और मढ़ आइलैंड जैसे कई इलाकों में विशेष रूप से नजर रखने की जिम्मेदारी कार्यकारी अभियंता सागर राणे, सहायक अभियंता विजय मानकर और उप अभियंता प्रवीण मुल्क को दिया था। इस टीम ने पिछले कई दिनों के दौरान लगभग एक दर्जन के अवैध निर्माणाधीश इमारतों को चिन्हित किया। इसके बाद पुलिस बल की सुरक्षा लेकर उन्हें ध्वस्त कर दिया।

मनपा पी/नॉर्थ वार्ड के सहायक मनपा आयुक्त कुंदन वलवी ने बताया कि इस काम में 2 फोकलाइन, 3 बुलडोजर, 12 बीएमसी के अधिकारी और 20 मजदूर लगे थे। मनपा ने मार्वे में सगुण बंगलो में बन रहे कई मंजिला के आरसीसी स्ट्रक्चर, मार्वे रोड पर ग्रीन विलेज के पास बन रहे आरसीसी स्ट्रक्चर, मढ़ आइलैंड में बन रहे तीन मंजिला का आरसीसी स्ट्रक्चर कुल 65 रूम बने थे, जिसे जमींदोज किया गया है।

मनपा अधिकारियों ने साफ कर दिया है कि मुंबई में अवैध निर्माणों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी रहेगी। पी/नॉर्थ वार्ड के अधिकारियों ने मार्वे, अक्सा और मढ़ आइलैंड जैसे इलाकों में विशेष निगरानी रखी है ताकि भविष्य में कोई अवैध निर्माण दोबारा न हो सके।

“मुंबई को कोई नहीं छीन सकता!”

राजन पारकर / विधान भवन

मुंबई–महाराष्ट्र की राजधानी, मराठी अस्मिता का गहना, और हर मराठी माणूस का अभिमान! लेकिन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता भैय्याजी जोशी ने ऐसा बयान दिया कि राज्य की राजनीति में मानो भूकंप आ गया। उन्होंने कहा कि हर किसी को मराठी सीखने की जरूरत नहीं, क्योंकि घाटकोपर में तो गुजराती बोली जाती है। बस, फिर क्या था! शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे गरजे और ऐसा गरजे कि पूरा महाराष्ट्र हिल गया!
“जोशी जी, ये क्या बोल गए?”
शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने भैय्याजी जोशी पर सीधा वार करते हुए कहा कि ये लोग मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की साजिश कर रहे हैं! हम मराठी लोग मुंबई को कभी अलग नहीं होने देंगे। इतना ही नहीं, उन्होंने तो ये तक कह दिया कि भैय्याजी जोशी पर देशद्रोह का मामला दर्ज होना चाहिए। उद्धव ठाकरे ने मुंबई के हुतात्मा स्मारक पर जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी और एलान किया कि कोई कितना भी जहर घोले, लेकिन मराठी और मुंबई को अलग नहीं कर सकता!
भाजपा की बढ़ी मुश्किलें!
इस बयान के बाद भाजपा भी मुश्किल में फंसती दिख रही है। विपक्ष ने मौका देखकर हमला बोल दिया है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने भी भैय्याजी जोशी को आड़े हाथों लिया। महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर “मराठी बनाम अमराठी” का मुद्दा गर्मा गया है। अब देखना ये है कि भाजपा इस पर क्या सफाई देती है और यह विवाद आगे कहां तक जाता है?

एसडीओ कार्यालय की खस्ता हालत!..सुनसान इलाके का दुरुप्रयोग कर सकते हैं असामाजिक तत्व

अनिल मिश्रा / उल्हासनगर

जैसा कि महाराष्ट्र में जगह-जगह पर एकांत, सुनसान, असुरक्षित जगह का प्रयोग समाज के असामाजिक तत्व लोग बलात्कर, नशा के लिए अड्डा बना रखे हैं। वैसे ही उल्हासनगर का एसडीओ कार्यालय भी कहीं बलात्कर जैसी काली करतूतों का शिकार न हो जाय। इसके एसडीओ को योग्य कदम उठाने की जरूरत है। ऐसी चर्चा उल्हासनगर में शुरू है।
उल्हासनगर के समाजसेवी कुमार मंगतानी ने बताया कि उल्हासनगर कैंप नंबर तीन, पवई परिसर में एसडीओ कार्यालय है, जो पहले ब्रिटिश कालीन बैरेक में था। उसकी स्थिति जर्जर सी हो गई है। उसके आगे एक दो मंजिल इमारत बना कर उसमें एसडीओ कार्यालय शुरू किया गया है। एसडीओ कार्यालय को उपजिलाधिकारी कार्यालय भी कहते हैं। उसका दायर उल्हासनगर, अंबरनाथ, बदलापुर-वांगनी तक आता है। एसडीओ कार्यालय में जमीनी विवाद, जमीन मालिकाना हक, जाति प्रमाण, समाचार पत्र (पेपर) डिक्लेरेशन, जाति प्रमाण पत्र की जांच जैसे तमाम तरह के कार्य किए जाते हैं।
एसडीओ को एक दंडाधिकारी का अधिकार भी प्राप्त है। उल्हासगर, अंबरनाथ तहसीलदार के वरिष्ठ होते हैं। इसके बावजूद कार्यालय परिसर की दशा देखने के लायक नहीं है। कार्यालय परिसर ने जंगल का रूप ले रखा है। पुराने कार्यालय के कई कमरे के दरवाजे पर ताला लगा है। वहीं कई कमरे के दरवाजे खुले हैं। आज समाज के विकृत लोग, नशेड़ी लोग बलात्कार, छेड़छाड़ कर रहे हैं। कार्यालय का नाम काली करतूतों के इतिहास में न छा जाए, इसके लिए मुख्य इमारत के पीछे के पुराने कार्यालय को तोड़कर उस जगह को समतल कर सुशोभीकरण करने की जरूरत है।
एसडीओ विजयानंद शर्मा ने बताया कि पुराने एसडीओ कार्यालय के साथ ही उल्हासनगर सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) कार्यालय में रखे गए कागजात की छंटाई का कार्य चल रहा है। जल्द से जल्द छंटाई कार्य होने के बाद खस्ता हालत में पहुंचे दोनों ही कार्यालय को समतल कर परिसर का सुशोभिकरण किया जाएगा।

दोपहर का सामना इंपैक्ट : कुर्ला-पश्चिम के हलाव पुल में मॉब लिंचिंग करने वालों पर विनोबा भावे पुलिस ने किया मामला दर्ज…आरोपी हुए फरार…स्थानीय जनता ने `दोपहर का सामना’ का प्रकट किया आभार

अशोक तिवारी / मुंबई

कुर्ला-पश्चिम के हलाव पुल क्षेत्र में कुछ लोगों ने फेरीवालों द्वारा हफ्ता न देने से नाराज होकर एक फेरीवाले की जबरदस्त पिटाई की थी और उसके कपड़े फाड़ कर मार्केट में भी घुमाया था। इसके अलावा आरोपियों ने युवक के 17,000 रुपए, अंगूठी और मोबाइल भी छीन लिए थे।
इस संदर्भ में `दोपहर का सामना’ ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी और पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए मांग की थी। `दोपहर का सामना’ की खबर पर संज्ञान लेते हुए विनोबा भावे नगर पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक रविंद्र क्षीरसागर ने मामले की जांच कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था। पुलिस ने इस संदर्भ में गहनता से जांच की और जांच के आधार पर 6 लोगों के विरुद्ध हफ्ता वसूली, मारपीट के अलावा अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। विनोबा भावे नगर पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक रविंद्र क्षीरसागर ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ अपराध क्रमांक 148/2025 भारतीय न्याय संहिता की धारा 308(२), ११५(२),३५२, ३५१(२),१८९(२),१९१(२) के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपियों में इरफान कुरैशी, इकबाल कुरैशी, बल्लू, रेहान और दो अन्य लोगों का समावेश है। वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक रविंद्र क्षीरसागर ने बताया कि गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस के निर्देश पर अपराध करने वालों के विरुद्ध सख्त एक्शन लिया जा रहा है और भविष्य में भी गुंडागर्दी तथा अन्य अपराध करने वालों पर पुलिस सख्ती से पेश आएगी। बता दें कि फेरीवालों ने गोल बिल्डिंग से लेकर कार्तिका हाई स्कूल तक पूरी तरह से सड़क पर कब्जा कर लिया है। फ्रेंड्स कॉलोनी के आगे कार्तिका हाई स्कूल और माइकल हाई स्कूल है, जिसमें कई हजार बच्चे पढ़ते हैं। फेरीवालों की वजह से आए दिन स्कूली बच्चे दुर्घटना में घायल होते रहते हैं। फेरीवालों की दादागिरी इतनी है कि अगर कोई उनके खिलाफ शिकायत करता है तो वह मारपीट पर उतर आते हैं।
1 वर्ष पूर्व भी कुछ फेरीवालों ने एक नाबालिग बच्ची के साथ छेड़छाड़ की थी। इस प्रकरण में भी `दोपहर का सामना’ में खबर प्रकाशित होने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया था। पुलिस द्वारा सख्त एक्शन करने पर स्थानीय जनता ने `दोपहर का सामना’ और विनोबा भावे नगर पुलिस का आभार प्रकट किया है।

महाकुंभ में दातून बेचने वाले आकाश यादव का समरस फाउंडेशन ने किया सम्मान

सामना संवाददाता / मुंबई

प्रयागराज महाकुंभ में दातून बेचकर चर्चित हुए आकाश यादव का आज महानगर की प्रतिष्ठित सामाजिक संस्था `समरस फाउंडेशन’ द्वारा बोरीवली-पूर्व स्थित कार्यालय में महाकुंभ गौरव सम्मान देकर सम्मानित किया गया। जौनपुर जनपद के मडि़याहू तहसील स्थित गांव तुलसीपुर के रहने वाले आकाश यादव ने अपनी गर्लफ्रेंड की सलाह पर महाकुंभ में दातून बेचने का काम किया। अत्यंत विनम्र सरल और बोलने की खास स्टाइल के चलते आकाश ने मात्र एक सप्ताह में 40 हजार रुपए से अधिक कमाए। सोशल मीडिया पर चर्चित हुए आकाश यादव को डांस का महा मुकाबला में आमंत्रित किया गया, जहां फिल्म स्टार मिथुन चक्रवर्ती तथा अभिनेत्री मलाइका अरोड़ा भी उनसे प्रभावित हुए। समरस फाउंडेशन के चेयरमैन डॉ. किशोर सिंह ने आकाश का हौसला अफजाई करते हुए शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर महासचिव तथा वरिष्ठ पत्रकार शिवपूजन पांडे, उपाध्यक्ष मानिकचंद यादव, उपाध्यक्ष मुकुंद शर्मा, उपाध्यक्ष सतीश मिश्रा, सचिव सुरेंद्र पांडे, विशेष सलाहकार रामकृपाल शर्मा, एडवोकेट प्रशांत परदेसी, रामलिंगम, रोहित यादव, शिव यादव, अक्षय, विवेक पटेल, आलोक वर्मा, चंद्रेश समेत अनेक लोग उपस्थित रहे। आकाश यादव की लोकप्रियता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि आज उनके इंस्टाग्राम पर फॉलोअर्स की संख्या 50 हजार पार कर गई।

एक हाफ सियासी ‘शो’ से साफ! …पिक्चर हो या पॉलिटिक्स सीएम कर रहे शिंदे की कटिंग

सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र की ‘ईडी’ २.० सरकार बार-बार सबकुछ ठीक होने का दिखावा कर रही है। मगर बीच-बीच में ऐसी खबरें आ जाती हैं, जो यह बताने के लिए काफी हैं कि इस सरकार के भीतर ‘शीत युद्ध’ चरम पर है। सीएम देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के बीच का टकराव राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। जब तब शिंदे का मुंह फूल जाता है और वे अपने गांव जाकर कोप भवन में बैठ जाते हैं। कभी बीमार पड़ने की खबर आती है तो कभी कुछ और की। अब ताजी घटना फिल्म ‘छावा’ के शो से आई है। कल नरीमन प्वांइट के आयोनॉक्स थिएटर में इस फिल्म का खास शो था, जिसमें सीएम देवेंद्र फडणवीस, डिप्टी सीएम अजीत पवार के साथ पहुंचे थे। इस शो की खासियत यह रही की वहां सरकार के एक अन्य हाफ डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे गायब थे। शिंदे के इस ‘शो’ में नजर नहीं आने के बाद राजनीतिक गलियारों में इस तरह की चर्चाएं चलने लगीं कि ‘छावा’ के इस ‘शो’ से एक हाफ साफ हो गया। बता दें कि शिंदे इन दिनों फिल्म के शो के साथ ही सरकार के ‘शो’ से भी साफ हैं।

पालक मंत्री न मिलने से नाराज
डिप्टी सीएम शिंदे को ठाणे जिले का पालक मंत्री पद चाहिए था। मगर उन्हें वह भी न मिला। यही नहीं शिंदे गुट के अन्य मंत्रियों को भी मनचाहा पालक मंत्री का पद नहीं दिया गया। इससे भी शिंदे नाराज हो गए।

शिंदे के फैसले को पलटा
सीएम फडणवीस ने पूर्व सीएम शिंदे के कई पैâसलों को पलट दिया है। उनकी कई फाइलें रोक दी गर्इं। निजी सचिव व ओएसडी की नियुक्ति पर भी फडणवीस ने कंट्रोल कर लिया। इससे शिंदे की नाराजगी काफी बढ़ गई।
शिंदे खासा नाराज
मुख्यमंत्री न बनाए जाने से शिंदे भाजपा और फडणवीस से खासा नाराज हैं। बड़ी मुश्किल से उन्हें किसी तरह से भाजपा ने मनाकर डिप्टी सीएम पद की शपथ दिलाई। इसके बाद शिंदे गृह मंत्रालय पद के लिए अड़ गए थे। मगर उन्हें वह भी नहीं मिला।

 

संपादकीय : ‘टैरिफ’ का सोंटा …मैत्री का बुलबुला फूट गया!

प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को अपील की कि पूरी दुनिया भारत को एक भरोसेमंद साझेदार के रूप में देख रही है। इसलिए देश के औद्योगिक क्षेत्र को इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए। लेकिन उनके परममित्र प्रेसिडेंट ट्रंप ने मोदी के इस विश्वास पर कुठाराघात किया है। ट्रंप महाशय ने अंतत: आयात शुल्क लादने की अपनी धमकी पर अमल कर लिया है। अत: ‘रेसिप्रोकल टैरिफ’ यानी ‘जैसे को तैसा’ कर लागू हो गया है। इस २५ फीसदी आयात शुल्क का असर चीन, कनाडा, मैक्सिको और भारत जैसे देशों पर भी पड़ा है। चीन, कनाडा और मैक्सिको ने प्रतिक्रिया में अमेरिकी माल पर परस्पर शुल्क लगाने की घोषणा की है। ट्रंप के पैâसले पर उनके ‘मित्र’ मोदी क्या कहेंगे? ट्रंप के दोबारा अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के तुरंत बाद मोदी ने अमेरिका का दौरा किया था। ट्रंप को गले लगाया था। दोनों ने ‘तेरा गला, मेरा गला’ कहकर अपनी मित्रता की गवाही दी थी। भारत में भी मोदी भक्तों ने इस बात के गुब्बारे हवा में छोड़ दिए थे कि मोदी के चलते, ट्रंप के एकतरफा प्रशासन का असर भारत पर किस तरह नहीं पड़ेगा और मोदी की चाणक्यनीति वैâसे सफल हुई। लेकिन जब से मोदी जी का विमान अमेरिका से उड़ा है, तब से ट्रंप महाशय मोदीभक्तों द्वारा उड़ाए गए
गुब्बारों को फोड़ रहे
हैं। आयात शुल्क यानी ‘रेसिप्रोकल टैरिफ’ लगाने का ट्रंप का ताजा पैâसला भारत के लिए बड़ा झटका है। क्योंकि अमेरिका भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। इसलिए अमेरिका के इस पैâसले का भारतीय उद्योग जगत पर व्यापक असर पड़ेगा। ट्रंप के ‘टैरिफराज’ से मुख्य रूप से आईटी, दवा, ऑटोमोबाइल के साथ-साथ स्टील और एल्युमीनियम समेत टेक्सटाइल सेक्टर पर भारी असर पड़ेगा। ट्रंप पहले ही वीजा नियमों को सख्त कर चुके हैं। जिसके चलते भारतीय आईटी उद्योग के सामने कई समस्याएं खड़ी हैं। अब उस पर आयात शुल्क बढ़ोतरी का भी बढ़ेगा भार बढ़ेगा। भारतीय दवा कंपनियां अमेरिका को सबसे अधिक जेनेरिक दवाएं आपूर्ति करती हैं। इस पैâसले से उनके निर्यात पर असर पड़ेगा। भारतीय ऑटो इंडस्ट्री पहले से ही मंदी जैसे हालात का सामना कर रही है। ‘ट्रंप टैरिफ’ से हालात और खराब हो सकते हैं। भारतीय कपड़ा और वस्त्र उद्योग अमेरिका को बड़ी मात्रा में निर्यात भी करता है। आयात शुल्क के कारण उस भी ब्रेक लगेगा। ट्रंप महोदय के
प्रथम शासनकाल में
उनकी इसी तरह की नीतियों से भारतीय इस्पात उद्योग को झटका लगा था। अब उनके दूसरे कार्यकाल में भी इस उद्योग को इसी तरह खामियाजा भुगतना पड़ेगा। ट्रंप अपने आर्थिक निर्णयों को राष्ट्रीय हित का मुलम्मा चढ़ाते हैं। वे बताते हैं कि उनके इस वैâलकुलेशन से अमेरिकी औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। यह तो भविष्य में ही पता चलेगा कि उनका वैâलकुलेशन सही है या नहीं, लेकिन इससे भारत जैसे देश के आर्थिक समीकरण बिगड़ रहे हैं, इसका क्या? टं्रप का दूसरा शासन भारतीय उद्योग और अर्थव्यवस्था में ‘अच्छे दिन’ लाएगा, ट्रंप भारत के लिए बिडेन की तुलना में ‘अधिक सही’ हैं, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के दौरान मोदी भक्त इस तरह के रंगीन सपने दिखाते हुए कह रहे थे। लेकिन ये वो ही ट्रंप हैं जो चुने जाने के बाद एक के बाद एक पैâसले लेकर इन सपनों का रंग उतार रहे हैं। उन्होंने भारत पर ‘टैरिफ’ का सोंटा लगाने में कोई ‘आगा-पीछा’ नहीं सोचा। खुद को ट्रंप का परम मित्र बताने वाले हमारे प्रधानमंत्री मोदी अब क्या करेंगे? वे जो करेंगे सो करेंगे, लेकिन ट्रंप के पैâसलों से निश्चित तौर पर मोदी की चाणक्यनीति और ट्रंप मैत्री का बुलबुला फूट गया है, इसमें दो राय नहीं।